Asia Cup 2022: अफगानिस्तान हारी तो पूर्व क्रिकेटर अमित मिश्रा ने कर दी पाकिस्तानी अभिनेत्री की बोलती ब

#AsiaCup2022: अफगानिस्तान हारी तो पूर्व क्रिकेटर अमित मिश्रा ने कर दी पाकिस्तानी अभिनेत्री की बोलती बंद #AsiaCup #Pakistan

           

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8 वर्ष पहले देशवासियों ने जब "नरेंद्र मोदी" को भारतवर्ष की बागडोर सौंपी, तब न भारतीयों को मालूम था, ना-हि विश्व को कि चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य जैसा दिव्य-दृष्टा, प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर रहा है। जनता ने तो UPA के कुकर्मों से निजात पाने हेतु मोदीजी को सत्ता सौंपी थी, लेकिन मोदीजी के निरंतर देशहितैषी कार्यों से भारतीयों सहित सम्पूर्ण विश्व भौचक्का हो गया कि मोदी इंसान है या शक्तिपुंज? देश के साथ समस्त विश्व हेतु हितैषी होने के कारण मोदीजी की आपदाएं, खुद आपदाग्रस्त हो जाने से बड़े-बड़े धुरंधर चकरा जाते हैं कि सदियों उपरांत भारत का शासक एक जीवट व्यक्ति है।

प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार में सर्वोच्च मंत्री होता है, जो लोकसभा तथा राज्यसभा सदस्यों में मंत्री बनाने के लिए राष्ट्रपति को अनुशंसा भेजता है। विशेष परिस्थिति में बगैर सदन सदस्य को भी मन्त्री बनाया जा सकता है, जिसे 6 महीने होने से पहले सांसद बनना जरूरी है। PM का मुख्य कार्य मंत्रियों की कार्य समीक्षा करना है। किसी मंत्री द्वारा त्यागपत्र देने पर उसका मंत्रालय स्वतः PM के पास चला जाता है। इसलिए PM के पास अक्सर 8-10 मंत्रालय रहते हैं। प्रधानमंत्री की सर्वोच्च ताकत परमाणु बम का स्मार्ट कोड प्रधानमंत्री के पास होना है।

प्रधानमंत्री क्षणिक हटते ही तत्काल मंत्रिमंडल भंग। 2 मिनट बाद दूबारा वही प्रधानमंत्री बनने से भी पुनः शपथ ग्रहण समारोह, जिसमें अनेक नये मंत्री, कुछ को पार्टी कार्य या राज्यपाल पद। देशहित में जब, जिसे चाहे, केन्द्रीय मंत्री बनाया-हटाया जा सकता है। कारण, प्रधानमंत्री को जन-आकांक्षाओं पर खरा जो उतरना है। इसीलिए विपक्षी सांसद भी डरते हैं कि कहीं स्पष्ट बहुमत होते हुए भी प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया तो कोई अन्य बनेगा या दूबारा चुनाव होंगे। लोकतंत्र सिद्धांत अनुसार 50% दूबारा लोकसभा सदस्य नहीं बन सकते, क्योंकि किसी को पार्टी टिकट नहीं, तो कईयों को जनता सबक सिखायेगी। 1977 में इंदिरा तथा संजय गांधी की पराजय सहित UP में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ।

मोदीजी देशविरोधी कानून खत्म करके राष्ट्र और जन हितैषी कानून चरणबद्ध तरीकों से लागू कर रहे हैं। जिस तरह 200Kg वजनी आस्ट्रेलियाई पहलवान किंग-कांग ने भारत आते ही कहा, where is Dara Singh, 130 किलो के दारासिंह ने रांची में 3 बार उठा-पटक करके उसकी सारी हेकड़ी निकाल दी। वैसे ही जब आतँकियों ने पुछा, Who is Modi, तब 05 Aug 2019 को धारा 370 हटाकर उन्हें समझाया कि अगला कदम POK होगा, जिससे आतँकी, आतँकग्रस्त बन गए। अब तो पाक में अनेक अनिंद्रा के मरीज हो गए कि, "ना जाने किस वेश में मिल जायें surgical strike खातिर भारतीय जाबांज।"

पाकिस्तान जो भी करता है, भारत की आर्थिक व्यवस्था को तो भारी नुकसान हुआ, जिससे भारतीय जनता अब पाक से इतनी घृणा करने लग गई कि 1947 में पाकिस्तान बनवा कर नेहरु द्वारा संविधान में धारा 370 और अनुच्छेद 35A जोड़ने के बाद 1960 में भारत पाक जल संधि पर पाक राष्ट्रपति अयूब खान के साथ हस्ताक्षर करके भारत की सिंधु, चेनाब और झेलम का पानी सदैव के लिए पाकिस्तान को देने के लिए सुनिश्चित किये भविष्य में कोई भी सरकार इस जल संधि को रद्द न करे, उसका पानी तक भारत की जनता बंद करना चाहती है, क्योंकि मुफ्त में इतना मिलने के बाद भी पाक को चैन नहीं।

जल संधि समझौता अखंड पाकिस्तान के साथ हुआ था, ना कि पश्चिमी पाकिस्तान के साथ। चुंकि पूर्वी पाकिस्तान अब बंग्लादेश बन चुका, इसलिए जब पूर्वी पाकिस्तान से किया हर समझौता नए सिरे से होने पर भारत को अनेकों नुकसान हुए हैं तो खंडित पाकिस्तान के साथ भी हर समझौता नए सिरे से करने का भारत को तो अधिकार है, खंडित पाकिस्तान को नहीं।