1ºभांड़ करण जौहर , खान आदि ही ट्रेंड सेटर
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शायद आपने भाड़ चरित्र का अध्यन नही किया है ! जहाँ तक अहंकार का प्रश्न है वह क्रमशः धन की बहुलता से दंभ और अविवेक के कारण आता है !
स्वभाव तहः शास्त्रों में चरित्र से सबसे कमजोर भाड़ और मिरासी को ही माना गया है ! वर्ण व्यवस्था के क्रम में इनका कोई स्थान नही है ! किन्तु बदलते समय में व्यक्तित्व का पैमाना धन हो चुका है इसी कारण करण जौहर जैसे घोषित व्यभिचारी समाज में पुस्तक लिख कर इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने का साहस कर पा रहे हैं !
नाट्य कला मगवान शंकर से सम्मानित है किन्तु टुच्चों ने इसे कलंकित कर दिया है !
आज यह एक विकार विकृति पैदा करने का माध्यम् बन चुका है ! जिसके साथ कुछ दिमागदार लोग अपना घृणित उद्देश्य सिद्ध कर रहे हैं !
अच्छे कलाकार और अच्छी पटकथा का अभाव तो हिन्दी फिल्म जगत में दशकों पूर्व शुरू हो गया था लेकिन जानबूझ कर सनातन धर्म पर कुठाराघात करने के निमित्त प्रयास 70 के दशक से शुरू हुआ है !
हिन्दी फिल्म जगत के निर्माण पर जब तक बंगाल का प्रभाव था तब तक ठीक था , जब पंजाब का प्रभाव शुरू हुआ तो साजिशन खराबी आनी शुरू हो गयी और जब यह पूर्ण रूप से दाऊद और खान गिरोह के चंगुल में आया तब से सनातन के खिलाफ ट्रेंड सेट किया जाने लगा फिर भांड़ तो भांड़ हैं वहाँ नैतिकता और चरित्र की उम्मीद बेमानी है !
आप या हम पर यह निर्भर करता है कि हम क्या देखें और अपने बच्चों को क्या दिखायें ! यदि आपके आर्दश यही हैं और आप इन्हें ही देखना चाहते हैं तो आप तैयार रहिये ये आपके घर समेत पूरे समाज को भांड़ और मिरासी बना कर छोड़ेगें !