72 घंटे तक 7 फीट के गड्ढे में ली समाधि, बाहर निकलकर बाबा पुरुषोत्तमानंद बोले- मां दुर्गा से हुआ साक

72 घंटे तक 7 फीट के गड्ढे में ली समाधि (Ravish Pal Singh)

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162906734422580

Rambabu Nishad बायोलॉजी का ही विद्यार्थी हूं, और फार्मासिस्ट भी हूं।
आपकी भाषा में जो ये प्रकृति हैं यही माता जगतजननी आद्याशक्ति देवी दुर्गा जी का ही रुप है।
कभी ज्ञान ग्रहण करो तो पता चले आपको। किताबी आधुनिक डब्बे वाला ज्ञान तो दुनिया ले रही है।
और जो ये science की बात जो कर रहे हो ये भी वेदों से ही उत्पन्न हुईं है गूगल करके देख लो। नासा तक maanti है।
अंकल आप आयु में बहुत बड़े हो गए हो किंतु ज्ञान आपका अभी वहीं पर है जहां शुरू किया था। बस पाप कमाए हैं जीवन में आपने ऐसी छोटी सोच रखकर।


ध्यान की मुद्रा में बैठने वाला इंसान वहां पर जाकर सब कुछ पा सकता है जहां अनेक ऐसी शक्ति होती है कई लोग पहाड़ियों की गुफाओं में जाकर ध्यान करते हैं कई जमीन के अंदर ध्यान करते हैं कई घने जंगलों में ध्यान करते हैं यह संत महात्मा भी गहरे गड्ढे में ध्यान की मुद्रा में बैठने वाले हैं और ध्यान में जब इंसान बैठता है जिससे पूरे देवी देवता पूरा ब्रह्मांड नजर आता है मगर ध्यान में वह शक्ति होनी चाहिए ध्यान में इंसान मरता नहीं है चाहे उसे कितनी सदियां हो जाए किस ने इस साल बीत जाए किसी ने इस साल बीत जाए कितने ही ज्यादा सर्दी जाए जितना वक्त होता है जहान उतना ही गहरा उतना ही लंबा होता है ध्यान की मुद्रा में बैठने वाला इंसान पूरा वह साधु के रूप में बन जाता है हड्डियों का ढांचा भी बन जाए मगर वह ध्यान की मुद्रा में बैठा रहता है जब ध्यान से उसकी मुद्रा हटती है अपनी शक्ति के द्वारा फिर से एक नया रूप आ सकता है ध्यान में बहुत शक्ति होती है ध्यान एक ऐसी चीज है हर इंसान को ध्यान करना चाहिए क्योंकि हम अपने परमात्मा से मिलने के लिए मंदिरों में शिवाला में जाने से कोई मतलब नहीं होता आप एकाद जगह में जाइए और बैठ जाएगी ध्यान में आपको पूरे ब्रह्मांड के दर्शन हो जाएंगे मगर ध्यान में वह शक्ति का केंद्र होना चाहिए ध्यान एक ऐसी चीज है कई लोग कहते हैं कहते हैं कई लोग उसे गुप्त रुप साधना कहते हैं के साधन आए करने वाले लोग किस चीज के उपाय उसका कल्पना करके बैठते हैं वही चीज उनके सामने आकर खड़ी हो जाती है तो इन शब्दों की साधना पाना चाहते हैं कई देवी-देवताओं को पाना चाहते हैं पूरी सृष्टि का उद्धार करने के लिए ध्यान करते हैं ध्यान की मुद्रा ऐसी मुद्रा होती है जिसे हम शत-शत सलाम करते हैं करके तो देखिए कोई अलौकिक आनंद आता है खाना-पीना रोना उठना बैठना सोना जागना सब खत्म हो जाता है ध्यान की मुद्रा में एक चमत्कार है जिसकी जिसकी तासीर का नजारा वही देख सकता है ध्यान में बैठता है