1ºआरती में पहले घी का दीपक होता था, थोड़ी सी लौ होती थी।
आजकल दिखावे ने मार डाला, कपूर से थाली में इतनी भयंकर लौ बनाते हैं जैसे थाली में ही माता रानी प्रकट होनी हैं।
ध्यान रखो यार, लोगों का नुक़सान हो गया, अपने चले गये और धार्मिक अनुष्ठान पर दाग लग गया फ़ालतू में।
मैंने कल ही देखा था एक मंदिर में, लोगों की भीड़ में से पंडित जी आरती लेकर जा रहे थे, तो ये भयंकर लौ जला रखी कपूर से। अगर वहाँ थोड़ी बहुत ऊँच नीच हो जाये तो फिर उस चारों तरफ़ से बंद मंदिर में से कैसे निकलेंगे लोग।
जय माता दी सदबुद्धि दें हम सबको