1ºShivesh Pandey फ्री मे मिल गयी न jobe तो ऐसे लोग काला चस्मा लगाकर अपने आपको ज्ञानी समझने लगते है अगर इतना ही ज्ञानी हो तो बिना आरक्षण के govt jobe मे कॉम्पिटिशन करके दिखाओ, जो इंसान पढ़ा लिखा होकर भी अपनी देव भाषा का सम्मान करना नहीं चाहता जो अपनी संस्कृति को अगर कोई जीवित रखना चाहता है तो जलन होती हो उससे उम्मीद भी क्या करसकते है, रही बात संस्कृत आने न आने की तो महोदय ji आप कोनसे माँ के पेट मे english और हिन्दी या अपनी क्षेत्रीय भाषा सीखकर आये हो अगर नहीं आती है तो सीखो न किसने मना किया है और नहीं सिख सकते तो मुफ्त का आरक्षण लेना बंद करो,मेहनत का खाना सीखो, जिनको आरक्षण की जरूरत है उन गरीबो को लाभ लेने दो, पर तुम ऐसा नहीं करसकते हो मुफ्त की खाने की आदत जो पड़ गयी है न