1ºबहिष्कार बाॅयकाट जारी रखें इन्हें इनकी औकात दिखाना बहुत जरूरी है।
इस फिल्म में हनुमान जी और रावण को जेहादी लुटेरों के 'गेटअप' में दिखाकर सनातनियों की धार्मिक आस्था का मजाक उड़ाया गया है । इसके निर्माता,निर्देशक सहित सभी दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए । फिल्म का भी पूर्ण रूप से बहिष्कार करना चाहिए ।
केंद्र सरकार को वर्तमान सेंसर बोर्ड को भंग कर नया सेंसर बोर्ड बनाना चाहिए । उसके सदस्यों में सेना और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त जज को भी रखना चाहिए,जो धर्म विशेष व सुरक्षा बलों को अपमानित करने वाली फिल्मों को पास न होने दें ।
2ºSanjay Kumar SharmaSanjay Kumar Sharma रावण अहंकारी था सब कुछ होते हुए भी हारना पड़ा और उसकी सजा मिली लेकिन यह दुनिया जो भरी सभा में द्रोपती का चीर हरण करने वाले को भूल रही मामा कंस को भूल रही क्या वह राक्षस नहीं थे उनको भी हर वर्ष जलाना चाहिए
वह तो साक्षात विष्णु अवतार थे जंगल में वनवास काटा लेकिन आज कलयुग में जो राक्षसी खान पीन करते हैं और हर गली शहर में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप होते हैं उनका कुछ नहीं उखाड़ पा रहे राम बनने के लिए बहुत तपस्या करनी पड़ती है संघर्ष करना पड़ता है तब जाकर राम कहलाते हैं और वही राम रावणको मार सकते हैं