पहाड़ी आरक्षण के अमित शाह के दांव से कैसे बदल जाएंगे घाटी के सियासी समीकरण?

अमित शाह ने पहाड़ी समुदाय को एसटी में शामिल करने का भरोसा दिलाकर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक चल दिया है.

           

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Anvar Ansari पहले ये बताओ, 2014 में तो कांग्रेस की सरकार थी,यदि ईवीएम हैक किया जाता है तो बीजेपी कैसे जीत गई, बीजेपी ने ईवीएम कैसे हैक कर लिया, सरकार तो उसकी थी नही, दूसरी बात ये बताओ, अगर तुमलोग को लगता है की ईवीएम गलत है, तो इलेक्शन का बॉयकॉट क्यों नही करते, जब तुम्हे पहले से पता होता है की बीजेपी ईवीएम हैक कर के जीत जाएगी तो तुमलोग वैसे इलेक्शन में भाग किस लालसा से लेते हो, तीसरी बात, जब चुनाव के नतीजे आते हैं, और कुछ राज्यों में नतीजे तुम्हारे पक्ष में आते हैं तो तुमलोग उन नतीजों को मानने से इंकार क्यों नही करते, तुमलोगो को तो कहना चाहिए, की नही हम इस ईवीएम के रिजल्ट को नही मानते, लेकिन जैसे ही तुमलोग जीतते हो वैसे ही तुमलोग के लिए ईवीएम ठीक हो जाता है, चौथी बात बीजेपी ने दिल्ली, बंगाल,तमिलनाडु,राजस्थान,पंजाब,केरल में ईवीएम हैक क्यों नही किया, क्या बीजेपी को वहां हारने का शौक था।