Lalu Yadav Singapore: ट्राउजर और टी-शर्ट में सिंगापुर में बीच पर घूमते दिखे लालू, तस्वीरें आईं सामने

लालू यादव अपनी बेटियों के साथ ट्राउजर और टी-शर्ट में समुद्र बीच पर घूमते हुए भी दिखाई दिए #LaluPrasadYadav #Singapore

           

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जरूरत से ज्यादा तवोज्जु नेताओं को नही देना चाहिए जिनकी बुनियाद ही झूठे आश्वासन और फरेब पर टिकी हो।जनता जिन्हें हितेषी मानती थी,उनकी भावनाओं से खिलवाड़ इन जेपी भक्तों ने बिहार को 40 वर्ष पीछे धकेल दिया ऐसा अब जनता सोचने लगी , अन्यथा बिहार आज देश का अग्रणी व सम्पन्न राज्य होता। पर ये लोग सम्पन्न हो गए। बड़ा दुःखद विषय है बिहार के लिए। चित्र देखकर लगता है ये परिवार विदेश भ्रमण पर गए है चेहरे से सब स्वस्थ नजर आ रहे है। अच्छा है डॉ इन्हें स्वस्थ बताकर वापस सकुशल भेजे। जनता की शुभकामनाये ईश्वर इनकी यात्रा सफल करे।


बिहार का एक ऐसा बड़ा नेता, मुख्यमंत्री जिसके 15-20 साल के नेतृत्व में भी बिहार पिछड़ा का पिछड़ा रहा. विकास, षिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के नाम पर जीरो रहा. जिसने कम्प्यूटर शिक्षा लागू करने के बदले गाय ढोर चलाने वालो के लिए नदी किनारे जंगल में चरवाहा स्कूल खोले, और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के कम्प्यूटर शिक्षा लागू करने वाले प्रोग्राम को य़ह कहके मना कर दिया था....कि कोनों जरूरत नहीं है बिहार में आम्प्यूटर ,कम्प्यूटर शिक्षा की ....
हाँ अपराध, लूट, डाके, हत्याएँ ,अपहरण, अवैध वसूली , माफिया, राजनीतिक भ्रष्टाचार, चुनावी बूथ कैप्चरिंग के मामले मे अव्वल नंबर पर था बिहार प्रदेश लालू प्रसाद यादव के शासन राज में .... ये यादगार इतिहास है. जो हमेशा याद किया जाएगा.
सिद्धांत......
अपन और अपने परिवार की मौज रहे हर पल हर घड़ी
अरे भाई दुनिया जाए भाड़ मे हमे क्या पड़ी .


एक कानून व्यवस्था की झोल को दर्शाता है इसकी किडनी फेल हो गई थी आज तफरी करने मौज मस्ती करने सिंगापुर गया है क्या जेल के अंदर अपराधी को इस प्रकार की छूट मिल सकती है पूरे बिहार को बर्बाद कर दिया और इसकी शाम तो देखिए शर्म नाम की कोई चीज नहीं नहीं गई है किडनी जिसकी फेल होगी वह अस्पताल में भर्ती होगा कि समुद्र के बीच पहला सरकारी खर्चे पर मौज मस्ती कर रहा है बिहार की सरकार करदाताओं का पैसा खुलेआम लूट आ रही है हमें बुला रहे हैं जाने की तैयारियां हैं थोड़े दिन को जल्दी ही आपको भी टिकट कटने वाला है जय श्री राम


*गुजरात के वडनगर में जहाँ पीएम मोदी का पूरा परिवार रहता है सभी भाई रहते है वही घर से 2 km की दुरी पर रैली हो रही थी! लाखो की भीड़ में पीएम मोदी के छोटे भाई भी नजर आये जो काफी पीछे बेठे थे! मिडिया की नजर आखिर तक उन पर रही! उनकी आँखों में आंसू थे क्योंकि परिवार आज भी तंगहाली बदहाली का जीवन जी रहा है! बीपीएल कार्ड से गुजर बसर हो रहा है!* पीएम मोदी के छोटे भाई प्राइवेट जॉब करते है! रैली खत्म होने के बाद मिडिया ने उनसे सवाल पूछा के आप अपने भाई मोदी से कब मिले तो जवाब था जब उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया! *फिर पूछा आप उनसे मदद क्यों नही माँगते जवाब था वे संयासी है वे खुद के लिए कुछ नही कर सके तो हमको क्या देंगे, उन पर देश की जिम्मेदारी है! जो देना है सबको देंगे!* फिर पूछा के नजदीक ही है आप मिल सकते हो तब उन्होंने कहा के उनका एक एक मिनट बहुत कीमती है!
*फिर पूछा दिल्ली जाकर पूरा परिवार मिल क्यों नही लेता शायद आपकी मदद भी हो जाये तब उन्होंने रुला देने वाला जवाब दे दिया, कहा के आज तक देश की मिडिया ने हम सब भाईयो को हमारे परिवार को कभी चैनल पर नही दिखाया, हम क्या करते है*
हम क्या खाते है हमारे घर कैसे है!! हमारे बच्चे कहाँ पढ़ रहे है! शायद इसलिए नही दिखाया के हमारा हाल देखकर कहि विपक्षी पार्टियो का मुँह बंद न हो जाये और देश की जनता के दिल में मोदी भगवान की तरह जगह न बना ले!-दिल्ली जाकर मिल लिए तो यही मिडिया बढ़ा चढ़ाकर *दिखाएगी और पूरा विपक्ष कहेगा के मोदी ने अरबो खरबो रूपये अपने भाइयो को दे दिए!बड़ी बड़ी कंपनी दे दी!*
बड़े बिजनेश करा के दे दिए हम नही चाहते के हमारी वजह से मोदी पर जरा भी ऊँगली उठे! इतना कहते ही वे पार्किंग में खड़ी अपनी पुरानी सी स्कूटर उठाकर चले गए! उनकी आँखों के दर्द को जिसने भी देखा वो रो पड़ा!!
*यही महानता मोदी को दुनिया में सबसे अलग बनाती है!!*
भले ही आप मोदी से नफ़रत करे पर उनको इज्ज़त दीजिए उनके परिवार को इज्जत दीजिए!
*एक यही परिवार ऐसा है जो लालू, मुलायम, मायावती, बादल, केजरीवाल, ममता, जैसे नेताओ के परिवार की तरह नही फला फुला और उनके जैसा नही बन सका!!!!*


Jay Prakash Yadav Prakash अगर तुम्हारी जैसी विचारधारा सबकी हो जाए ना तो दुनिया में कुछ बचेगा ही नहीं। इसीलिए आप लोग जाति की सरकार का इंतजार करते हो कि यादव की सरकार रहे और लूटपाट अपहरण चोरी डकैती गरीबों की जमीन पर कब्जा करें और आगे बढ़े वाह रे यादव जी कमाल का है आपका सोच है। लगता है कि अमरत्व का शरबत पी कर के आए हो कभी मरोगे नहीं। अरे भाई यह मृत्यु लोक है कब कौन इस दुनिया से उठ जाएगा किसी को पता नहीं है और मरने के बाद आप की पीढ़ी क्या करती है दोबारा आकर कोई देखने वाला नहीं है ना कोई आपको मोबाइल से फोन करेगा ना कोई रजिस्ट्री चिट्ठी लिखेगा और ना 10 20 साल बाद आइएगा और पूछिएगा कि मैं इतना अरज कर गया तुमने क्या किया । धन्य है प्रभु धन्य है आप। आप का कुछ नहीं होने वाला है दिमाग में सिर्फ भूसा भरा हुआ है। अगर आपके जैसी विचारधारा और हिंदुस्तानियों की हो जाती तो अभी तक हम लोग आजाद नहीं रहते गुलाम ही रहते और आजादी के लिए जिन महानायकों ने अपनी जान दे दी वह भी आपकी बात को सोचकर कहते कि हम किस चोरो डकैतों बेईमानों के लिए देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।


Ye politician to hamasha hi mauj masti karte ha aur jab in ko jail hoti ha to tabhi ye bimar ho jate ha aur hospital admitt ho jate ha.Is desh ka durbagh kaho ya kuchh aur but ek chhota bacha bhi ye baat janta ha but hamare desh ke court ye nahi janti ya phir court bhi ek corruption ka part ha aise cases me as court ko ye baat samaj nahi aati .Is desh ka kitna baraia kanoon ha ke ye log crores ke corruption karte ha aur dekhawe ke leye 2-4 months court jail bhejti ha jo ke just like 5 star hotel jaise hoti ha in logo ke leye aur phir lig bhul jate ha aur ye desh ke crores kha jate ha so ise baraia business kya ha .


मुलायम सिंह यादव में तमाम खूबियां थी, लेकिन उनकी जो खूबी मुझे हमेशा सबसे प्यारी लगती रही वो है उनके पैतृक गांव "सैफई" के प्रति उनका प्रेम। मुलायम जी से पहले सैफई एक सामान्य गांव था जिसकी आबादी किसी भी अन्य गांव की तरह कुछ हजार थी। मुख्यमंत्री और भी रहे हैं, विभिन्न प्रदेशों में रहे हैं लेकिन कितने मुख्यमंत्रियों के गांव का नाम लोग जानते हैं ? ये मुलायम का अपने जन्मभूमि के प्रति प्रेम था जिसकी वजह से सैफई को लोग आज देशभर में जानते हैं। आज 7000 की आबादी वाला गांव सुविधाओं के मामले में किसी शहर से कम नहीं है। सैफई आज एक तहसील बन चुका है। सैफई में आज शिक्षा के मामले में स्कूलों के अलावा एक मेडिकल यूनिवर्सिटी है जिसके अंतर्गत मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, सुपरस्पेसियलिटी हॉस्पिटल चल रहा है। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में सैफई में आज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज है, लॉ कॉलेज है, स्पोर्ट्स एकेडमी है, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है, क्रिकेट स्टेडियम है, एथलेटिक्स स्टेडियम है, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है। सैफई की सड़कें महानगरों को टक्कर देती है, सैफई रेल से जुड़ा हुआ है, और तो और नजदीक में एयरस्ट्रिप भी है।

लोग सवाल कर सकते हैं की मुलायम जी ने अपने गांव में सब बनवा लिया। लेकिन यही खूबी मेरे नजर में मुलायम जी का किरदार बड़ा बनाता है। अक्सर लोग बड़ा बनने के बाद अपने गांव, समाज से नाता तोड़ लेते हैं, राजधानी में रम जाते हैं। लेकिन मुलायम जी ने अपने गांव को कभी भुलाया नहीं, सैफई से से प्रेम को कभी छुपाया नहीं, कभी दबाया नहीं। नाता जोड़े रहे, लगातार आते रहे, सैफई में शानदार कार्यक्रम होता रहा और सैफई को आगे बढ़ाते रहे। सैफई से इस बेपरवाह प्रेम से उनका किरदार पता चलता है की आदमी जेनुइन थे। जीवनभर तमाम राजनीतिक लड़ाइयों में पूरे प्रदेश-देश विचरते रहे। लेकिन मृत्युभूवन त्यागने के क्रम में उसी सैफई की मिट्टी में जाकर मिल गए।

काश मिथिला के नेताओं में भी अपने जन्मभूमियों के लिए इतना प्रेम होता

फोटो: नाइट व्यू ऑफ सैफई




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