1ºखड़के जी तो बनने ही थे।इसमे कोई नही बात नही है सब जानते थे।क्यो की दोनों बंदे खड़े ही ऐसे किये थे अध्यक्ष के लिए सोनिया मेडम ने ।गहलोत जी को क्यो बापस बिठा दिया था।पता है कि गहलोत जी के पास राज्यस्थान में पावर है अगर बो अध्यक्ष बन जाते तो बो मेडम सोनिया या राहुल गांधी की बात नही मानते ।अगर ये दोनों माँ बेटा कोसी बजह से गहलोत जी से जबर दस्ती करते तो राज्यस्थान से भी कांग्रेश चली जाती इस लिए गहलोत जी को नही बनने दिया ।और रही बात खड़के जी की तो उनके पास किसी भी स्टेड में कोई पावर नही है।और सुनेगा भी माँ बेटे की सही चुना है।जय जय श्री राम