भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा #Business

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162983439392580

Mohammad Mojahidul Islam

रुपये और डॉलर की आशिकी......

भारत का forex रिजर्व कम हो रहा हैं श्रीलंका बनने के कगार पर हैं भारतीय अर्थव्यवस्था.......
(सुने होगे कुछ दिन पहले)

आरबीआई का ब्यान आता है कि रुपये को हम नियंत्रित नहीं कर रहे हैं....
(अपने दम पर मजबूत हो उसके लिए हम काम कर रहे हैं )

अमेरिकन फेड ने ब्याज दरें घटाई और डॉलर मजबूत होने लगा रुपया,युरो,पाउन्ड,येन,यूनान की तुलना में....बाजार में खबर फैलती हैं अमेरिकन मीडिया द्वारा की जब अमेरिकन फेड अच्छा ब्याज दे रहा हैं तो अमेरिकन निवेशक बाहर क्यों निवेश करे.............

लेकिन ये अधूरा सच हैं........

कोरोना काल में अमेरिकन फेड ने 7 ट्रिलियन डॉलर छाप दिए लेकिन इसको जारी करने का बहाना नहीं मिल रहा था......
अमेरिका एक ऐसा देश है जो अपने इन्फ्लेशन को डॉलर छाप के और डॉलर की मांग बढ़ाकर अपने इन्फ्लेशन को वैश्विक इन्फ्लेशन बनाकर अपने इन्फ्लेशन को खत्म कर देता हैं............
इसको ऐसे समझिए.......

अमेरिकन जीडीपी ग्रोथ बढ़ी हैं क्या हैं कोरोना काल के बाद??? ऐसा क्या हुआ कि फेड ने ब्याज दर बढ़ायी और विश्व के सभी करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर होना शुरू हो गयी...........
ये अमेरिका की चाल हैं......अपना इन्फ्लेशन खत्म करने के लिए यूक्रेन को आगे करके युद्ध करवाया और डॉलर की कृत्रिम कमी दिखाई साथ यूरोप में ऊर्जा की कमी की बजह से वहां इन्फ्लेशन को बढ़ाया.............

अब धीरे धीरे डॉलर को रिलीज़ करके अपने इन्फ्लेशन को कम करेगा लेकिन ये दाव उल्टा पड़ने जा रहा हैं............

रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और पूरे यूरोप मे आम पब्लिक रोड पर उतर चुकी हैं............

दूसरी तरफ मोदी जी ने क्या किया?????????

कोरोना काल के बाद से ही रुपये को अंतर्राष्ट्रीय करेंसी बनाने के लिए काम करना शुरू कर दिया........आज 24 देशों में UPI और भीम AAP के द्वारा आप पेमेंट कर सकते है......

यूरोप में भी शुरू हो चुका फ्रांस और जर्मनी के साथ......UAE और सऊदी में भी शुरू हो चुका हैं......
दक्षिणी अफ्रीकी देश नामीबिया के साथ समझौता हो चुका हैं..........

UAE से FTA होने के साथ ही रुपये में व्यापार शुरू हो जाएगा जो आज 70 बिलियन डॉलर का व्यापार है........

अगर भारत अपने व्यापार को सालाना 150 बिलियन को केवल रुपये में 2023 तक करेगा तो अमेरिका के डॉलर पर कुछ तो प्रभाव पड़ेगा.........

अब जरूरत है कि भारतीय रुपये में स्थायित्व कैसे लाया जाए और डॉलर पर निर्भरता कैसे कम किया जाए.......

तो इसके लिए मोदी सरकार गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहीं हैं.......

अमेरिका के पास 8000 टन गोल्ड रिजर्व हैज और आरबीआई के पास 1000 टन गोल्ड रिजर्व है.......

जबकि भारत में माताओं के गहने और मंदिरों के गहने मिलाकर 25000 टन गोल्ड हैज जो विश्व के सभी देशों के गोल्ड रिजर्व से ज्यादा हैं...............

मोदी सरकार का पूरा ध्यान गोल्ड रिजर्व पर है और FOREX रिजर्व जो कम हुआ है उसकी वज़ह आरबीआई ने युरो,पाउन्ड और गोल्ड में कन्वर्ट किया हैं...........

इंतजार कीजिए कि रुपया 50 देशों में स्वीकार्य हो जाए व्यापार के दृष्टिकोण से फिर डॉलर की रंगबाजी खत्म होगी और SS रख लीजिए 2023 में ही रुपया अपना रंग दिखाएगा और डॉलर को बहुत बुरा बजा देगा...........

मत भूलिए कि भारतीय अर्थव्यवस्था 6% की ग्रोथ के साथ तेजी सेवा बढ़ रहीं हैं.............




+