राहुल गांधी बोले- मीडिया, न्यायपालिका और लोकतंत्र पर हमले हो रहे, हम संस्थानों को RSS से मुक्त करा

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक बार फिर BJP और RSS पर निशाना साधा #Congress #RahulGandhi

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162993163557580

36 सेटेलाइट

वह भी यूके की कंपनी

One Web Satelite के लिए

लगभग 6 टन की 36 सैटेलाइट को जो कि भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन था जिसे LVM-3 M2 नामक रॉकेट ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया. यह वही रॉकेट है जिसने भारत के चंद्रयान मिशन में सेटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ा था.

यहां पर बताने योग्य बात यह है कि यह सभी सैटेलाइट अमेरिका में बने लेकिन अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष में स्थापित नहीं किए गए, यह सभी रॉकेट यूके के थे लेकिन यूके ने अपनी यूरोपियन ज्वाइंट स्पेस एजेंसी के थ्रू इसे अंतरिक्ष में स्थापित नहीं करवाया गया.

यह सभी सेटेलाइट अमेरिका से भारत लाए गए और फिर इन्हें भारत के रॉकेट LVM-3 M2 के अंदर फिट किया गया और भारत के इसरो ने इसे सही सलामत अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया.

यूके की इस कंपनी का दुनिया भर की स्पेस एजेंसीओ को छोड़कर भारत में इसरो के पास आना ही भारत की दुनिया में बढ़ती ताकत का प्रमाण है और अगले आने वाले 10 वर्षों में यह ताकत कितनी बढ़ जाएगी इसका शायद हम आज अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

मैं अब यहां पर इसका श्रेय मोदी जी को नहीं दूंगा क्योंकि मेरे कांग्रेसी मित्र मेरी इन पोस्टों से डिप्रेशन में आ जाते हैं और उनका कहना है कि यह काम कोई मोदी थोड़ी ना कर रहा है यह तो हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं. पर उनकी समझ के लिए मैं यह बता दूं कि यह बात ठीक है कि यह सब काम मोदी नहीं कर रहा पर इन सब कामों को करने के लिए मोदी ने जो प्लेटफार्म तैयार किया है वह तुम्हारे आका 70 सालों में क्यों नहीं तैयार कर पाए.


जिस प्रांत के लोगों का साहित्य अर्थात विचार पर कब्ज़ा होगा, वहीं के पर्व लोकपर्व होते जाएँगे एवं उन्हें धर्म से काट दिया जाएगा!
बंगाल में यह प्रयोग सफलता पूर्वक करने के बाद, मुझे क्षमा किया जाए यह प्रयोग अब बिहार की छठ पूजा को लेकर किया जा रहा है, क्योंकि वहीं के साहित्यकारों का इस समय कथित हिन्दी साहित्य पर वर्चस्व है, वही अपना विमर्श चलाते हैं

बंगाल में दुर्गा पूजा को पूरी तरह से सांस्कृतिक बना देने के बाद पंडालों को जूते चप्पलों से सजाया जा सकता है और हाँ माँ के पंडाल के लिए वैश्यालय की थीम ली जा सकती है, क्योंकि धर्म को दुर्गापूजा से हटा दिया गया और कहा गया कि यह संस्कृति है.
धर्म के बिना संस्कृति नहीं होती! अब चूंकि हिन्दी साहित्य में मुट्ठी भर विचारक अपनी बीवियों के उस सिन्दूर का बचाव कैसे करें जो वह छठ महापर्व में लगाती हैं, एवं उसी सिन्दूर के विरुद्ध वह लोग भड़काकर आम पाठिकाओं के घर तक तुड़वाते हैं, तो सोशल मीडिया के जमाने में जैसे ही उनकी तस्वीरें सामने आई तो उन्होंने एक नई थेथरबाजी की
1- यह लोकपर्व है, धार्मिक नहीं
2- सिन्दूर सांस्कृतिक है, धार्मिक नहीं
3- किसी पंडित की जरूरत नहीं
4- संस्कृत के मन्त्र नहीं होते इसमें
5- आडम्बर नहीं है
अपनी कलुषिता छिपाने के लिए और अपने दोगलेपन को छिपाने के लिए उन्होंने छठ पर्व का हिन्दू रूप मारने का प्रयास किया है,
छठ के महापर्व को इस विष से बचाने का कार्य जिनका है, वही उनके कदमों पर चलकर इस विमर्श को और गहरा कर रहे हैं! पर्व के विमर्श को बचाना उनका कार्य है जो धार्मिक स्वरुप को जीवित रखे हुए हैं!
इस पर विस्तार से और इस बौद्धिक षड्यंत्र पर अपने पोर्टल पर लिखूँगी
छठ मैया सबका कल्याण करें


मोदी की पिच पर खेलना केजरीवाल को बहुत पसंद है। अब इस पिच पर यूनिफॉर्म सिविल कोड की बिसात बिछ चुकी है। केजरीवाल को अब इस पिच पर बैटिंग करना है। गुजरात चुनाव तैयार है बिल्कुल बेनकाब करने के लिए हिंदुत्व के कालनेमियों को।

वक्फ बोर्ड को 101 करोड़ रुपये दान में देकर लक्ष्मी गणेश के नाम पर राजनीति करने वाले पर मोदी ने अगला फांस डाल दिया है। कॉमन सिविल कोड पर नेताओं की परीक्षा गुजरातियों से बढ़िया और कौन ले सकता है? गुजराती ही भान करा सकते हैं कि हिंदुत्व की राजनीति इतनी सस्ती भी नहीं है।

विशाल झा..️