UAE में मिला इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म

UAE में मिला इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म

           

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Rahul Patil तेरे को नहीं पता मजहब रिलीजन वालो को छोड़ कर अपने शाश्वत धर्म सत्य सनातन धर्म का अपमान जिससे भगवान् बौद्ध आए थे और अपने विचारो से बुद्ध बन गए पर कभी किसी का अपमान नहीं किया किसी पर क्रोध नहीं किया हमेशा सत्य बोला और सनातन धर्म से बुद्ध पंत की स्थापना की ,,,अगर तू इतना ही बड़ा ज्ञानी बुद्धिस्ट है तो एक माह किसी पीपल वृक्ष के नीचे भगवान बौद्ध का जीवन जी कर दिखा ,,,बेटा हर कोई बौद्ध नहीं बन जाता है जैसे भगवान् बौद्ध थे कई दिन तक बिना भिक्षा के भी दिमागी संयम रखा इतने दिन भूखा रहने के बाद भी लोगो से स्नेह प्रेम से पेश आते थे ,,, तुझे अगर दो तीन दिन खाना नहीं मिला तो तू क्या करेगा सबको पता है


Ashwin Chayal हा भाई इस सृष्टि की संगरचना ही भगवान ने मोदीजी से पूछ कर की थी वो भी दोस्त ही होंगे.

कुछ भी ऐसा बोले दे रहे हो जैसे २०१४ के पहले भारत का कोई प्रोजेक्ट नहीं चल रहा था वहाँ? २००९ मे आलरेडी बहुत कुछ बन चुका था तो क्या डॉ. मनमोहन सिंह असली हीरो नहीं?

और रही मक्का की बात तो यहाँ के लोकल बाशिंदे उस मूर्ति पूजा वाले समय को (दौर-ए-जाहिलियाँ) कहते थे और अब तक कहते हैं।

आप जिस चीज की वापसी का सपना देख रहे हो उस दौर को मक्का वाले शर्म से देखते हैं।


राजकुमार बत्रा कन्वर्ट तुम लोग हो और हिन्दू तो ईरानीयो ने नाम दिया था इस जमीन पर पहले इन्सान आदम अः है उनके ही वंशज मे से कुछ लोग आग और पत्थर की पूजा-पाठ करने लगे जिस को उस वक्त यहूद नसारा का नाम दिया गया वही यहूदी भारत मे आकर खुद को ब्रहणा नाम देकर यहां के आदिवासियो पर अपना राज करने लगे 1400 साल पहले मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था इस्लाम का नही है इस्लाम मे मुहम्मद साहब से पहले सवा लाख से ज़्यादा नबी आये इस्लाम को मान ने वाला कन्वर्ट नही है बल्कि पत्थर पूजने वाले कन्वर्ट है।


अरे आजतक के चमचो, पैगंबर मुहम्मद थे कौन ? पैगंबर मुहम्मद इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर अर्थात अंतिम ऋषि थे, तुम्हारे ग्रंथ के अनुसार। जब चाहे डिबेट में बुला लो दुनिया के हर बड़े धर्म; जैसे की सनातन, ईसाई, यहूदी, बौद्ध, जैन आदि में मुहम्मद का नाम नहीं दिखा दिया ( मुहामःद , नराशंस, मोहमद, मुहम्मद, इत्यादि) , विस्तार के साथ, तो गुलामी लिखवा लूंगा और आजतक के प्रधान कार्यालय के बाहर आजीवन सफाई और पोछा का कार्य करूंगा। और अगर नहीं दिखा पाया तो तुम्हे अपना चैनल को हमेशा के लिए बंद करना पड़ेगा। अगर असली अपनी मां का दूध पिया है तुम लोगों ने बुलाओ, और करो डिबेट।
लेकिन नहीं, तुम्हारी औकात ही नहीं है, तुम्हारा उद्देश्य ही है की कैसे नफरत फैलाया जाए । लेकिन तुम नफरत फैलाते रहो, और दुनिया में , खासकर पश्चिमी देशों में तेज़ी से लोग इस्लाम कुबूल कर रहे हैं। इस्लाम धर्म तब से है, जबसे मानव है। आदम और हव्वा को आज के विज्ञान ने भी स्वीकार और लिया है। इस्लाम धर्म के बानी मुहम्मद नहीं, बल्कि आदम अलैहिस्सलाम थे। मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहे वसल्लम तो आखिरी पैगंबर अर्थात अंतिम ऋषि हैं।


Kundan Patel ab yeh bolo ge Islam1500 saal paihle aaya hai, to jan lo islam jb se duniya bni tb se hai, kion isaii yahudi aur islam ke ek hi nabi they bs us waqt isa musa ibrahim ismail adam noh yusuf yunus jitne bhi nabi they woh sb bhi ek ki puja krne ko bolte they bs nasihat aur tabligh aur kamo ki hoti thee akhir mea mohmmad aye aur woh sab nabiyo ke nabi bn gai, tbhi yahudi chirte hain kion ki sarey nabi yahudi3qaum mea paida hoye aur hazart mohmmad quraish khandan mea paida3honey ki wjh se nfrt krte hain


Sanjeev Kumar Mantu areh Bhai Maine toh saaf kha hai prophet Muhammad sallalahu alaihi wa sallam 1400 saal pahle aayeh hai aur hajrat Isa alaihissalam 2000 saal pahle zahir soh baat hai prophet Muhammad sallalahu alaihi wa sallam seh pahle hamare nabi Isa alaihissalam hi they toh jahir sih baat hai unka math toh milega hi magar Maine yeh bhi kha hai jab Isa alaihissalam ne khood Bible main kha hai mere baad ek nabi ainge woh nabi Muhammad sallalahu alaihi wa sallam honge toh ab prophet Muhammad sallalahu alaihi wa sallam ko hi logon ko manna chahiye eseh toh sanatan dharm ke log kehte hai ki hamara dharm sabse purana hai magar scientifically research aur khood sanatani scholars ne bhi kaha hai Vedas ki authenticity sirf 1000 years and 1100 years old hi hai isseh pahle Vedas ki authenticity nhi milti hai research main toh yeh paya gya hai toh isseh yeh bhi pata chalta hai sanatan dharm sabse purana nhi hai toh aap phir yeh bhi manon


Anant Rastogi mere dada pr dada or unke baba muslim the or usse phle ho skta hai ki koi or dhram ke ho kyu ki wo afganistan se aake hindustan mai bse the or ek baat or Islam mai purwaj och nech or kala gora zaad paat nhi hote hai jo ek khuda ko pr nabi ko maanta hai wo Muslim hota hai chahe wo 1 wo ek ghante phle kuh or dhram follow krta ho pr jb wo ek khuda or nabi ko maanta hai or unki bataye bato pe Amal krta hai tb tk muslim hi rehta hai ... that's it or ye baat kafiro ki samajh se balatar hai agar smaj mai aajato to iman le aate. Or jinke smaj mai aagye wo le aaye bhi or kuh aise bhi hai mere dost jo jaante hai Islam hi sach hai pr apni family ki wajha se nhi la pate iman bhai tv ya WhatsApp pe nhi wha se bhar aake asli dunya or muslim ko samjho apni galti realise ho jayegi


Muslims believe that the first prophet was also the first human being, Adam, created by God. Many of the revelations delivered by the 48 prophets in Judaism and many prophets of Christianity are mentioned as such in the Quran but usually with Arabic versions of their names; for example, the Jewish Elisha is called Alyasa', Job is Ayyub, Jesus is 'Isa, etc. The Torah given to Moses (Musa) is called Tawrat, the Psalms given to David (Dawud) is the Zabur, the Gospel given to Jesus is Injil.[4]

The last prophet in Islam is Muhammad ibn ʿAbdullāh, whom Muslims believe to be the "Seal of the Prophets" (Khatam an-Nabiyyin), to whom the Quran was revealed in a series of revelations (and written down by his companions).[5] Muslims believe the Quran is the sole divine and literal word of God, thus immutable and protected from distortion and corruption,[6] destined to remain in its true form until the Last Day.[7]

In Islam, every prophet preached the same core beliefs, the Oneness of God, worshipping of that one God, avoidance of idolatry and sin, and the belief in the Day of Resurrection or the Day of Judgement and life after death. Prophets and messengers are believed to have been sent by God to different communities during different times in history.


श्री श्याम जन सेवा समिति रजिस्टर्ड, झोटवाड़ा, जयपुर, राजस्थान

क्रमांक 2122,23 sp1
दिनांक 04,11,22

*रेलयात्रीहित, जनहित, रेलहित, राष्ट्रहित में सुझाव*

परम सम्मानीय सांसद महोदयो जी
*कृपया*
बुरा मत मानना
*क्या*
एक गाड़ी का उद्घाटन कार्यक्रम चार जगह किया जाता है
*जरा सोच विचार कीजिए*
*जैसे*
एक व्यक्ति की शादी *क्या* चार जगह एक ही दिन में करवाओगे
*थोड़ा सोचिए*
और
विचार भी कीजिए
*क्या*
परम सम्मानीय जी,
आपको थोड़ा सोच विचार कर उद्घाटन करना चाहिए था.
और
केवल वाही वाही लूटने के लिए यह दिखावा नहीं करना चाहिए था.
देश की जनता सब समझती है
*क्योंकि*
आपको सांसद जनता ने ही बनाया है
जनता को आप गुमराह नहीं कर सकते
यदि आप गुमराह करना चाहते हो
*तो*
आपकी भूल है.
जनता वक्त आने पर *आपको जवाब* दे देगी
लेकिन
*आप सांसद महोदयो जी, थोड़ी बहुत
शर्म भी कीजिए*
आप चारों सांसद 4, 4 गाड़ियां
श्याम नगरी होकर चलाते तो, आपको हारे के सहारे, बाबा श्याम हमारे के भक्तों एवं बाबा श्याम का अटूट आशीर्वाद एवं ढेरसारी शुभकामनाएं मिलती.
*लेकिन*
आपके पास इतनी सोचने समझने की शक्ति ही नहीं है
*जैसे*
हमारे सीकर सांसद महोदय जी, ने रिंगस से डीडवाना मात्र 65 किलोमीटर की रेलवे लाइन के लिए, जो जून, 2009 में फाइनल कार्य शुरू होने के लिए, रेलवे बोर्ड द्वारा आदेशित किया गया था. लेकिन
2014 में चुनाव जीतने से पहले, सीकर जिले की जनता से आपने वादा किया था,
मैं चुनाव जीते ही, तुरंत प्रभाव से रिंगस से डीडवाना वाया खाटूश्यामजी, दातारामगढ़ रेलवे लाइन डलवा दूंगा.
लेकिन 8 वर्ष पूरे हो गए
आज तक
परम सम्मानीय सीकर सांसद महोदय जी, महाराजश्री, से 65 किलोमीटर की रेलवे लाइन नहीं डलवापाए हैं
फोटो खिंचवाने से,
दिखावा करने से,
कुछ नहीं होता है
सुमेधानंद जी, महाराजश्री, से विनम्र प्रार्थना है
*कृपया*
तुरंत प्रभाव से रींगस से डीडवाना रेलवे लाइन डलवाकर जनता को समर्पित करें,
*जिससे*
दिल्ली से जोधपुर की लगभग 140 किलोमीटर की दूरी कम हो सके
और
देश की सुरक्षा की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण दोहरी रेलवे लाइन हो सके.
सम्मानीय समस्त सांसद महोदय जी, से विनम्र प्रार्थना है
*कृपया*
आप हिंदुस्तान के समस्त *बड़े धार्मिक स्थलों*
एवं
*बड़े शहरों* से गाड़ियां चलकर *जयपुर रींगस जंक्शन* श्याम नगरी होते हुए चलाने की कृपा करें, जिससे श्याम भक्तों को सीधी रेल यात्रा का लाभ मिल सके.
*जैसे*
हरिद्वार, जम्मू कटरा, कोलकाता, तिरुपति बालाजी, रामेश्वरम, गुवाहाटी, सोमनाथ, द्वारकाधीश, पूरी, चेनई, बेंगलुरु, मद्रास, अयोध्या, उज्जैन, अमृतसर, पटना, रक्सौल, गोरखपुर की गाड़ियां चलाते
जब आप की जय जयकार होती.
क्यों जनता को
बेवकूफ बना रहे हो आप.
आपको पूरे देश की जनता, श्याम भक्त, रेल यात्री, हृदय, आत्मा से आशीर्वाद देती, यदि हमारी भावनाओं से आपको तकलीफ हुई हो तो माफी चाहते है.
जय श्री श्याम.

ओम प्रकाश कुमावत,
प्रदेश अध्यक्ष.

प्रतिलिपि सूचनार्थ
1 महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली
2 परम सम्मानीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली
3 परम सम्मानीय रेल मंत्री जी, रेल मंत्रालय, नई दिल्ली
4 परम सम्माननीय निदेशक महोदय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, लोधी रोड, नई दिल्ली
5 परम सम्मानीय अध्यक्ष महोदय, रेलवे बोर्ड, रेल भवन, नई दिल्ली

ओम प्रकाश कुमावत,
प्रदेश अध्यक्ष.