1ºSamta Ojha केजरीवाल जी, काम करने के लिए आते राजनिति में तो आप को और हमे सोचने की जरूरत ही नहीं होती। उनकी शिक्षा के दम पर ही कई लोगों को इस पर काम करने को कहते और यह समस्या जब वे सरकार में आए तब ही हो जाया।
बात न काम करने की हैं न ही भ्रष्ट्राचार दूर करने की।
जो व्यक्ति राजनिति में धर्म की बात करते हैं वह भी पढ़ें लिखे नेताजी।
सभी धर्म में अच्छाई हैं तो कुछ बातें ख़राब भी हैं। यह सिर्फ़ एक हिंदू धर्म को दिल्ली में सांप्रदायिक बताते हैं तो गुजरात में हिंदू देवी देवता महान है। अयोध्या दर्शन करने वाले व्यक्ति को अयोध्या कराने ले जाएंगे।
इस तरह के वादे करते देखे जा रहे है।
कल तो हद ही कर दी , गुजरात में गुजारती में इस तरह से बोल रहे थे मानों एक अपहरण कर्ता एक छोटे बच्चें को लालच देकर उसे अपनी बातों में शामिल करना। बड़ा ही हास्यपद था।
जितना ऐसे काम में मेहनत कर रहे हैं। इसकी बजाए आप जेसे लोगों की सहायता से समस्या का निदान करने में करते तो सभी का फ़ायदा होता।
इनसे उम्मीद रखना बेकार है। भ्रष्ट्राचार शराब बेचने का काम कराया जा सकता है। साथ ही झूठ बोलने वाली स्कूल बनाए जा सकते हैं।