1ºजब पंजाब मे इंजीनियर साहब कि सरकार नहीं थी तो एक से बढकर एक फार्मूला लाते थे पराली के लिये---
फैक्ट्रीयां पराली ले सकती है।
एक capsul का इज़ाद हुआ है जो पराली का जानीदुश्मन है ।
पराली से खाद बन सकती है।
किसान पराली से पैसा कमा सकते है।
पर अब जब सरकार "आप" साहब कि है तो वो फैक्ट्रीज गायब हो गई, capsul का कुछ पता नहीं, खाद बनेगा कि नहीं और पराली से किसान को पैसा मिल नहीं रहा तो वो जलाने को मजबूर।।।
अब इंजीनियर साहब कह रहे कि सिर्फ दिल्ली थोड़े ही हर शहर कि दशा खराब है