'सिख धर्म ने बताया कि भगवान है, बाइबल ने रास्ता दिखाया कि उन्हें पाऊं कैसे’’

'सिख धर्म ने बताया कि भगवान है, बाइबल ने रास्ता दिखाया कि उन्हें पाऊं कैसे’’ #Sikhism

           

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Sapna Kumari जी आप पूर्वाग्रह से मुक्त हो शोधपूर्वक बाईबल पढे
#हाल्लेल्लुज्ज़ाहः
#जिस्सु_का_पिता_जकरयाह_था।

और स्वर्गदूत ने
उसके पास भीतर
आकर कहा;
आनन्द और जय
तेरी हो,
जिस पर ईश्वर का
अनुग्रह हुआ है,
प्रभु तेरे साथ है।
【लूका ०१:२८】

स्वर्गदूत ने उस से कहा,
हे मरियम;
भयभीत न हो,
क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह
तुझ पर हुआ है।
【लूका ०१:३०】

और देख,
तू गर्भवती होगी,
तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा;
तू उसका नाम यीशु रखना।
【लूका ०१:३१】

मरियम ने स्वर्गदूत से
कहा,
यह क्योंकर होगा?
मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं।
【लूका ०१:३४】

उन दिनों में मरियम उठकर
शीघ्र ही पहाड़ी देश में
यहूदा के एक नगर को गई।
[[[ इलीशिबा के घर जो जकरयाह की पत्नी थी ]]]
【लूका ०१:३९】

मरियम लगभग
तीन महीने उसके
[[ जकिरयाह और इलीबिशा के ]]
साथ रहकर
अपने घर लौट गई॥
【लूका ०१:५६】

सिद्धि:-
जकिरयाह के साथ ३ माह मरयम का रहना ही जिस्सु के उसके गर्भ में आने का कारण है।
आप कहे तो कुरआन से भी संदर्भ दू


@preet जी rss भाजपा के हिंदू ने कभी भारत से अलग खलिस्तान नही मांगा जब की आपके खलिस्तानी हिजडो ने सिखो का अलग देश होने की मांग की वो भी isi की कटी हुई लुल्ली लेकर कभी अपना खुद का इतिहास पढो पंज प्यारे जो थे वो कौन थे और आज तुम जिनको अपना बाप मानते हो उन लोगो ने आपके बंदा बहादूर जी के बेटो की कैसे निर्मम हत्या की थी जी तो चाहता है ऐसे मुघल समर्थक खलिस्तानी का गला काट कर गुरू जी के चरणो में रख दु लेकीन हमारे कानून आड आते है नही तो दिखा देते इस isi के टट्टू खलिस्तान का वजुद मिटा देंगे। हम अपने सिख भाई यो को अपने से जुदा नही होने देंगे।


ख्रिस्ती परमेश्वर का आत्मा अंधेरेमें पानी पर हिचकुले खा कर तैर रहा था।
तब उसने अंधेरे में पृथ्वी बनाई।
और उसके एक दो दिन बाद उसने सूरज बनाया और प्रकाश आ गया वह देख उसे अच्छा लगने लगा और कहा प्रकाश आच्छा है ।
कमिने नासा वाले इसपर यकीन ही नही करते।
पहले मिट्टी से आदम बन गया और मिट्टी खत्म हो गयी ; तब उसे याद आ गया और एक हव्वा भी बनाना पडेंगा
तब उस तैरती हुई आत्मा ने आदम की पसली खिच ली और उससे हव्वा बनाई।
अबे नासा वालो कमिनो कहा हो तुम इधर आओ।
किस किस को उस आत्मा से मिलना हो इधर आईए किसी भी पादरी और पोप से पहले आपको उस आत्मा से मिला देंगे सिखो।
पोप के उपर वैदिक तोप


वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि #चींटियां अनाज और बीजों को जमा कर जमीन में रखने से पहले उन्हें दो टुकड़ों में तोड़ देती हैं।

क्‍योंकि यदि दाना या बीज दो टुकड़ों में न टूटे, तो वह भूमि में उगकर पौधा बन जाएगा।

उन्होंने हैरानी से कहा कि चींटियां धनिये के बीज को चार भागों में काटती हैं क्योंकि धनिये का एक ही बीज होता है जो दो भागों में काटने के बाद भी अंकुरित हो सकता है। तो चींटियों ने इसे चार भागों में काट दिया।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह सब चीटियों को बताया किसने ?


Mirza Galib *एक बार अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे।*

*रास्ते में एक तुलसी का पौधा दिखा, मंत्री बीरबल ने झुक कर प्रणाम किया!*

*अकबर ने पूछा कौन हे ये?*

*बीरबल - मेरी माता हे!*

*अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया*

*और बोला - कितनी माता हैं तुम हिन्दू लोगो की...!*

*बीरबल ने उसका जबाब देने की एक तरकीब सूझी!*

*आगे एक बिच्छुपत्ती (खुजली वाला ) झाड़ मिला। बीरबल उसे दंडवत प्रणाम कर*

*कहा - जय हो बाप मेरे!*

*अकबर को गुस्सा आया... दोनों हाथो से झाड़ को उखाड़ने लगा।*

*इतने में अकबर को भयंकर खुजली होने लगी तो बोला - बीरबल ये क्या हो गया?*

*बीरबल ने कहा आप ने मेरी माँ को मारा इस लिए ये गुस्सा हो गए!*

*अकबर जहाँ भी हाथ लगता खुजली होने लगती।*

*बोला - बीरबल जल्दी कोई उपाय बतायो!*

*बीरबल बोला - उपाय तो है लेकिन वो भी हमारी माँ है। उससे विनती करनी पड़ेगी!*

*अकबर बोला - जल्दी करो!*

*आगे गाय खड़ी थी बीरबल ने कहा गाय से विनती करो कि...*

*हे माता दवाई दो...*

*गाय ने गोबर कर दिया... अकबर के शरीर पर उसका लेप करने से फौरन खुजली से राहत मिल गई!*

*अकबर बोला - बीरबल अब क्या राजमहल में ऐसे ही जायेंगे?*

*बीरबल ने कहा - नहीं बादशाह हमारी एक और माँ है! सामने गंगा बह रही थी।*

*आप बोलिए हर- हर गंगे... जय गंगा मईया की... और कूद जाइए!*

*नहा कर अपने आप को* *तरोताजा महसूस करते हुए अकबर ने गंगा मैया को नमन किया तो बीरबल ने अकबर से कहा "महाराज ये तुलसी* *माता, गौ माता, गंगा माता तो जगत जननी है सबकी माता हैं बिना भेदभाव सबका कल्याण करने वाली है" !*

*इनको मानने वालों को ही "हिन्दू" कहते हैं..!*

*हिन्दू एक "संस्कृति" है, "सभ्यता" है...*
*स॑मप्रदाय नहीं..!*

*गौ, गंगा, गीता और गायत्री का सम्मान कीजिये... संस्कृति के प्राण स्तंभ है*


Shashi Bhushan tumhe kisne bola ki wo shikh insaan kahi ya padri …paise lekar dharam parivartan kar liya ?
Bible me kabhi koi CHRISTIANITY DHARAM k baare me likha hi nahi ..
Shikh log gurudwaara jaake bhi bible ko Maan sakte hein ..bible padhne wale bhi wahe guru ko maan sakte hein ..

INSAAN KA EK HI DHARAM HAI INSANIYAT

me khud Veda (Yajur,rig,Sam aur atharv ) ko padhta hun aur maanta hu .

Brahm/God/wahe guru /param atma ek hi to hein

Veda ,bible ,guru Granth sahib bhi to ek hi PARAMATMA aur insaniyat k baare me baat karta ..burai na karne ko aur acchai karne ki baat karta h ?


श्रीमद्भागवत के अलावा कोई ग्रन्थ नहीं जो ईश्वर से मिला सके। बाकी सब ने कहा हम ईश्वर के दूत पेगम्बर है। केवल श्रीकृष्ण जी कहा मे ही ईश्वर हू। श्रीमद्भागवत ईश्वर की वाणी हे। चाहे जहां भटक लो। संतुष्टि सनातन मे ही मिलेगी। सनातन ही सबका जनक है। बाकी सभी पंथ सम्प्रदाय सनातन का छोटा सा हिस्सा मात्र है। ओर संकीर्णता ओढे हुए हैं। सनातन ही सबका आदर करना सिखाता है। सनातन ही वसुदेव कुटुम्बकम की बात करता हे। सनातन ही विश्व के कल्याण की बात करता हे। सनातन ही प्राणियों में सद्भावना की बात करता हे। सनातन धर्म की जय।


Manoranjan Agnihotri pehle ye jano ke khalistan hai kya, jab khalsa raj hota tha punjab afganistan takk tha check kro map khalsa raj ka, usme rehnd wale logo ko khalistani kaha jata hai, jaise hindustan me rehne walo ko hindistani, khalsa raj me sabko brabr ka hakk tha, wo khalistan bnane ki mang karte hain hum, aur UN me kanoon hai ke khalistan apni mang puri karta hai, hum to hindistan ke sath rehna chahte hain lekni bhart sarkar hi hume brabr ke haqq nahi deti, wo list hai lambi punjabi me, wo nahi man rhe, fir is desh me rehne ka kya matlb? Jin logo ne hindu dharm ki raksha ki afganiyon ko bhgaya muglo ko haraya, angrejo ko nikala desh ko azadi dilayi unki hi mange nahi mani jaati, sikh dharm me RSS ka kabza hai punjabi takk ni likhne di jaati lmbi list hai history badli ja rhi hai, to hum alag hona chahte hai kyuke punjab ki soch bhart se nahi milti, 1947 me khalistan le lene ko kaha gya tha lekin sikho ne kah tha wo abhi nahi wo to hum kabhi v le sakte hain, kabhi histry read kro sir


Aman Khan

भक्त और चमचे में क्या अंतर होता है?

1.भक्त देश हित मे सोचते है जबकि चमचे केवल अपने और अपनी पार्टी के बारे सोचते है

2. भक्त अंध नही है जबकि चमचे अंधे होते है

3. भक्तो की एक बड़ी संख्या पढ़े -लिखे लोगो की है जबकि चमचे आज तक अनपढ़ और गवार है ।

4. भक्त की भक्ति में निस्वार्थ प्रेम होता है जबकि चमचे की चमचागिरी में अवसरवादिता और लालच होता है ,ये लोग हमेशा अपने स्वार्थ के लिए चमचागिरी करते है ।

5. भक्तों की भक्ति अनन्त काल से है जबकि चमचो को चमचागिरी करते हुए 70 वर्ष हो चुके है ।

6. भक्तो की भक्ति सभी लोगो को कल्याण के लिए प्रेरित करती है जबकि चमचो की चमचागिरी से केवल कुछ लोगो का ही भला हो पाया ।

7. भक्त केवल योग्य व्यक्ति की भक्ति के लिए चुनते है जबकि चमचे किसी भी अयोग्य व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए योग्य साबित करने पर तुले रहते है ।

भक्त में भाव प्रधान होता हैं. हरद्धा कि महत्ता होती हैं. भक्त भगवान को प्रिय हैं. भक्त हैं तो भगवान हैं नहीं तो कुछ नहीं. अतः स्वामी और सेवक का सम्वन्ध भक्त और भगवान में होता हैं और दोनों एक दूसरे को समर्पित होते हैं. जैसे मीरा बाई, सूरदास विट्ठलदास, हरिदास, वल्लभाचार्य, स्वामी चैतन्य महाप्रभु और श्रीला प्रभुपाद भक्त थें. ये चमचई नहीं करते बल्कि समर्पण करते हैं ये भगवान में बुराई नहीं देखते बल्कि बुराई को दूसरा हि रंग डे देते हैं.

चमचा तो चमचा हैं. इसमें अवसरवादिता मुख्य होती हैं. चमचा जैसे हि मौका पता हैं अपने स्वामी मालिक को भी पटकी लगा देता हैं. स्वामी भी चमचे कि इस आदत को पहचानता हैं और दोनों स्वामी और चमचा में समर्पण भाव और श्रद्धा का अभाव होता हैं और विश्वास कि कमी होती हैं. ये आपसे में खूब झगड़ा लेते हैं फिर स्वार्थवश एक हो जाते हैं.


10ºईसाईयों को यदि धर्म प्रचार करना है तो खुलकर करें प्रकट तरीके से लेकिन भारत में ईसाई छल प्रपंच कपट से छद्म रूप धारण करके अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं जो कि गलत है कहीं पर वह हिंदुओं का वेश धारण करके पंजाब में वह सिखों का वेश धारण करके गुप्त रूप से कपट के साथ लोगों को भ्रमित करके ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे हैं और सिख धर्म को अपमानित कर रहे हैं। तथाकथित दलित जातियों में भेदभाव पैदा करके उनको लालच देकर उनका ईसाई करण किया जा रहा है। यह पोस्ट भी इसी बात को इंगित कर रही है। यह भ्रामक पोस्ट है। सिख पंथ ने ईश्वर की स्तुति के लिए भक्ति मार्ग को दर्शाया। जब सनातन धर्म खतरे में पड़ा तब हमारी सिख गुरुओं अपना महान बलिदान देखकर सनातन धर्म की रक्षा की। गुरु गोविंद सिंह और उनके पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान विश्व के इतिहास में अनुपम है ऐसा कोई भी उदाहरण नहीं मिलता है कि जिसमें बलिदान देने वाला स्वयं कातिल के पास जाकर अपना बलिदान देता है। जबकि जो अपने को खुदा का बेटा कहते हैं वह तो उस समय की राज व्यवस्था से छुपते फिरते थे और उन्हीं के तेहरवे में शिष्य ने ओम को पकड़वा दिया था जिसके बाद राजव्यवस्था ने उनको सूली पर चढ़ा दिया। सिख पंथ और सनातन धर्म परिपूर्ण धर्म है इनको किसी को ज्ञान देने की कोई आवश्यकता नहीं है। पोस्ट करता से निवेदन है कि शब्द रूप से ईसाई धर्म का प्रचार ना करें जो भी करना है खुलकर करें।