क्या EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपा का चुनावी मामला है?

क्या EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपा का चुनावी मामला है? सुनिये बीजेपी प्रवक्ता Gaurav Bhatia का जवाब RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीजेपी को बताया आरक्षण विरोधी BSP सांसद मलूक नागर के टारगेट में आए कांग्रेस और RJD #EWSReservation #SupremeCourt #ATVideo #हल्ला_बोल | Anjana Om Kashyap

           

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मेगास्थनीज यूनानी राजदूत था जो 305 ईस्वी ईसा पूर्व “चन्द्रगुप्त मौर्य “के दरवार में राजदूत बनकर भारत आया था। मेगास्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरवार में रहकर भारत की सभ्यता-संस्कृति के बारे में एक पुस्तक लिखा, जिसका नाम “इंडिका ” रखा ।*
*परंतु इंडिका की मूल प्रति आज भारत में सुरक्षित नहीं है। उस इंडिका में वर्णित बातों को लेखक के रूप में आगे J.W.Mccrindle ने नयी “इंडिका ” का रूप दिया । इसके अलावा इन सभी लेखको ने भी (डायोडोरस , सिकुलस, स्ट्राबो ,प्लीनी तथा एरियन ) आगे अपनी अपनी पुस्तक में उस बातों की चर्चा की है ।*
*मेगस्थनीज द्वारा आंखों देखी सचित्र चित्रण में प्रथमतः भारत की सामाजिक व्यवस्था में कोई वर्ण या जाति की चर्चा नहीं है यानि “वेद में वर्णित सदियो से वर्ण” की उत्पत्ति वाली बात गलत है। सिर्फ यहां के लोगो को पेशागत दिखाया गया है। जिसमे कृषक , पशुपालक , कारीगर, सैनिक , व्यापारी की चर्चा है ।*
*यानी मोर्य काल के समय में “वेद” और वेद में वर्णित वैदिक “वर्ण ” व्यवस्था दोनों झूठ का पुलिंदा है।*
*दूसरा उस “इंडिका” में चाणक्य के जैसा कोई भी पात्र की चर्चा नहीं है। यानि कि आप मेगास्थिज और मेगास्थिनिज के साक्ष्य को प्रामाणिक मानते है तो ये चाणक्य काल्पनिक निश्चित है। क्योकि पूरी इंडिका में कही भी चाणक्य का नाम की चर्चा नहीं है। यानी यह भी झुठा पात्र है।*
*अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात कि इन सारी बातों की जानकारी 17 वीं -18 वीं सताब्दी में अंग्रेजी विद्वानों कोे यूनानी लेखक के सारी किताबो को अंग्रेजी में अनुवाद करने से हुआ। जिसके बाद से ही ये सभी जानकारी भारत आयी। फिर उसके बाद हिन्दी में अनुवाद हुआ। उसके बाद ही भारत के लोगो को चन्द्रगुप्त मौर्य की शासन की सही सही जानकारी प्राप्त हुई ।*
*शायद “इंडिका” नहीं मिलती तो उसके अनुसार पुरातात्विक उत्खनन भी नहीं होता, और जब उत्खनन नहीं होता तो आज मोर्य शासक के रूप में चंद्रगुप्त मोर्य को हम सभी जान भी नहीं पाते!*
*है न कितनी मजेदार बात!*
*भारत की सच्ची और गर्व करने वाली इतिहास की जानकारी हमें अंग्रेजो द्वारा प्राप्त होती है और काल्पनिकता से भड़ी हुई कुंठित और गुलाम करने वाली जानकारी ब्राह्मणी ज्ञानियो के पास लाखो वर्षो से “वेद और वैदिक” ग्रंथ के रूप में सुरक्षित पड़ी हुई है?*