1ºजब तक बसीसी बोलीवूड की तरह नैपोटीशम का शिकार होगी तो फिल्म फालप ही होगी सबको मालूम था चहल आगर खैलता तो हो सकता रिजल्ट कूछ उर होता पर भारत मैं कूछ राजनीतिक दल कै साथ साथ बीसीसीआई भी ईसका शिकर है एक सोच जब जब काबील लोगो को उसकी सही समय पर जगह नही मिलती तब तब ऐसै ही रिजलट मिलतै है चाहै खेल हो राजनीति हो बोलीवूड हो इनसान आकसर आपनै शवरथ कै लियै कुदरत कै खिलाफ जाकर काई बार आपनै ढग सै नाकाबिल पारीवार कै उर रिशतेदारों का वो मूकाम दे दैता है जिसके वो हकदार नही होतै उसका नातीज ऐसा ही होता हैं
2ºसबसे गंदा मैच आज का बहुत ही गंदा में हिस्सा इतनी बुरी हार हुई है कप्तान ने तो जीरो अंडा दिया है बस में दो खिलाड़ियों पर टिका रहा एक कोली और एक सूर्य कांत यादव बस दो ही खिलाड़ी अगर खेलेंगे ढंग से तो दूसरे खिलाड़ी कुछ करेंगे नहीं तो मैं इसकी तोहार होनी है ना तोहार हो गई अब कैसे करेंगे आगे कैसे बढ़ेंगे क्यों मेहनत नहीं करी कितना गंदा मैच खेला है थोड़ी तो शर्म करो कप्तान क्या कप्तानी की है अपनी टीम को संभाल भी नहीं सकते कुछ सीखा भी नहीं सकते दमदार मेहनत भी नहीं करा सकते कप्तान अगर अच्छा नहीं खेलेगा कप्तान अच्छी पारी नहीं दिखाएगा तो दूसरे फिर कैसे करेंगे मैं तो सबसे बड़ा कप्तान होता है ना सारा मैच कप्तान पर टिकता है ना अगर कप्तान ढंग का होगा तभी तो गाड़ी के सारे पैसे लेंगे गाड़ी का आगे का ही उर्जा खराब होगा डीलर डाला तो कहां से देंगे अपनी यह जाने वाली गाड़ी है ना उसको सही से चलाओ तभी जीत हासिल होगी