1ºएक शिव कन्या को कब पता चलता है के उसका पति एक शिव है ?
मंडप में ।
इससे पहले क्या होता है ?
शिव कन्या विश्व के सर्वोच्च अधिकारी की गिरफ्त से फरार हो जाती है जब तक वह अधिकारी की गिरफ्त में होती है जिस घर में उसको कैद किया गया था वहां उसका शिव पिता उसको स्वर्ग लोक के दर्शन कराता है वो उस समझाता है के देखो ऐसे नहीं करते तुम एक शिव कन्या हो शिव कन्याएं सार्वभौमिक होती हैं ।
फिर वहां स्वर्ग में उसका विवाह एक शिव से करवाया जाता है और यह कहा जाता है जाओ अपने पति को पृथ्वी लोक पर ढूंढो और उससे विवाह करो । शिव कन्या जगह जगह उसको धूंडती है वो उसे नहीं मिलता ।फिर शिव कन्या अपना पति ढूंढ ढूंढ कर थक जाती है ।
एक दिन एक लड़का शिव कन्या के लिए विवाह प्रस्ताव लाता है शिव कन्या का विवाह रचा जाता है शिव कन्या विवाह नहीं करना चाहती ।
विवाह होने लगता है शिव कन्या को आस होती है कि अभी भी उसका शिव उसको लेने आएगा । शिव कन्या की आंखे शिव के ढूंडती हुई मंडप मे बैठ जाती है विवाह की रस्म शुरू हो जाती है शिव शिवा का विवाह एक मंदिर में हो रहा होता है दूर खड़ा देवलोक यह देख कर खुश हो रहा होता है ।