1ºसबसे सरकारी विभागों से संविदा नौकरी जो पुराने बंधुवा मजदूरी का पर्यायवाची बन चुका है। इससे समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर क्या कदम उठाया है?
दूसरा जो भी पार्टी इस समान अधिकार दिलाएगी वो जनता के हित में काम करेगी ,बता दें जो भी कर्मचारी संविदा में काम करते हैं,वो उसी प्रदेश की जनता हैं।
सरकार अपनी विधायकों को इसी तरह का प्रोजेक्ट तैयार करके जनता के बीच जाए तब उसे फर्क महसूस होगा कि संविदा में क्या शोषण शासन और प्रशासन करती है।
उदाहरण : केंद्र से जो पैसा जिस प्रोग्राम के तहत दिया जाता है उसे कर्मचारियों द्वारा काम करवाकर उसे 20-30%भी नहीं मिलता बाकी डकार दिया जाता है। इसमें किसे दोषी ठहराया जाए।
यही बात अन्य विकास कार्यों पर भी लागू होती है।
अगर विधायक और सांसद भी संविदा के तहत चुने जाएंगे, तो विधानसभा और संसद भी बहस होगी कि कितनी निधि दी जा रही और कौन निगरानी कर रहा है कितना कार्य में लगा। यह प्रयोग करके सरकारें देखें।