दलित बेटी का ब्याह: पिता की गुहार पर SP ने भेजा पुलिस फोर्स, आजादी के बाद गांव में पहली बार घोड़ी चढ

बेटी के पिता की गुहार पर SP विकास मिश्र ने भेजा पुलिस फोर्स

           

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अंबेडकर ने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं दिया... यहां तक कि अंबेडकर ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया, वकील होते हुए भी उन्होंने कोई स्वतंत्रता सेनानी केस नहीं लिया। यहां तक जब तक गांधी जी जगह-जगह जाकर लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए देशभक्ति की अलख जगा रहे थे तब अम्बेडकर कोट टाई पहेन के घूमते रहे

क्या आप जानते हैं कि हमारा संविधान किसने लिखा? इस सवाल का जवाब डॉ. बीआर अंबेडकर नहीं बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायजादा हैं। जी हां, डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी


बताओ ये है यूपी का हाल जहा हिंदू ही हिंदू को आगे बढ़ने नई देरा है जहा हमारे दलित भाई आजादी के बाद से घोड़ी चढ़ना सपना ही समझते थे क्युकी वहा के श्रवण जात ऊंची जात वाले हमारे दलित भाइयों का शोषण कर रहे है
अब दूसरी बात ये है के जो हिंदू अपने ही दलित हिंदू भाइयों का नई हो पारा है जो खुद अपने ही धर्म के दूसरे तबके को जो सम्मान नही दे पारा है अपना नही पारा है वो लोग हिंदू राष्ट्र के सपने देखते है वो लोग धर्म रक्षा की बात करते है जो खुद अपने ही धर्म के नई है
जय भीम जय मीम भारत माता की जय


Abu Talib हम हैं हिंदू एकता वाले, आज हिंदुओ की सरकार है, मोदी योगी की सरकार है, इसलिए ये संभव हो पाया, आजादी के इतने सालो तक कांग्रेस, समाजवादी और मायावती के शासन में ये क्यों संभव नहीं हुआ, उन लोगो ने अपने शासन काल में क्यों नहीं किसी दलित को घोड़ी चढ़वाया,? क्योंकि कांग्रेस,मुलायम और मायावती नही चाहते थे की कोई दलित घोड़ी चढ़े, यदि कोई दलित घोड़ी चढ़ जाता तो वे फिर किसका डर दिखा कर वोट लेते? लेकिन ये योगी बाबा की सरकार है, इनके राज में सब बराबर हैं, कोई ऊंच नीच नही, कोई जात पात नही, आज उसी का परिणाम है की आजादी के इतने सालो बाद कोई दलित घोड़ी चढ़ने में कामयाब हुआ, और यही विपक्ष वाले नही चाहते।