पिता गए थे तिलक चढ़ाने, इधर लड़की अपने प्रेमी संग हुई फुर्र, आज शाम आनी थी बारात

शादी का सामान खरीदने बाजार गई थी युवती

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10163116815967580

जयपुर राजस्थान में वर पक्ष की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार,
विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले हैरान हैं
☆लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।
☆यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं को लेकर हैं !!

मांगें इस प्रकार से हैं::

01 कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.

02 दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय साड़ी पहनेगी.

03 मैरिज लॉन में ऊलजुलूल अश्लील कानफोड़ू संगीत की बजाय, हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा.

04 वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहेंगे.

05 वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.

06 पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद कोई ,उन्हें रोके टोकेगा नहीं.

07 कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से लेगा न कि बार बार पंडितजी को टोक कर..!

ये देवताओं का आह्वान करके उनके साक्ष्य में किया जा रहा विवाह समारोह है.. ना की किसी फिल्म की शूटिंग.

08 दूल्हा दुल्हन द्वारा कैमरामैन के कहने पर उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे.

09विवाह समारोह दिन में हो और शाम तक विदाई संपन्न हो। जिससे किसी भी मेहमान को रात 12 से 1 बजे खाना खाने से होने वाली समस्या जैसे अनिद्रा, एसिडिटी आदि से परेशान ना होना पड़े।
इसके अतिरिक्त मेहमानों को अपने घर पहुंचने में मध्य रात्रि तक का समय ना लगे और असुविधा ना हो।

10नवविवाहित को सबके सामने.. आलिंगन के लिए कहने वाले को तुरंत विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.

ज्ञात हुआ है लड़की वालों ने लड़के की सभी मांगे सहर्ष मान ली है..!!

समाज सुधार करने के लिए सुंदर सुझाव.! सभी के लिए अनुकरणीय..!!

शादी एक पवित्र बंधन है.. मर्यादाओं मे रहे ..अपनी पुरानी परंपरा ही ठीक है दिखावे से बचे।


देखो मां बाप का नाम खराब करने चली औलाद मां बाप का नाम खराब करती हैं ऐसी भुला दे मां बाप कैसे अपने बच्चे को पालने के लिए अपने बच्चे को गर्भधारण करने के लिए कहां-कहां नहीं मन्नते मांगते किसी किसी को औलाद नहीं होती तो जगह-जगह माथा टेकते हैं जगह-जगह मन्नत मांगते हैं कई कई तो औलाद पाने के लिए तंत्र विद्या की क्रियाओं में भी चले जाते हैं यह नहीं सोचते कि क्या अंजाम होगा कई कई लोग तो औलाद की जाना मैं अपना बेबी ट्यूब का इलाज करवाते हैं कई इलाज करवाते हैं यहां तक नहीं सोचते कि जान चली जाएगी कई कई लोग कई कई औरतों का तो अच्छा होने तक आ जाता है और डॉक्टर कहते हैं खतरा है बहुत ही ज्यादा खतरा है बच्चा नहीं हो सकता माया जा बच्चे को बचाया जा सकता है तब भी माफ किया नहीं मेरी जान चली जाए मगर बच्चा सजना ऐसे होते हैं मां बाप को समझो इस बात को मां-बाप कितने पौधे किस तरह पालते हैं उसका पालन-पोषण भी कोई कमी नहीं छोड़ते यहां तक कि खुद का पेट खाली रहता है बच्चों का पेट भरने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं एक एक तिनका तिनका के उठाते हैं उनके लिए कहां-कहां कैसे-कैसे काम करते हैं मेहनत करते हैं बड़े होकर ऐसा काम करें कि शादी का मंडप सजा हुआ रात आने वाली है और आप किसी और के साथ मत जाओ तो कितने शर्म की बात है मां-बाप का नाम पूरा मिट्टी में मिला दिया और बारात बारात घर से लूट गई बारातियों ने भी अपमान किया अपमान किया मां-बाप की क्या गुजरती होगी लड़कियां सोचे जो ऐसा काम करते हैं वह लड़के सोचे जो ऐसा काम करते हैं अपने मां बाप का नाम क्यों बुला रहे हो अरे यह भारत है भारत की छवि खराब ना करो भारत में लड़की को जीने का हक जरूर है लड़की जरूर है अपने हिसाब से काम करना नहीं चाहिए लड़के से प्यार था यह पसंद था तो तुम अपने मां बाप से बात करते मां बाप अगर नहीं मानते तो बारात आ गई है तो शादी उसी के साथ करनी चाहिए वैसे भी यार की शादी है कभी सक्सेस होती है जिसने मां-बाप के साथ रहती है ना ज्यादा सक्सेस होती है अगर मां-बाप की मर्जी से शादी होती है ना घर में लड़ाई झगड़ा होता है पति पत्नी में लड़ाई झगड़ा होता है कोई भी बात होती है तो हमारे मां-बाप से जाकर कह सकते हैं कि पापा आपने हमारे लिए लड़का अच्छा नहीं पसंद किया लड़की अच्छी नहीं पसंद कि उनका समझौता हो जाता है लड़ाई झगड़ा होता था बैठक करवा सकते हैं मां-बाप आराम से समझौता होता है और होता है बात कही नहीं जाती है नहीं प्यार करता है तो लड़की या लड़का भाग जाते हैं घूमते रहते हैं क्या होता है आपस में लड़ते हैं या तो खत्म कर देते हैं यही सब होता है लड़कियां करती है लड़की करते हैं उन्हें सोचने की जरूरत है इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है क्या करने जा रहे हैं हम अपने मां बाप का नाम क्यों खराब करने जा रहे हैं जो मां-बाप ने हमें इतना बालापोश शिक्षा हेतु और एक बात याद रखना के स्कूल में जो पीछे रहता है ना उससे भी बड़ा टीचर हमारे घर में हमारे मां-बाप रहते हैं हमारे गुरु रहते हैं मां-बाप क्योंकि हम पहले उंगली हमारे मां-बाप की पकड़ते हैं और मां-बाप ही हमें स्कूल तक ले जाते हैं और मां-बाप ही हमें हर शिक्षा देते हैं अच्छे बुरे का मतलब समझाते हैं मगर रंगीन दुनिया की रौनक में उड़ती हुई रौनक में बच्चे बिगड़ जाते हैं नहीं सोचते कि क्या होगा


मां-बाप बचपन से लेकर बुढ़ापे तक प्यार करते हैं बच्चों को चाहे मां बाप के सामने वह बच्चा बूढ़ा भी हो जाए ना तब भी मां-बाप प्यार करते हैं ना बाहर गलती को माफ करते हैं मगर लेकिन बच्चे नहीं सुधारते बच्चे नहीं सुधारते हैं उसकी टीम मिठाई जाए लड़की को ढूंढा जाए लड़की कहां गई है और लड़की अगर माफी मांगती है मां-बाप के सामने तो मां-बाप को माफ कर देना चाहिए और अपनी बिटिया को घर लेकर आओ बिटिया को घर लेकर आओ अगर लड़का यह प्यार करने वाला सही है और अच्छा है तो इसके साथ ही बिटिया की शादी बनाओ ताकि बिटिया की भी रह जाए और मां-बाप की भी जाए अपने बच्चों को अगर गलती की है तो छोड़ना मत क्योंकि मां-बाप अगर छोड़ देते हैं ना सब बच्चे और गलत रास्ते पर चले जाते उसने गलती तो कर लीजिए आगे और भी गलतियां हो सकती हैं इसीलिए मां बाप अपने बच्चों को ढूंढ ढूंढ के उन्हें माफ कर दे माफ करने के बाद उन बच्चों को अगर उसने लड़का सही है तो शादी करवा लड़का गलत है तो अपनी बिटिया को घर में बिठा के अच्छे संस्कार देश के बाद दुबारा उसकी शादी का योग बना है और हां बरात वापस चली गई तो बरात से भी एक आगमन है अगर लड़की के साथ शादी करना चाहते हैं तो क्लिक करें ऐसे किसी की शादी एक बार टूट जाती है ना बड़ी मुश्किल से बनती है कपड़ों पर लग जाता है बड़ी मुश्किल से तो सकती है आपकी मुसीबत आई है


Manvi Kashyap बहन आपकी बात परम सत्य है परंतु हमारे हिंदू समाज की बहन बेटियां समझती कहां है और अपने बाप की पगड़ी को पैरों तले मसल कर लक्ष्मण रेखा को पार करके एक ऐसे व्यक्ति के साथ में चली जाती है जिस के बारे में उन को अभी अच्छी तरह से मालूम भी nhi h ki वह इन का साथ जीवन भर साथ देगा या नहीं मुझे मेरे भारत देश में मेरे सनातन धर्म में मेरे हिंदू धर्म में ऐसी बहन बेटियां नहीं चाहिए जो कि अपने बाप की इज्जत मर्यादा की तनिक भी परवाह न करें ऐसी बहन बेटियों को मैं अपनी बहन कहने में भी लज्जित होता बहुत शर्म आती है मुझे ऐसी बहन बेटियों पर उनकी कहानियां सुनकर उनके कारनामे देखकर उस बाप की परवरिश में कौन सी ऐसी कमी रह गई थी जिसकी इन्होंने तनिक भी परवाह न की और 2 दिन के प्यार के खातिर अपने मां-बाप की इज्जत मर्यादा टुकड़े-टुकड़े कर दिए ऐसे ही लड़कियों की श्रद्धा जैसी हालत होती है कि बाद में वह खुद टुकड़े टुकड़े हो जाती है और जिसको प्यार किया है जिसको अपना जीवन साथी चुना है वह घूमता है सीना चौड़ा करके ऐसी मां बहन बेटियों के ऊपर मुझे शर्म आती है धिक्कार है ऐसी लड़कियां समाज के अंदर हिंदू धर्म के अंदर एक गंदा धब्बा है धिक्कार है तुम जैसे बेटियों पर जय जय सियाराम जय जय सियाराम




+