कोविड पर भारत भारी, चीन में भयंकर बीमारी

कोविड पर भारत भारी, चीन में भयंकर बीमारी आज कोरोना चीन वालों का रुला रहा है #China #XiJinping #Covid #BlackAndWhiteOnAajTak | Sudhir Chaudhary

           

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Kamlesh Kumar करतार पुर साहब काम पूरा,आर्टिकल 370,35A काम पूरा,केदारनाथ धाम काम पूरा,काशी विश्वनाथ काम पूरा,राम मंदिर काम पूरा,महाकाल लोक काम पूरा,स्टेच्यू ऑफ यूनिटी काम पूरा,अटल टनल काम पूरा,मेट्रो का काम पूरे देश में गति में है,वन्देभारत चार रूट पे चालू,पूर्वोत्तर को 60साल बाद ट्रेन से जोड़ा गया,और नल से जल भी पहुंच गया,और देश के रेलवे स्टेशन को जरा देखो,देश के 18000गावों में बिजली पहुंच गई,देश की सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर बिछाके इंटरनेट से जोड़ा गया..सेना के लिए राफेल,बुलेटप्रूफ जैकेट,S-400 मिसाइल सिस्टम,विक्रांत सबमारिन,
तेजस हेलीकॉप्टर,इतने IIM,आइम्स, रोड,हाइवे बन रहे हे..मुद्रा लोन,किसानों को साल का छे हजार,आयुष्यमान भारत बीमा योजना,प्रधानमंत्री आवास योजना और इसमें भी 2.67की सब्सिडी,और अभी अभी 5G नेटवर्क का काम बड़े शहरों में चालू हुवा...और यह सब काम हो गए बिना भ्रष्टाचार से...और मित्रो यह काम हुवे है की नही यह गूगल पर भी देख शकते हो...


Kamlesh Kumar एक आदमी अपनी पत्नी के हर काम में खोट निकालता था

अगर वो आलू का पराँठा बना देती तो बोलता कि आलू की सब्ज़ी बनानी थी..

और अगर वो आलू की सब्ज़ी बना देती तो कहता कि आलू का पराँठा बनाना था

एक दिन पत्नी ने सोचा कि आज मेरे पति को खोट निकालने ही नहीं दूंगी

उसने आलू के पराँठे भी बना दिए और आलू की सब्ज़ी भी

बाल की खाल निकालने वाला पति जब घर आया तो पहले तो वो दोनों चीज़ों, पराँठें और सब्ज़ी को गौर से देखता रहा और फिर गुस्से से पत्नी को बोला कि तुम्हे अक्ल कब आयेगी
जिन आलूओं की सब्ज़ी बनानी थी उनका पराँठा बना दिया और जिनका पराँठा बनाना था उनकी सब्ज़ी बना दी

आजकल इसी तरह के लोग सरकार के हर काम पर खोट निकाल रहें है


Kamlesh Kumar मैं भारत का नागरिक हूँ,
मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिए...

बिजली मैं बचाऊँगा नहीं,
बिल मुझे माफ़ चाहिए। ।

पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,
मौसम मुझको साफ़ चाहिए।

शिकायत मैं करूँगा नहीं,
कार्रवाई तुरंत चाहिए ।

बिना लिए कुछ काम न करूँ,
पर भ्रष्टाचार का अंत चाहिए ।

घर-बाहर कूड़ा फेकूं,
शहर मुझे साफ चाहिए ।

काम करूँ न धेले भर का,
वेतन लल्लनटाॅप चाहिए ।

एक नेता बोल गया सो तुरंत
मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिए।

लाचारों वाले लाभ उठायें,
फिर भी ऊँची साख चाहिए।

लोन मिले बिल्कुल सस्ता,
बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिए।

धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,
पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिए।

जाती के नाम पर वोट दे,
अपराध मुक्त राज्य चाहिए।

रास्ते चाहिए दुबई वाले,
लेकिन टाल टैक्स में मुक्ति चाहिए।

विकास चाहिए अमरीका वाला,
पर GST और IT से मुक्ति चाहिए।

मैं भारत का नागरिक हूँ ,
मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिए....


Kamlesh Kumar बहुत ही चिंता का विषय है देश विकट परिस्थिति में चल रहा है....

*गाड़ियों के शोरूम में जाइए, नए मॉडल का इंतजार है। छह महीने से ग्राहक नई कारों का इंतजार कर रहे हैं।

*रेस्टोरेंट में जाओ तो खाली टेबल नहीं मिलती कई रेस्टोरेंट में लाइनें लगी हुई हैं।

*शॉपिंग मॉल में इतनी भीड़ है कि पार्किंग की जगह नहीं है।

*कई मोबाइल कंपनियों के मॉडल आउट ऑफ स्टॉक,लॉन्चिंग के साथ ही एप्पल हो रहा आउट ऑफ स्टॉक

*ऑनलाइन शॉपिंग में और वर्किंग डे में बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं मिलती,रोज जाम जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
*नवरात्रि,गणपति,दिवाली में सोना इतना बीका की पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए।
*त्योहारों में मिठाई और नमकीन की रेकोर्डतोड बिक्री।
*ऑनलाइन शॉपिंग उद्योग धूम मचा रहा है....
*कुछ लोग कहते हे देश में मंदी और बेरोजगारी है तो लोगो के पास इतने पैसे आते कहा से हे??और यह सब खरीदी कौन कर रहा हे???

* लोग कहते है पेट्रोल,गैस,बिजली के दाम ने कमर तोड़ दी है....

*मेरे घर में फालतू लाइट जलती है,पंखे जलते हैं,टीवी चल रहा है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं लेकिन बिजली का बिल चढ़ता है तो अंतर्मन अंदर से रोता है।
*जब मेरे लड़के 15 डिग्री सेंटीग्रेड पर ऐसी रखके और कम्बल ओढ़कर कब सो गए कुछ कह नहीं सकता लेकिन बिजली के दाम बढ़ने से पारा बढ़ जाता है।
*जब मेरा गीजर 24 घंटे चालू रहता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बिजली के दाम और लाइट के बिल बढ़ जाते हैं तो तुरंत सरकार को गाली बकता हू।
*घर में बीवी या नौकरानी गैस बर्बाद करती है तो जुबान कुछ नहीं बोलती,लेकिन गैस के दाम बढ़ने से जुबान कैंची सी चलती है।

*लाल बत्ती पर कार, बाइक या स्कूटी बंद करना पसंद नहीं करते,घर से थोड़ी दूर दूध लेने स्कूटी या बाइक से जाता हूँ सप्ताह में अनावश्यक तीस चालीस KM गाड़ी चला सकता हूँ लेकिन पेट्रोल का दाम एक रूपया बढता है तो मिर्ची लग जाती है

*मैं अपने वेतन संशोधन के लिए सरकार को चुनाव के टाइम ब्लैकमैलिंग और दादागिरी करता हूँ, लेकिन नौकरानी के वेतन वृद्धि के लिए,सब्जी लोरी पर, किराने की दुकान पर या कहीं और,पैसा देना है तो B.P बढ़ रहा है।

*मेरे बच्चे मेरी न सुने या न सुने,कोई बात नहीं लेकिन प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री या सरकार न सुने तो मैं खुद को और सरकार को भी गाली दे रहा हूँ..

*क्योंकि मैं एक आजाद देश का स्वतंत्र नागरिक हूँ...

*सरकार बदल देंगे पर खुद को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे..

दोस्तों ये है देश और देश के नागरिकों की हकीकत..इसमें व्यंग्य और दर्द में भी मैंने हर भारतीय नागरिक की जीवन शैली और सोच पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है।

सभी से निवेदन है कि उपरोक्त बातों पर विचार अवश्य करें, सोशल मीडिया में बोलें या लिखें या पढ़ें।

धन्यवाद