1ºगुजरात चुनाव अनुभव-प्रधानमंत्री जी और मीडिया को जीत की बधाई हो।केजरीवाल जी को शोशल मीडिया से प्रचार कर राष्ट्रीय पार्टी बनने की बधाई हो।कांग्रेस भी शोशल मीडिया के जरिये प्रचार कर सकती थी,बड़े रोड शो कर सकती थी।खेर कांग्रेस देश मे अभी भी बड़ी पार्टी है, हिमाचल जितने पर उनको भी बधाई हो।
गुजरात मोदी जी और अमित शाह का घर है तो चुनाव देखना बनता था जो अनुभव रहा वो ये रहा कि केजरीवाल को अपने प्रदेश में एंट्री देकर उसकी स्थिति को जानना, लेकिन दो राज्य में मुफ्त योजना से सरकार बनाकर गुजरात मे भी उनकी मुफ्त योजना को बल मिलने लगा बस फिर क्या था मीडिया ने अपना काम शुरू कर दिया बोध दीक्षा जो हर साल की भांति इस बार भी थी उसमें राजेन्द्र पाल का होना, उसका वीडियो प्रचार कर आप पार्टी के मथे मंदना ,फिर गोपाल इटालिया का पुराना वीडियो प्रचार करना।इतने में केजरीवाल का हिल जाना और बोखलाहट में गणेश,लक्ष्मी की नोटो पर फोटो और कंस की औलादों का बद्द इसने आग में घी का काम कर दिया और जो वोट किसके वो वापस वहीं चले गए।फिर मीडिया ने बिलकिस बानो का मुद्दा ले लिया और उसको लेकर सत्ता धारी पार्टी की बजाय,राज्य में पहली बार लड़ रही आप पार्टी को घेर कर विरोधी माहौल तैयार किया फिर क्या था आप पार्टी की तरफ जाने वाला वोट पूरी तरीके से बिखर गया।इसके साथ कोई और विकल्प भी नही रहा और जनता ने मोदी जी के नाम पर वोट कर दिए।फिर महंगाई,बेरोजगारी आम निजी मुद्दे नही चल पाए ओर बीजेपी प्रचंड सीटों से जीत गयी।