रात दो बजे प्रेमिका से मिलने पहुंचा प्रेमी, घर वाले जाग गए तो कुएं में कूदा, निकालकर गांव वालों न

रात दो बजे प्रेमिका से मिलने पहुंचा प्रेमी, घर वाले जाग गए तो कुएं में कूदा, निकालकर गांव वालों ने करा दी शादी #Bihar

           

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शादी के बाद अक्सर जो लड़की , पति व ससुराल वालो के खिलाफ झूठी पंचायत या पुलिस कम्पलेन्ट कराती है, उसमे निम्न बाते लिखवाती है।

1. पति बहुत मार-पीट करता है।
2. पति बहुत शराब पीता हैं।
3. पति दहेज और पैसे मांगता था।
4. पति अन-नेचुरल सेक्स करता था।
5. पति के किसी और के साथ सम्बन्ध है।
6.पती ही नहीं ससुराल के सभी लोग खराब होते हैं,

हमारा सभ्य समाज लड़की की हर बात का पुरा यकीन करता है और मानता है कि लड़की कह रही है तो सच ही होगा।


इतने आरोप लगाने के बाद भी लड़की हमेशा यही कहती है : "मै डिवोर्स नहीं दुंगी, मैं अपने पति के साथ ही रहना चाहती हुं।"

जरा सोचिए, क्या ऐसे आरोप लगाकर कोई घर बस सकता है?- कतई नहीं।

ऐसे आदमी के साथ क्यों रहना जिसके किसी और के साथ सम्बन्ध है?

फिर लड़की साथ क्यों रहना चाहती है? लड़की ऐसा क्यों कहती हैं

ऐसा इसलिए ताकि आरोप लगाकर लड़के पक्ष पर दबाव बनाया जा सके।
ऐसा इसलिए ताकि आरोप लगाकर समाज को गुमराह किया जा सके।
ऐसा इसलिए ताकि आरोप लगाकर लड़की के कुकर्म को छुपाया जा सके और पीड़िता बनकर समाज से सहानुभूति प्राप्त की जा सके।
ऐसा इसलिए ताकि आरोप लगाकर पैसा/प्रोपर्टी मे हिस्सा मांगा जा सके।
ऐसा इसलिए ताकि आरोप लगाकर डर दिखाकर अपनी मनमानी की जा सके।

चलो माना लड़की का ससुराल पक्ष बहुत बुरा है। और लड़की बहुत परेशान हैं।

1. जब लड़की इतनी ही परेशान हैं तो क्यों ना ऐसे रिश्ते को शांति से बैठकर खत्म कर दिया जाये?
2. क्यों ना समझदारी से, सहमति से, डिवोर्स फाईल किया जाये, और अपनी-अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की जायें?
3. लड़की पक्ष ये बात क्यों नहीं समझता कि कोर्ट से पैसा तो मिल सकता है पति नहीं।
4. क्यो थाने/कोर्ट के चक्कर में अपनी जवानी/पैसा खराब करते हैं?

असल मे यह समाज को गुमराह के लिए, लड़की एवं उसके मां-बाप द्वारा रचा गया क्षणयंत्र होता है।
यह एक सामाजिक फेलियर होता है, जिसमें समाज सच्चाई जाने बिना लड़की पक्ष का साथ देता है।

और पुरुष जब चारों तरफ से जीत हो जाता है उनके बातों को कोई नहीं मानता है तो उसके पास एक ही ऑप्शन होता है वह है आत्महत्या,खुदकुशी कर लेता है

इसी कारण भारत में आत्महत्या की संख्या बढ़ रही है जिसके कारण पुरुषों का संगठन बनाया गया है और पुरुषों के हक अधिकार की मांग तेजी से चल रही है 2022 महिलावादी कानून कमजोर हुई।