अटल टनल पर फिर लगेगा सोनिया गांधी के नाम का शिलान्यास पत्थर! CM सुखविंदर सिंह सुक्खू का आदेश

CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन को अटल टनल पर लगे पुराने शिलान्यास पत्थर को दोबारा लगाने का आदेश दिया

           

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Manoj Pandey भेल बनाना सेल बना ना कोइ देश को रोजगार दिया आंग्रेजो के बनाये जाल पर अपना लेबल लगाया जो काम अटलजी मोदी ने चन्द वर्षों में किये वो बेईमानो ने 55 साल में नही किये देश लूटने के सिवाये ना ढंग के रोड थे रेल गाड़ी थी ना कॉलेज थे ना स्कूल थे अब छोटा मोटा मत गिनाओ इतना पाकिस्तान बंगलादेश वाले भी बनाते है कोनसा विदेशी व्यक्ति आकर भारत की कम्पनियों को उठाकर ले गया बताते हुए कपको लाज आती होगी इसी लिए बताते नही हो मुसलमानों को पाक बेचा बनग्लादेश बेचा अक्साई चीन गया पर बेचा सब मोदी ने फर्जी बताने से अच्छा उस पन नाम विदेशी लोगो के बताना हमको भी लगे देश तो बिक गया अब मरना है या गुलामी करना या भारत छोड़ना या उनसे लड़कर मरना जिन्होंने देश हड़प लिया


M L Choudhary सुक्खू ने 97% हिंदूओं को उनकी औकात बता दी? कि हिंदू को फ्री के अलावा और कुछ नहीं चाहिए?

#Old_Pension_Scheme (#OPS) एक ऐसा वादा है, जिसमें धोखा ही मिलना है।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा की हार के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है, यह सच भी हो सकता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हर राज्य में OPS का वादा कर रहे हैं, लेकिन क्या यह पूरा भी हो पायेगा??

अभी तक राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और पंजाब ने OPS को फिर से शुरू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन क्या यह राज्य पुरानी पेंशन दे पा रहे हैं ?

तमिलनाडु ने भी OPS देने का वादा किया था 2021 में, अभी तक नहीं दिया।

पंजाब ने हिमाचल चुनाव में माहौल बनाने के लिए घोषणा कर दी, लेकिन आज तक उस घोषणा का Notification तक नहीं आया।

इनमे से किसी भी राज्य ने अभी तक OPS देने का Mechanism नहीं बनाया। इनमे से किसी राज्य के पास कोई Software तक नहीं जो OPS के system के हिसाब से Employees के contribution को calculate कर सके।
इनमे से केवल एक राज्य, राजस्थान ने NPS Regulators को कर्मचारियों का पैसा सरकार को वापस देने को कहा था, जिसके लिए NPS regulators ने साफ मना कर दिया। क्यूंकि वह पैसा मात्र Employees को दिया जा सकता है, सरकार को नहीं।

इनमे से किसी भी राज्य ने OPS लागू करने से होने वाले अतिरिक्त खर्चे को अपने बजट में नहीं दिखाया। पंजाब में OPS लागू करने की घोषणा हुई, करोड़ों के advertisement भी छप गए, लेकिन अभी तक एक भी कर्मचारी को OPS उसके अकाउंट में नहीं मिला। मिला होता तो पंजाब के कर्मचारी (CPFEU) यूनियन वाले गुजरात में क्यों जाते OPS को expose करने??

कांग्रेस ने ऐसा ही वादा OROP (वन रैंक वन पेंशन) का किया था। 2014 में चुनाव हारने से पहले के आखिरी बजट में पूरे 500 करोड़ रूपए की घोषणा की थी OROP के लिए और फिर उस पर कोई काम नहीं हुआ। बाद में मोदी सरकार ने जब OROP लागू किया.. तो उसका Annual खर्च 10-12 हजार करोड़ रूपए था। फर्क देख रहे हैं...500 करोड़ और 10-12 हजार करोड़??

कुल मिलाकर इन राज्यों ने बस घोषणा की है...और इनकी आधी अधूरी घोषणा के कारण कर्मचारी ही धक्के खाएंगे।
और मैं तो कहता हूँ कि NPS में दिक्कत क्या है?? भारत में सरकारी नौकरी करने वाले डेढ़ से 2 करोड़ होंगे केंद्र और राज्यों को मिलाकर। बाकी बच्चों, बुजुर्गों को हटा दें.. तब भी 80-90 करोड़ लोग हैं जो निजी और असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनके लिए OPS नहीं होना चाहिए क्या?? वो भी तो काम कर रहे हैं, टैक्स दे रहे हैं।

अगर चुनाव जीतना ही है.. तो भाई सभी कर्मचारियों (निजी+सरकारी) के लिए OPS की घोषणा कर दो.. और ले लो भर भर के। फिर देश चाहे भिखारी बने या दिवालिया! आपकी बला से।

संजीव कुमार कुशवाह


अटलजी ने इस सुरंग का काम शुरु करवाया था । २००५ मे सोनिया ने काम बंद करवा दिया ! २०१५ तक काम बंद पडा रहा ! २०१५ मे मोदी ने टनल का काम फिर से शुरु करवाया और २०२० तक पूरा करवाया , तो टनल का क्या नाम होना चाहिये ?
मोदीजी ने टनल को अटलजी का नाम दिया ! जिसने चल रहे काम को १० साल रोक दिया और पुरा भी करवाया नही , उसके नाम पर टनल का नाम क्यों रखा जाये ?
आ गये चमचे नाम बदलने के लिये और एक इडली वाली का नाम घुसाने !
दिमाग मे रखना चमचों , इडली के बाद टेबल पर चाय भी आती है !!