1ºअरे सज्जन सिंह भरनाई नागौर एवं भगवान सिंह राणावत सांगानेर जयपुर भाई सच बोलदे अब एक वॉइस रिकॉर्डिंग में तुम बोल रहे हो की अगर कोई पूछे की ब्याज के पैसे किसको दिए ऐसा कहना की मेरे को नहीं दिए जशी जी का नाम ले देना.. दुसरो को फँसाना छोडो लोगो ने तुम्हारी चालाकी पहले ही भाँप ली थी तोह हर चीज का प्रूफ हैँ. इस्सलिये दुसरो को बिच में फँसाना छोडो तुम और अपनी कुल देवी भवानी माँ से डरो. क्युकी लोगो को पता हैँ की तुमने ब्याज के पैसे भी खाये हैँ और मूल रकम भी. भोले भाले इंसान को फंसाना छोड़ दो तुम. तुमने पैसे खाये हैँ लोगो के कागज़ो पर तुम्हारे एकाउंट में 30 लाख रूपए आये थे मरुधरा बैंक एकाउंट में उसके साथ तुमने ब्याज का हरेक पैसा खाया हैँ. बुराई का और तुमने पाप किया उसका अंत होगा. आज तुझे ब्याज के पैसे की प्रूफ की याद आरही हैँ वो भी 2 साल बाद इतने दिन तुझे याद नहीं आयी जब तू ब्याज के पैसे खा रहाँ था. अब तुझे प्रूफ चाहिए जब तेरे पास कुछ बोलने को नहीं हैँ तब. भोले इंसान को फंसाना छोड़ दे. रावण इतना महान था लेकिन फिर भी उसकी बुराई का अंत हुआ. दुसरो पर ब्लेम लगाना छोड़ दे. वॉइस रिकॉर्डिंग चाहिए तोह बता देना जिसमे तुम बोल रहे हो की अगर कोई पूछे की ब्याज के पैसे किसको दिए ऐसा कहना की मेरे को नहीं दिए जशी जी का नाम ले देना..