नीतीश कुमार ने क्या तेजस्वी के सीएम बनने के अरमानों पर तीन साल का ब्रेक लगा दिया है?

नीतीश ने एक तरह से 2024 चुनाव के लिए अपनी दावेदारी भी जता दी है और तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के अरमानों पर 2025 तक के लिए ब्रेक लगा दिया है.

           

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हमारे सभी धर्मगुरु और संगठन अपनी पूजा करवाने , अपने तलवे चटवाने में ही मस्त हे।
बाकी 70% भूमि और हिन्दू गवा चुके हे इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं हे ,
एक शब्द नहीं बोलते कभी पापिस्तान और बंगलादेश में हो रहे हिन्दुओ के अत्याचारों पर ,
वहा के सभी हिन्दू खत्म हो गए , उन पर बद से बदतर अमानवीय अत्याचार किये हैवानो ने , जो बचे हे उन पर अब भी जारी हे लेकिन इन्हे कोई चिंता नहीं हे।

जब वहा 100% हिन्दू थे ये तब भी वह ऐसे ही कथा कहानिया सुनाते थे भजन कीर्तन कराते थे , वहा से खत्म हुए तो फिर यहाँ आ गए कथा सुनाने , यहाँ से खत्म होंगे तो फिर अमेरिका कनाडा ऑस्ट्रेलिया जायेगे कथा सुनाने। अपने तलवे चटवाने।

यहाँ रोज रोज हिन्दू बेटियों के टुकड़े बलात्कार होते हे लेकिन मजाल हे कभी कोई शंकराचार्य बोला हो ,
जबकि बम फोड़ने वालो को गिरफ्तार किया तो तुरंत उनका साही इमाम जा कर मोदी से मिलता हे की 'मुसलमानो को परेशान मत करो '
एक अखलाख मरता हे तो वो लोग पूरी दुनिया में हंगमा कर देते हे , वो लोग ये मुद्दा ुणो में उठाते हे , हिंदुत्व को बदनाम करते हे ,
लेकिन यहाँ रोज रोज हिन्दू बेटियां बेरहमी से मारी जा रही हे , लेकिन मजाल हे की किसी शंकराचार्य ने इसका इल्जाम मुसलमानो पर लगाया हो जा कर मोदी से मिला हो।
ये हे हमारे धर्मगुरु और संगठन।

ये लोगो से कहते हे दुशरो से ईर्ष्या मत करो लेकिन ये खुद दुषरे संतो और संगठनों की बुराई करते हे।

लेकिन आपने कभी सूना हे कोई मौलवी , इमाम , दुषरे मौलवी इमाम की बुराई करता हो ,
किसी आतंकी संगठन तक की बुराई नहीं करते हे । इतने पक्के हे वो लोग।