शाहरुख खान की फिल्म पठान के गाने पर विवाद क्यों? #ATVideo

           

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बॉलीवुड की कुछ कलाकारों की वजह से हिंदू संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है बॉलीवुड की ऐसी कलाकार इस बात को अच्छी तरह से समझ लें हमारी भारतीय संस्कृति हमारी भारतीय सभ्यता हमारी हिंदू संस्कृति के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा उसको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा भारतीय संस्कृति का प्रतीक हिंदू धर्म है भारतीय हिंदू धर्म एवं हिंदू संस्कृति के साथ किसी भी तरह का मजाक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हिंदू संस्कृति और सभ्यता को अपने सर्वोच्च स्तर पर ले जाने के लिए सभी हिंदू भाई बहन अपना महत्वपूर्ण योगदान जरूर देंगे बॉलीवुड के कलाकारों को यह वाली बात हमें याद दिलाने की जरूरत है कि हमारे हिंदू संस्कृति के साथ अगर कोई खिलवाड़ करेगा तो उसका खामियाजा उन्हें अपनी बर्बादी के तौर पर चुकाना होगा हिंदू धर्म हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करता है लेकिन हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ कभी भी हम नरमी से पेश नहीं आएंगे


दिक्कत कहां है सुनो अच्छे से। पहले हिंदू सो रहा था क्योंकि सोशल मीडिया नहीं था तो लोगो को सिर्फ टेलीविजन और अखबारों से पता था कि नंगा नाच का स्तर सिर्फ फैशन इंडस्ट्री और फिल्म इंडस्ट्री तक ही सीमित है।

लेकिन अब ये सब घर घर तक पहुंच गया है मोबाइल एप के जरिए । पहले ये फैशन और फिल्म इंड्ट्री की कुछ औरतें दूध और जंघे खोल कर नाचती थी। और फिल्मों और फैशन शो से पैसा कमाती थी। और इनके फोटो अखबारों और मैगज़ीन में आते थे। और हर व्यक्ति ना उनको पढ़ता था ना देखता था। क्योंकि पहले देश की ज्यादातर जनता अनपढ़, गरीब और बेरोजगार थी। सिर्फ गांव में रहते थे खेती करते थे। और नुकरी करने बाहर कम जाते थे। अब युवा सब शहर में रह कर पढ़ना चाहते है नोकरी करना चाहते है। मोबाइल रखना चाहते है । और पूरा दिन फिल्मों ,नाटकों से परोसा गया नंगा नाच देखते रहते है। और नए युवा उसे फॉलो करना चाहते है । वो भी चाहते है शॉर्टकट से पैसा कमाना एप पर रील बना कर फैमस होना सेलिब्रिटी होने का दिखावा करना । और ये सिर्फ सम्भव है सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने से। जैसे कि बड़े बड़े सेलेब्रिटी और राजनेता रहते है। और वो लोग इसे एप पर परोसे गए नंगे नाच का समर्थन करते है। और सोशल मीडिया पर एसा काम कर रहे युवाओं को टैलेंट के नाम पर रिएलिटी शो में बुलाते है । और युवतिया भी सोचती है बहुत सारा मेकअप करके दूध दिखा कर जाघे घोल कर कमर मटका कर फैमस हुआ जा सकता है । फॉलोअर बढ़ा कर अप्स के जरिए पैसा कमाया जा सकता है। इसीलिए अब हर लड़की इसी काम की तरफ बढ़ रही है । पहले ये काम कुछ लोग कर रहे थे । अब 90% कर रहे है। इसीलिए अब लग रहा है देश की संस्कृति आखिरी कगार पर है तो कुछ लोग उसका विरोध करने उतार आए है। क्योंकि ये गंदगी अब घर घर में हावी हो चुकी है । चाहे स्कूलों के फंक्शन हो या कॉलेज के इवेंट । यही सब हो रहा है वेल एजुकेशन के नाम पर। पहले बाबर और खिलजी ने स्कल्पचर को मिटाने की कोशिश की इतिहास से । अब उनकी औलादें साहित्य और कला और आर्ट की जगह घुस कर संस्कृति को मिटा देना चाहती है। क्योंकी नृत्य, संगीत, नाटक सभी एक कला और चरित्र के हिस्से है। जो कि युवाओं के चरित्र और पहनावे और खान पान को बदल रहे है। मतलब हिंदुस्तान विनाश के रास्ते पर चल पड़ा है। डबल मीनिंग गाने रिलीज हो रहे है, डायलॉग गाली गलौज से भरे हुए बलगर हो रहे है, नृत्य नंगा हो रहा है, खाना जानवरो को मार कर हिंसा से प्राप्त हो रहा है और पीना नशे से युक्त हो रहा है।


यह लोग हमेशा ही ऐसा करते हैं ऐसा करने में इन को भारत की संस्कृति और भारत की सभ्यता को नष्ट करने में खुशी मिलती है यह वही लोग हैं जो बुरखे के पहनने को सही बोलते हैं हिजाब पहनने को सही बोलते हैं यह वही अमिताभ बच्चन है जिसके बाप हरिवंश राय बच्चन इंदिरा गांधी ने जो इमरजेंसी लगाई थी उसके समर्थन में पहला पत्र जारी किया था यह वही अमिताभ बच्चन है जिसमें दिल्ली ने 3:30 हजार सरदारों की हत्या कर दी थी उसके बाद उसी कांग्रेस से चुनाव लड़ा था कांग्रेसी टिकट पर दोगले लोग हैं यह वही शाहरुख खान है जो बोलता है मेरे वालिद की थी मैं पाकिस्तान पाकिस्तान जीता है तो मेरे वाले तो खुशी होती है यह वही दीपिका पादुकोण है जो टुकड़े टुकड़े गैंग के जेएनयू में जाती है और उनका समर्थन करती है यह वही सभी लोग हैं जब सर तन से जुदा के नारे लगते हैं तो चुपचाप उसका तमाशा देखते हैं तब अभिव्यक्ति की आजादी खत्म नहीं होती है इनका सत्या नाश करना उनका विरोध करना बहुत जरूरी है जब तक ऐसे लोग जिंदा हैं जब तक या अपना मिशन चलाते रहेंगे उनके मिशन को को चलना है इस प्रजाति को देश से खत्म करना है


अपने हिन्दू होने पर गर्व जरूर कीजिये, लेकिन सावधान!

■ मूर्खतापूर्ण नोटबन्दी हिंदुत्व नहीं है।

■ पेट्रोल डीजल पर बेतहाशा टैक्स थोपना हिंदुत्व नहीं है।

■ बिना सोचे थोपा गया GST हिंदुत्व नही है।

■ रसोई गैस महंगा करना हिंदुत्व नहीं है।

■ सब्सिडी गायब करना हिंदुत्व नहीं है।

■ खराब आर्थिक नीतियों से अर्थव्यवस्था का बंटाधार हिंदुत्व नहीं है।

■ बिना तैयारी के लॉक डाउन हिंदुत्व नही है।

■ ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत हिंदुत्व नही है।

■ खराब कृषि कानून से जमाखोरी और खाद्य पदार्थ महंगा होना हिंदुत्व नही है।

■ फायदे वाले सरकारी उपक्रम बेचना हिंदुत्व नही है।

■ बैंकों का निजीकरण, विलय और छंटनी हिंदुत्व नही है।

■ सरकारी नौकरियों में कटौती, बेरोजगारी हिंदुत्व नही है।

■ पीएम केयर जैसा निजी ट्रस्ट और उसमें वसूला गया पैसा हिंदुत्व नही है।

■ भ्रष्टाचार, कालाधन दोगुनी रफ़्तार से बढ़ना हिंदुत्व नही है।

■ हिन्दू की बात करें लेकिन सिर्फ भाजपा वाले हिन्दू न बने क्योंकि देश का भाईचारा मिटाना हिंदुत्व नहीं है। #modified.


Jaypal Singh Nayal
आप काले को सफेद और नीले को पीला बोलते हो क्या ?
जो रंग जिस काबिल है उसे वैसा बोलने में क्या बुराई है ।
बेशर्म को बेशर्म कहना गलत कहा से हो गया । ️
इस रंग को पहन कर साधु संत लोग गुफा में क्या करते है?
इस रंग को पहन कर 10 लोग मिलकर एक निहत्थे को लीचिंग करते है ।
इस रंग को पहन कर लोग हमारी मस्जिद शहीद कर देते है ।
एक मासूम बच्ची आसिफा की इज्जत लूट कर इसी रंग का पट्टा गले में डाल कर फक्र से घूमे थे जालिम ।

लिखने को बहुत है । दिन भर भी लिखूं तो कम है ।
इस रंग की जितनी भ्रसना की जाए कम है ।


song me to bahot colours hai but khali pili ka issue banaya ja raha hai ki bhgwa ko badnam kiya ja raha hai haa ye bol sakte song me boldness seen hai samaaj ke liye theek nahi hai family ke Acha nahi hai but ishe bhi bahot boldness seen Katrina Priyanka Sunnyleon Aur bhi Aise hai Kangana bhi hai unke sath Jydtr Akshay kumar And Hiritik Hai uswqt bhi ye sochna chahiye tha but sarukh ko khali pili ko Target kiya ja raha hai Urdu Name hone ki wajah se Aur Aur Aaplog khali pili bhgwa colour ka bhi Apman kar rahe ho wo ye colour se itni kamjor soch nahi rakhni chahiye Aur kabhi bhgwa ka tulna bhi nahi karna chahiye Aise colour se aur ek baat Bhul bhulaiya me jo song hai uspe bhgwa colour sri Ram ka name hai aur shirtless dress hai dance kar rahi hai Akshay bhi hai uswqt Aaplog khamosh rahte ho dikhayi bhi nahi deta jabki virodh uska hona chahiye tha Asal me lekin Problem to musalman se hai to virodh to iska hona hi hai


भारत मे 15 लाख स्कूल व 12 लाख स्वास्थ्य केंद्र है।जर्जर स्कूल व संसाधनविहीन अस्पतालों की हालत हो रखी है।

विभिन्न धर्मों के चमचमाते 25 वीसीलाख आराधना स्थल है।लाखों करोड़ रुपये,हजारों टन सोना और बेशकीमती जमीनों का जखीरा दान से प्राप्त है।

यह फर्क सिर्फ एक मानसिकता से है।भारत के लोग अपने वर्तमान से कोई प्रेम नहीं करते है।परलोक में यानि मरने के बाद जन्नत/स्वर्ग/पैराडाइज हासिल करने में अपना जीवन खफा देते है।

धर्मग्रंथों ने बता दिया है,धर्मगुरुओं ने कह दिया है कि यह जगत मिथ्या है!मोह-माया से दूर रहकर स्वर्ग/जन्नत का इंतजाम कर लो!

बस गुप् अंधेरे में इस रहस्य पर पागलपन का अपना संसार रच लिया है।यही कारण है कि भूख से बिलखता बच्चा,इलाज के अभाव में तड़पता नौजवान हमे उद्वेलित नहीं करता है।हम मानकर बैठे है कि यह इनके पिछले जन्म के बुरे कर्मों का फल है।संवेदनाएं बड़े शातिर तरीक़े से मारी गई है।

जब तक यह मानसिकता नहीं बदल जाती तब तक हम गरीबी,भुखमरी,शिक्षा,स्वास्थ्य के लिए कभी नहीं लड़ सकते।धर्मों के नाम पर,भावना/आस्था के नाम पर हम इंसानी बस्तियों को फूंकने के लिए सदैव तत्पर रहते है।

हमारी हालत सुधार के नाम पर,विकास के नाम पर,प्रगति के नाम पर इस ट्रेक्टर की तरह हो रखी है।सोचिये इस ट्रेक्टर की क्या मंजिल हो सकती है?