1ºयह बिल्कुल सही बात हो सकती है लेकिन इंडिया में ऐसा नहीं कि इंडिया के एंबुलेंस वाले सोते रहते हैं। आदमी मर जाओ, परवाह नहीं है, लेकिन कई हॉस्पिटल वाले हैं कि उनको भी पैसे से मतलब है। आदमी की परवाह नहीं है। कई ऐसे एंबुलेंस वाले हैं जो अपनी जान पर खेलकर भी आदमी की जान बचा लेते हैं और उनको भी याद है कि हमें एक ड्यूटी है लेकिन कई लोग अपना फर्ज भूल जाते हैं। यह भारत देश में हो सकता। यह नहीं कि आप लोग तो आपस में मारते हैं। राजनेताओं को देखो सिर्फ अपना पड़ा है और किसी का नहीं चाहे। उसे भर चाहे कुछ भी हो अपने राज हो, तहसील हो, विधायक हो या कल में विधायक को चार सांसदों को सपना पढ़ा है। कभी यह जनता का नहीं सोचते बस।