ब्रेकअप के बाद फिर साथ दिखे जाह्नवी कपूर-शिखर पहाड़िया, होने लगी अफेयर की चर्चा

ब्रेकअप के बाद फिर साथ दिखे जाह्नवी कपूर-शिखर पहाड़िया

           

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https://youtu.be/7tAM1cglbHc

भारत में 70 साल तक एक ऐसा राजनीतिक चेहरा सत्ता में बैठा जिसने भारत की जनता को आजादी का झूठा श्रेय लेकर गुमराह किया और भारत की सत्ता को अपनी व्यक्तिगत जागीर बनाने में लगा रहा और अपने चारों ओर ऐसे भ्रष्ट लुटेरे चाटुकारों के गिरोह को पाला जो जनता की गाढ़ी कमाई को लुटकर सत्ता के इन जागीरदारों के साथ रंगरैलिया करता था।

इस भ्रष्ट और लुट के खेल सबसे ख़तरनाक खेल सिस्टम में पले लुटियंस लिबरल वामपंथी नक्सलियों का कलमची मीडिया दलाल गैंग था जो अपने जागीरदार के जूठन की टुकड़ों में पलकर देश की जनता से झूठ और फरेब का खेल खेलता था। सत्ता की लुट भ्रष्टाचार की खबर उन तक पहुंचने नहीं देता था।
इसके एवज में सत्ता के जागीरदार भ्रष्टाचार लुट और काली कमाई की कटमनी देता था इन्हें आलीशान सरकारी आवास मौज-मस्ती और सरकारी सम्मान तक देकर सम्मानित किया जाता था इतना ही नहीं भारत की सुरक्षा और उसके विकास के लिए खिलवाड़ करने के लिए इन लुटेरो और मीडिया दलालों को विदेशी फंडिंग भी जमकर मिलती रही क्योंकि इन लुटियंस लिबरल वामपंथी नक्सली कलमची दलाल मीडिया का कोई देश नहीं होता है सिर्फ लुट और दलाली इन मुख्य धर्म है।

इसी तरह का एक सिस्टम अदालतों में बनाया गया जहां पर देश के ताकतवर नामी महंगें ने विचारधारा के नाम पर उस समय जागीरदारों से सांठगांठ से न्यायिक व्यवस्था गुलाम बनाये हुए थे आज भी सिस्टम में बैठे हुए हैं महंगे वकीलों की महंगें लोगों की सुनवाई और करोड़ों की कमाई और ये हिस्सा सिस्टम में कहा तक जाता था?

१९९० के दशक में जागीरदारों का लुटपाट भ्रष्टाचार चरम पर था २००० के में तो इसने इतनी ताकत पा ली थी कि देश में लुट भ्रष्टचार आतंकवाद का नंगा नाच कर रहे थे।

जनता समझ चुकी थी काफी चेहरे बेनकाब हो चुके थे और २०१४ में सत्ता एक ऐसा जबरदस्त परिवर्तन आया कि पुरानी जागीर के लूटियंस लिवरल वामपंथी नक्सली कलमची दलाल मीडिया और न्यायिक सिस्टम में ये मोटे महंगे ताकतवर वकीलों का गैंग जो एक विशेष विचारधारा से थे, तिलमिलाने लगे।
सोसियल मीडिया पर जनता एक एक देशद्रोही के चेहरे को पहचान चुकीं हैं। मैन स्ट्रीम मीडिया से लगभग लगभग ये देशद्रोही बाहर निकल चुके हैं परन्तु सोसियल मीडिया इन देशद्रोही गैंग ने अपने चैनल को खोल लिये है यहां से देश हमला करने की कोशिश में है।

इन देशद्रोहियों में संगठनात्मक एकता देश के लिए बहुत खतरा है। किस प्रकार से देशद्रोही अपने साथियों को सोसियल मीडिया में प्रमोट कर रहे हैं यह साफ दिख रहा है। ये लोग भावनात्मक प्रोपोगंडा से देश को गुम राह कर भारत के विदेश नीति आर्थिक नीतियों और विकास नीतियों के सतम्भो को चोट पहुंचाने की भंयकर साजिश में हैं। इनसे सरकार से ज्यादा भारत की जनता को लडना होगा संगठित होकर लड़ना होगा।


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