1ºआप विडियो के सापेक्ष बहस करते तो अच्छा था
पर विचारो में भ्रम बनाने का प्रयास किया है
रही बात गुजरातियों की तो औद्योगिक /व्यवसायिक रूप से अधिक साहसी समृद्ध उद्धमी होते हैं
लोन लेना या भाग जाने वाले धूर्त भारत के कई राज्यों में मिलेंगे जिनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता है
और ये कोई 7 /8 सालों से नहीं बल्कि पिछ्ली सरकारों की देन हैं क्योंकि बड़े लोन पास करने के लिए बैंक को सरकारी दखल (अप्रूवल)* भी चाहता है जो भी भगोड़े है उन सब के लोन कॉंग्रेस के शासनकाल में हुए थे और जब सत्ता का नशा उतरा तो लंदन ठिकाना बना
चिंता ना करे मित्र सबका हिसाब होगा.
2ºयहां कुछ अज्ञानी लोग अपना ज्ञान बांट रहे हे उनको ये बता दू ये जो प्रोग्राम हे उसे dayra bola jata he jisme पारंपरिक भजन,लोकगीत वगेरह पूरी रात चलता हे,और ये जो वीडियो में जो भाई साब हे वो एक दिव्यांग इंसान हे,गानेवाले को वीडियो में नही दिखाया गया नही गया ही,कलाकारों को उनकी फीस मिल जाती हे,और ये जो peso ki barish ho rhi he wo कलाकारों जो भजन कीर्तन करते ही उनके लिए उड़ाया जाता है और वोही पैसा सामाजिक कार्यों में इस्तमाल होता है,गुजरातियों को उल्टसिधा बोलने से पहले थोड़ा रिसर्च करले हमारे यहां पूंजीपति भी कितना सामाजिक योगदान देते हे साथ में देश के विकाश में भी,तभी दूसरे राज्यों के लाखो लोग बिना किसी डर या भेदभाव के अपनी रोजी रोटी कमा रहे हे