1ºबृजभूषण शरण सिंह डॉन है। बाहुबली है। शिक्षा माफिया है। लेकिन लड़कियों का यौन शोषण नही कर सकता। मेरा विश्वास निराधार नही है। बृजभूषण की बदौलत आज कई उदीयमान पहलवान आगे आये हैं। गोंडा, बलरामपुर, फैजाबाद समेत पूरी चावल बैल्ट की कई लड़कियों को कम फीस और निशुल्क पढ़ने का मौका मिला है। पहलवान नरसिंह यादव के साथ वो उसके बुरे समय मे भी खड़े रहे। वो असली क्षत्रिय है। वो असलियत में पहलवान है। मेरा दिल यही कहता है और दिमाग परख चुका है। मुझे तो साफ साफ ये कुश्ती फेडरेशन पर अपने वर्चस्व की लड़ाई प्रतीत होती है। यदि क्रिकेट में भी लड़के लड़कियों की टीम को बराबर महत्व दिया जाता,तो विश्व की सबसे धनी संस्था बीसीसीआई के पदाधिकारियों की परतें भी प्याज के छिलकों की भांति उधड़ कर सामने आती।
2ºबृजभूषण सिंह को भले ही भाजपा छोड़नी पड़े छोड़ दे लेकिन अध्यक्ष का पद बिल्कुल भी न छोड़े...... उन्हीं की वजह देश के अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को समान मौके और समान सुविधाएं मिलने लगी है जिससे बौखला कर हरियाणा के जाटों ने उनके खिलाफ झण्डा बुलंद कर दिया ये लोग चाहते जैसे पहले खेलों में 90% सरकारी खैरात इन्हें मिलती थी वैसे ही बरकरार रहे बाकी राज्यों के खिलाड़ियों को कोई अवसर न मिले...... ये आंदोलन ठीक किसान आंदोलन की तरह है जिसमें किसानों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी का 80% मलाई पंजाब के किसान लूटते थे बाकी में 20% में पूरा देश जब पूरे देश में बराबरी में बटवारे की बात आयी तो उन्होंने भावुक आंदोलन खड़ा करके पूरे देश वास्तविक किसानों को फिर से उसी हालत में लाकर खड़ा कर दिया...... इस मोदी सरकार से हर वो संगठन, जाति ,प्रदेश मीडिया हाउस परेशान है जो अभी तक सबका हक मारकर अकेले मलाई खाए जा रहे था..... जैसे ही सब में बटने की बारी आई तो षड्यंत्र शुरू......