बाबा का ज्ञान....कितना विज्ञान?

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार पर सवाल उठ रहे हैं. तर्क-विज्ञान की कसौटी पर बाबा के चमत्कारों को परखा जा रहा है. आखिर बाबा के मन में क्या चलता है? आखिर क्या है माइंड गेम? #ATVertical #BageshwarDham #superstition

           

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मैं नहीं मानता कि पत्रकार वह भी तुम्हारे जैसा आदमी मंदिर में जाता होगा जहां किसी मस्जिद में जाता हुआ और तुम्हारे जाने का कोई फायदा भी नहीं है क्योंकि तुम्हें दलाली करनी होती है दलाली वाले लोग कभी ऐसा अच्छा काम नहीं कर सकते क्योंकि जिसे भगवान का नाम लेना होता है वह तो किसी से दलाली तो छोड़ो वह तो की शिकायत पैसा भी नहीं खा सकता भगवान के रास्ते पर चलना बहुत कठिन है उस पर चढ़ने के लिए आदमी को सच्चाई चाहिए जैसे ग्रंथों में लिखा हुआ है झूठ बराबर पाप नहीं सांच बराबर तप जिनके हृदय सच है उनके हृदय प्रभु आप मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं ज़ी मीडिया वालों को काम होता है वीडियो में बार-बार बोलना हजार बार बोलना राधे राधे जय श्री कृष्णा हर हर महादेव बोल सियापति रामचंद्र की जय


एक पत्रकार होने के नाते नाते ये कह रहे हैं
हद है यार...मै धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर वाले बाबा को ढोंगी नही मानुगा अगर वो बता दे कि पुलवामा में इतना RDX कैसे और कहां‌ से आया !जब देश में आतंकी हमले होने वाले होते हैं तब क्यों नहीं बताते?1 झुट को छिपाने के लिए हजार झुट बोलने पर रहे बाबा को।।
Radhe radheइनको चाइना और पाकिस्तान के बॉर्डर पर क्यों नहीं भेज देते हैं थोड़े बहुत चमत्कार वहां पर kar लेंगेचोर कभी भी चोरी करके अपने को चोर नही कहता।।मै बाबा का विरोध इसलिए करता हु क्युकी ये चमत्कार से लोगो की बीमारी दूर कर सकते है, जिसके कारण कई लोगो की जान जाती है।।अब कब तक हिंदू धर्म का सहारा लेकर अपनी दुकान चलाअोगे।।

अब दूध का दूध, और पानी का पानी हो चुका है, चचा।।।


एक पिता की चार संतानें अपने पिता से आसानी से अपनी बात कह देती हैं अर्थात् किसी भाई या बहिन को किसी अन्य भाई या बहन को अपने पिता से संवाद करने के लिए कोई पैसा नहीं देना होता उसी तरह हर मनुष्य उस परम शक्ति परम पिता से सीधे जुड़ सकता है उससे संवाद कर सकता है और यदि बीच में कोई आकर ये बोले की मैं बात कराऊँगा इसके बदले में मुझे धन, फल, वस्त्र आदि दो तो समझ लो वो बिचौलिया है , पाखंडी है !

धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो

पाखंडी का विनाश हो

मनवाता का विकास हो !


मैं इस तरह उन अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं ,मैं उनसे सहमत हो सकता हूं यदि वह विश्व के सभी धर्मों के धर्माचार्यों के आध्यात्मिक शक्ति परीक्षण हेतु अपनी संस्था के माध्यम से एक विश्वस्तरीय आयोजन करायें और उसमें योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज की चुनौती स्वीकार करें ।

और धीरेंद्र शास्त्री अंधश्रद्धा और पाखंडवाद का आरोप लगाने से पहले श्याम मानव जिन बिंदुओं पर जिन क्रियाकलापों को लेकर यह आरोप लगा रहे हैं वह क्रियाकलाप सबके सामने पहले स्वयं करके वह यह प्रमाणित करें कि धीरेंद्र शास्त्री जो कर रहे हैं वह ढोंग है, इसे वह भी कर सकते हैं और उससे अंधश्रद्धा फैल रही है ! इस तरह तो वह भी कर सकते हैं पहले श्याम मानव इसका प्रमाण दें खुले मंचों पर !

केवल समिति बनाकर किसी पर भी दोषारोपण करके उसके खिलाफ मोर्चा खोलने का अधिकार किसी को प्राप्त नहीं हो जाता ।
दोषारोपण करने से पहले ठोस प्रमाण दो या स्वयं करके साबित करो !
केवल दोषारोपण की योग्यता रखना ही उचित नहीं श्याम मोहन जी उनके जैसा करके दिखाओ लोग अपने आप आपके पक्ष में खड़े होने लगेंगे !


जय श्री कृष्णा सबसे पहले तो हम बालाजी महाराज की जय बोलते हैं मैं एक बात कहना चाहूंगा आप लोगों से सभी लोग विश्वास और अंधविश्वास की बात करते हैं हमारे जो पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज जी हैं श्रीमद्भागवत के साथ हनुमान चालीसा हनुमान जी की कोई भी सिद्धि के बारे में बता करके उसमें लिखा हुआ जो है वह सिद्ध करके दिखाया है तो इसमें अंधविश्वास की बात कहां पर आती हैं अगर उन्हें किसी को लूटा होता उन्हें यह कहा होता कि भगवान नहीं हम भगवान हैं और हम ही सब कुछ है तो अंधविश्वास की बात आते पर वह तो कहते हैं कि बालाजी महाराज हैं हमारे कर्ताधर्ता परमपिता परमात्मा श्री हनुमान जी महाराज हमने सुना हमारे युग युगांतर से सभी लोग मानते हैं कि परमपिता परमात्मा ईश्वर है साक्षात दर्शन धीरेंद्र शास्त्री जैसे व्यक्तियों ने किया हो ना किए हो मैं नहीं कह सकता छोटी सी उम्र में कितने उच्च स्तर पर पहुंचने के लिए कोई साधारण मानव नहीं जा सकता बल्कि उसके लिए परमपिता परमात्मा की शक्ति ही ले जा सकती है । बहुत सारी बातें हो रही है अब एक प्रैक्टिकली एक बात कहता हूं जिसमें आप सब को समझना होगा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किसी के प्रेत बाधा को खत्म करते हैं तो उनसे प्रमाण को कैसे ली जाए क्योंकि वह तो दिव्य शक्ति के द्वारा ही करते हैं अगर ठीक है डॉक्टर इलाज करता है पेट में दर्द है हम उससे कहे कि हमारा दर्द दिखा दो दर्द तो ठीक कर सकता पर दिखा नहीं सकता ऐसे ही हमारे दूध में भी घी है उसको बगैर जमाई बगैर मंथन किए बगैर तपाई कोई भी दूध में से कैसे घी निकाल सकता है हम बार-बार यही कहेंगे कि जो अंधविश्वासी हैं जिन्होने इन पर आरोप लगाया है उनसे कहिए कि जो शब्द तुम बोल रहे हो हमें वह दिखा कर बता दो हमें वह शब्द दिखा दो हम आपको जाने हमें सुनाई नहीं हम उन शब्द को देखना है तुम्हारे मुखारविंद से वह आवाज निकली है लिखकर नहीं हमें वह देखना है अगर बाबा से प्रैक्टिकली प्रमाण चाहिए तो हमें शब्द का विश्लेषण जो तुमने बोला है वह दिखा दो जैसे मोबाइल के नेटवर्क दिखजाए पेट का दर्द दिख जाए कोई भी दर्द दिखजाए भैया इस प्रकृति में बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिन को देखने में यंत्र की जरूरत पड़ती है हम आपसे कहेंगे कि भगवान की कृपा को देखने के लिए भक्ति की जरूरत पड़ेगी कृपया कर आरोपियों को गिरफ्तार करें और धीरेंद्र शास्त्री से सवाल जवाब करना बंद कर दें


मेरे लिए ये महत्वपूर्ण नहीं है।
कि बागेश्वर वाले बाबा के पास चमत्कारिक शक्तियां हैं।
कि नहीं।

बात ये भी नहीं है कि उन्हें वेद मंत्रों का सही और पूर्ण ज्ञान है या नहीं।

बात केवल इतनी है।
कि यदि वे अज्ञानी भी हैं तो भी वो श्रेष्ठ हैं क्योंकि वे राष्ट्र और धर्म के साथ खड़े हैं।
और हिन्दूओं को धर्म के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

जो भी राष्ट्र और धर्म के साथ खड़े हैं।
वह पूज्य हैं।

मैं बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री जी के साथ हूँ।
और जब तक वो हिन्दू हित में लगे रहेंगे हर राष्ट्रवादी उनके साथ रहेगा।

मैं पूर्णतः समर्थन करता हूँ।

जय बागेश्वर धाम की
जय श्री राम
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जय जय श्री राम


विस्वास है मुलायम सिंह की समाधि पर जाकर फूल चढ़ाओ अम्बेडकर की मूर्ति पर जाकर माला चढ़ाओ फूल चढ़ाओ गाँधी की समाधी पर ध्यान लगाओ फूल चढ़ाओ.. नेताओं की रैलियों में नेताओं के पीछे भागो जय कारे लगाओ.. यह विश्वास है.. पर सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण को को हमारे शात्र बताते थे लोगो को सचेत करते थे नंगी आँखों से मत देखना.. लोग हँसते थे अब विज्ञान ने भी मान लिया नंगी आँखों से मत देखो.. हमारे शात्रों में बांस को जलाना वर्जित है.. अभी कुछ समय पहले अमरीका ब्रिटेन के वैज्ञानिक ने माना कि एक बांस कि बनी अगरबत्ती 100सिगरेट के बराबर नुकसान देता है.. हमारे यहाँ वेद्य जड़ी बूटीयो कि दवा देते थे लोग हँसते थे आज़ 90%आयुर्वेद दवा मेड इन जर्मनी है जर्मनी में 1200सों से अधिक यूनवर्षीटी में आयुर्वेद पर हमारे शात्रों पर रिसर्च चल रहा है.. एक होती है जिज्ञासा.. एक होती है संका.. इंद्र को संका थी ये ग्वाल गाय चराने वाला भगवान नहीं हो सकता, शिशुपाल को शंका थी में इस ग्वाले को भगवान नहीं मानता.. यहाँ तक कि माँ सती को संका थी कि जंगल में भटकने वाला प्राणी भगवान नहीं हो सकता.. माँ शबरी को यकीन था राम आएंगे, राजा मोरध्वज को यकीन था अपने परमात्मा पर, ध्रुव को यकीन था, प्रहलाद को विस्वास था..


एक बार अकबर ने बाबा हरिदास से कहा तुम कितने पाखंडी हो जो मूर्ति पूजा करते हो क्या रखा है इस पत्थर की मूर्ति में न यह बोलती न यह देखती न कुछ कह सकती फिर भी इतना सम्मान.. में इसे ढोंग हीं कहूंगा.... तब बावा हरिदास ने अकबर के सिंघाशन के ऊपर लगी फोटो को उतारने के लिए कहा.. फोटो उतारी गई.. बाबा हरिदास ने कहा यह किस की फोटो है.. अकबर ने कहा मेरे पिताजी की बोले तो इस पर थूक दो.. अकबर बोला यह मेरे पिताजी का फोटो है में कैसे थूक सकता हूँ बोले तेरे पिताजी दुनिया में नहीं है यह फोटो है मात्र न यह बोल सकता न यह देख सकता न कुछ कह सकता न यह तेरे पिता है.. यह तो मात्र एक कलाकार दुआरा बनाई पेंटिंग है.. थूक दें इस पर में दूसरी बनवा दुंगा.. अकबर को समझ आ गया कि सनातन हीं महान है.... भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति पर माला चढ़ाने से गाँधी की समाधि पर फूल चढ़ाने से उनका सम्मान बढ़ जाता है.. यह तो सनातन धर्म हीं बताता है बाकी तो कोई धर्म नहीं सिखाता ऐसा सम्मान.. कि अपने बुजुर्गो का सम्मान भी इस तरह किया जा सकता है...विस्वास है मुलायम सिंह की समाधि पर जाकर फूल चढ़ाओ अम्बेडकर की मूर्ति पर जाकर माला चढ़ाओ फूल चढ़ाओ गाँधी की समाधी पर ध्यान लगाओ फूल चढ़ाओ.. नेताओं की रैलियों में नेताओं के पीछे भागो जय कारे लगाओ.. यह विश्वास है.. पर सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण को को हमारे शात्र बताते थे लोगो को सचेत करते थे नंगी आँखों से मत देखना.. लोग हँसते थे अब विज्ञान ने भी मान लिया नंगी आँखों से मत देखो.. हमारे शात्रों में बांस को जलाना वर्जित है.. अभी कुछ समय पहले अमरीका ब्रिटेन के वैज्ञानिक ने माना कि एक बांस कि बनी अगरबत्ती 100सिगरेट के बराबर नुकसान देता है.. हमारे यहाँ वेद्य जड़ी बूटीयो कि दवा देते थे लोग हँसते थे आज़ 90%आयुर्वेद दवा मेड इन जर्मनी है जर्मनी में 1200सों से अधिक यूनवर्षीटी में आयुर्वेद पर हमारे शात्रों पर रिसर्च चल रहा है.. एक होती है जिज्ञासा.. एक होती है संका.. इंद्र को संका थी ये ग्वाल गाय चराने वाला भगवान नहीं हो सकता, शिशुपाल को शंका थी में इस ग्वाले को भगवान नहीं मानता.. यहाँ तक कि माँ सती को संका थी कि जंगल में भटकने वाला प्राणी भगवान नहीं हो सकता.. माँ शबरी को यकीन था राम आएंगे, राजा मोरध्वज को यकीन था अपने परमात्मा पर, ध्रुव को यकीन था, प्रहलाद को विस्वास था..


जय बाला जी सरकार की जय हो
बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेन्द्र कृष्ण महाराज जी ने जो समाज को दिया है वह एक उदाहरण है
1- देश के लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ा जिनके पास रोटी नहीं थी आज उनके पास कोठी है
2- हर साल शिवरात्रि को सैंकड़ों अनाथ गरीब कन्यायों का बिबाह जो एक रिकार्ड है
3- जिनकी दुकान में 500रुपये की बिक्री नहीं होती थी आज पचास हजार की बिक्री होती है और क्या चाहिए
4- लाखों लोगों को कुसंगति से बचाकर अपनी धर्म संस्कृति से जोड़ा क्या ये कम है
5- माताओं बहनों को धर्म संस्कृति का पाठ पढाया आज हर माता बहन पूजा पाठ में लीन है
6- माताओं बहनों को बुजुर्गो की सेबा करने का पाठ पढ़ाया और आज घर घर में बुजुर्गो को सम्मान मिल रहा है
7- पाश्चात्य सभ्यता से दूर रहने का संदेश दिया आज 50% भक्त अपनी संस्कृति अपनाने लगे
8- बेटियों और बेटाओं को सनातन धर्म का पालन करते माता पिता की आज्ञा से शादी करने का संदेश दिया सच मानिए बहुत कुछ परिवर्तन सामने आया है
9- लव मेरिज के दुष्परिणामों को बताया सच मानिए नवजवानों ने उस चिंतन किया और सकारात्मक परिणाम भी सामने आये
10- रोज भंडारे में श्रृद्धालुओं को निशुल्क भोजन कराया जा रहा क्या इससे कोई दूसरा पुनीत कार्य है
11- धाम में सब निःशुल्क है
12- देश का नाम बिदेश में रोशन किया क्या ये कम है
13- देश के अच्छे अच्छे लीडर आपके प्रशंसक हैं जिसमें महामहिम से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल हैं
14- धर्म संस्कृति का प्रचार कर एक मिशाल कायम की है जिसे बड़े बड़े लोग नहीं कर सके
15- जो टैक्सी बाले दिन में पचास रुपया नहीं पाते थे आज पांच हजार रुपया रोज कमा रहें हैं
16-। आज छोटे बच्चे फूल बेजकर एक हजार रुपया कमा रहे है
17- दारू की बिक्री 20%कम हो गई अर्थात दारू पीने बाले कम हो गये
17- दिन रात के चोबिस घ़टों में से बीस घंटे अपनी धर्म संस्कृति के लिये दे रहें है क्या ये कम आदि आदि हर समाज को कुछ नही बहुत कुछ दिया है आईये हम सभी मिलाकर सनातन धर्म की जय बोलें और महाराज जी का साथ दें