क्या अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है?

क्या अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है? सुनिए वैदिक तंत्र गुरु आचार्य शैलेश तिवारी और स्वामी उमाकांतानंद जी (महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा) ने क्या कहा? #BageshwarDham #DhirendraShastri #ATVideo | Anjana Om Kashyap

           

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अंजना जी,
सनातन धर्म मे एक से बढ़कर एक ज्ञानी लोग बैठे हैं। अभी आप ने धीरेंद्र शास्त्री जी को देखा है। अगर आप को सच मे देखना है तो कौशाम्बी जाएं। वहाँ सिराथू इलाके में सेलरहा पश्चिम गॉव पड़ता है। यहाँ ब्रह्देव स्थान है। मिलिए एक बार यहां के स्वामी जी से। हो सके तो सोमवार को जाए। आपको हर सवाल का जवाब मिल जाएगा। यहाँ के संत को भी ज्ञान प्राप्त है। वह भी सब कुछ जान लेते हैं। पर सिखावे से दूर रहते हैं। लोगो का कल्याण होता है। इसलिए आते है अपनी गहरी आस्था के साथ।


मैंने स्कूल में प्रवेश लिया धर्म आड़े नहीं आया!

मैंने जब तक किताबें पढ़नी शुरू की धर्म ने कोई दुविधा पैदा नहीं की।

मैंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की तब भी धर्म ने कोई रोड़ा उत्पन्न नहीं किया।

आज भी मेरे रास्ते मे धर्म कोई विघ्न नहीं है।

घर खरीदा किसी धर्म ने मुझे नहीं रोका।जब घर मे प्रवेश किया तब भी कोई धर्म रोकने नहीं आया।

अपने दोनों बच्चों के नाम मैंने खुद रखे है।किसी भी धर्म ने मुझे अपने बच्चों का नाम रखने से नहीं रोका।

मुझे पता है धरती में कोई धर्म नहीं है।

मैं पैदा हुआ वो किसी धार्मिक प्रक्रिया से नहीं हुआ।मेरी मौत की तारीख कोई धर्म नहीं बता सकता।

मैं मेरे जीवन की हर दैनिक-गतिविधि अपने हिसाब से तय करता हूँ व अपने हिसाब से पालन करता हूँ।

मुझे अपने कार्य से,कर्तव्य पथ से कभी किसी धर्म ने नहीं रोका है।

मुझे पता है धर्म कोई ईश्वरीय विधा नहीं है।मुझे पता है धर्म मानवता के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है।

जो कहते है धर्म खतरे में,हमारी धार्मिक भावना आहत हुई है वो धर्म के नाम पर या तो धंधेबाज है या अपनी कमजोरियों को छुपाने के कमजर्फ लोग है।

धर्म उन्हीं का खतरे में होता है जिनको मेहनत करके कमाने-खाने की आदत नहीं है।आस्था उन्हीं की हिचकोले खाती है जिनके पास कमाने के संसाधन नहीं है।

भावना तो राष्ट्रीय मीडिया बन चुकी है।इनका समाधान न्यायपालिका के पास भी नहीं है।

जिस दिन धर्म की डेबिट राष्ट्रीय मीडिया में आये तो तुरंत समझ लीजिए....

स्कूल बेची जा रही है....
अस्पतालों का निजीकरण किया जा रहा है...
रेल-भेल-तेल कुछ तो गलत हो रहा है.....
एयरपोर्ट-पोर्ट जद में होंगे....

धर्म इसलिए मेरी बाधा नहीं बन सका क्योंकि मैंने धर्म को अपने भीतर ही रखा है।

जो सड़को पर धर्म की जंग लड़ी जा रही है वो धार्मिक एजेंटों-दलालों की गुंडई है।इसको मैंने कभी धर्म नहीं माना इसलिए मेरे जीवन मे धर्म कभी बाधक नहीं बन सका।

प्रेमसिंह सियाग


Just the way Baba speaks, the tone of his voice, language and his laughter gives nothing but so much joy smile and happiness at heart. Also the way he approaches his people gives assurance that someone cares about them.
It is a shame how our own people trying to target such happy hearted man with pure thoughts who means nothing but good for others.
Just because punditji knows well before someones name address date of birth has brought so much jealousy in haters, it is such a low class act.
But when lord Hanuman ji himself is residing within baba ji, than whether haters love him or like him, no one will be successful in destroying him.
I sincerely feel pundit Bhagesh war dham baba ji is for real honest sincere and a true devotee to lord Hanuman ji.
There is no play.
Jai Sri Ram.