बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रयागराज में लगाएंगे दरबार, संगम में लगाएंगे डुबकी

विवादों के बीच प्रयागराज में दरबार लगाएंगे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री #BageshwarDhamSarkar #BageshwarBaba

           

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सौरभ सिंह देवेन्द्र का अतिमहत्वपूर्ण लेख पढ़ने से खुद को रोका तो बाद में........
*देश का सबसे संवेदनशील, ख़तरनाक क्षेत्र छत्तीसगढ़ जहाँ नक्सलवादियों, आदिवाशियों व कोल, भीलों की ही अधिकाई है जहां अर्धसैनिक बल भी समूहों में चलते हैं।*
उस बारूद के ठेर पर बैठकर छोटे से गाँव गढ़ा के 26 वर्षीय युवा सनातनी पहरी ने घर से लगभग 700 किमी दूर भारत के केंद्र बिंदु रायपुर से ऐसी दहाड़ लगाई कि आज के दानवी, आसुरी व राक्षसी प्रवत्ति वाले नर रूपी पिसाच भड़भड़ा उठे।
*दानव सम्राट श्याम की चिंता से ईश्वर विरोधी जब एकजुट हुए तब नारद रूपी इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया, शोशल मीडिया के छोटे से छोटा, बड़े से बड़ा पत्रकार खबरों को चलाने से वंचित नहीं रहा।*
भारत की दशों दिशाओं में कोलाहल मच गया जल, थल व हवा के साथ रहने वाले भी बागेश्वर धाम के प• श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी की चर्चा से दूर नहीं रहे सनातन का संगठन ऐसा बना कि रिपोर्टों के अनुसार 32 करोड़ लोग एक लंबे अंतराल के बाद एक जुट दिखे।
*।।जय जय सियाराम।।*
जनसेवस्क सौरभसिंह देवेन्द्र


यह कैसा सनातन है कुर्सी से चिपक जाने का मोह!!!!

पिता की मौत पर भी जिसकी आंखों मे आंसू नहीं वह सनातन धर्म सिखा रहा है

सनातन धर्म के रक्षक बन डरा कर और अपमानित करके रख दिया है विशव स्तर पर!!!!!

डरा डरा के जिन्दा इंसान को मुर्दा बनाकर रख दिया गया है

न रोटी न कपड़ा न मकान न रोजगार न स्वास्थ्य न शिक्षा न परिवहन की बात
आप सर्व श्रेठ है हमे धर्म रक्षा कर धर्म को और देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने वाले नेताओं और नेपाली भाईयो का सम्मान कर नेपाल का विस्तार कर कट्टर हिन्दू त्व जगाना होगा!!!!!

आओ हिंदू एक हो जाए!!!!!!!

क्यो नही करते भाई?????

बस जानवर से बत्तर बनाने की बात कर रहा आतंकी योगी वेष धारण कर

सावधान रहे सुरक्षित रहे


ताऊ बोल्या...

धर्म क्षेत्र में श्रेष्ठ वही नर।
जो त्यागें स्वार्थ ढोंग आडंबर।।

मेरे पास जितना धन, मान सम्मान, विद्या, हुनर और शरीरिक क्षमता आदि जो भी अधिक है, उसे जिसके पास कम है के साथ बाँट कर बराबर करना 'धर्म' है।

दूसरे का धन, परिश्रम, शरीरिक क्षमता, हुनर और विद्या आदि का छल प्रपंच कर अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए दोहन करना यही 'अधर्म या पाप' है।

यह प्रत्येक मानवमात्र 'अनुवांसिक गुणों' के कारण भली भाँति जानता और समझता है। किन्तु हम सब कर क्या रहे हैं?

धर्म का सिर्फ दिखावा, बड़ी बड़ी नौटंकी।

और अधर्म या पाप का अक्षरसः अनुपालन।

क्यों कर रहे हैं हम यह सब? क्योंकि 'धर्म सत्ता' के शक्तिपीठ पर आसीन धर्माधीश हों या 'कर्म सत्ता' पर आसीन राजनीतिक नेता वे सब यही कर रहे हैं। समाज अनुशरण न करे तो क्या करे?


धन्य हो महान चैनल ,, पूरे भारत की कितनी बड़ी न्यूज di ,,aur koie dusri news हो ही नहीं सकती थी ,,,अब चैनल बताया करेंगे की जैशे pm कहा जाने वाले है क्या करेंगे ,,,अब उसी तरह बाबा लोग क्या करेंगे ,,,,,,फिर चमत्कार दिखाएंगे ,,,अब इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा देश ,में सब कुछ बस बाबा , बाबा ,,, न स्कूल न हॉस्पिटल ,की जरुरत है ,,बस चमत्कार की जरूरत है ,,, सरकार को या pm ko , करोना का लॉक डाउन लगाने से पहले ,इन्ही के पास जाना चाहिए था , न लॉक डाउन लगाना पड़ता , न ऑक्सीजन कम पड़ती , न हॉस्पिटल की जरुरत पड़ती ,, न रोजगार बंद होता ,,,सब मस्त रहते ,,,,,


फर्जी बाबाओं कुछ कॉमन बाते ..

1, आप बहोत दयालु हो,

2, आपके बहोत दुश्मन हे और वो सब दुश्मन तुम्हारे घर के ही हे, मगर में नाम नही बताऊंगा.

3, आपके घर में सुख शांति नहीं रहती,

4, आप 2-3 बार मरते मरते बच गए आप पर फलाना टिमका की कृपा हे इसलिए बच गए

5, ओरत से आपके पति बहोत भोले हे और मर्द से आपकी पत्नी बहोत भोली हे,

6, आपके व्यापार की बंदिश की हुई हे

7, आप अपनी समस्या निवारण के लिए बहोत जगह भटके पैसा खराब किया मगर आपको कही कोई फायदा नही मिला बल्कि आपकी समस्या पहले और ज्यादा बढ़ गई अब आप सही वक्त पर सही जगह आए अगर आप और ज्यादा देर करते तो अनर्थ हो जाता..


S Sandhya #कृप्या_लेख_को_पूरा_पढ़ें
एबीपी न्यूज़ पर एक कार्यक्रम चल रहा है। रुबिका लियाकत एंकरिंग कर रही है। सुहानी शाह गेस्ट के तौर पर बुलाया गया जो अपने आप को माइंड रीडर होने का दावा करती हैं।
सुहानी शाह वैज्ञानिक तरीके से सामने वाले का दिमाग पढ़कर नेशनल मीडिया पर बता रही हैं कि सामने वाला क्या सोच रहा है। जो सामने वाला सोचता है उसको हूबहू सुहानी शाह बता रही हैं। मतलब साफ है कि किसी दूसरे के मन की बात को पढ़ना या दिमाग को पढ़ना एक विज्ञान है।
जी, सुहानी शाह कोई आध्यात्मिक महिला नहीं है। कोई तांत्रिक नहीं है। किसी तरह का तंत्र विद्या नहीं कर रही है। इसके बावजूद लोगों के मन या दिमाग में घुसकर पढ़ रही है कि वह क्या सोच रहा है। सुहानी शाह जो कर रही है उसे दुनिया विज्ञान मानती है। सब लोग मानते है।वे लोग भी मानते हैं जो बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध कर रहे हैं और उन पर पाखंड एवं अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा रहे हैं।
यही काम तो बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कर रहे हैं। वह भी तो लोगों के मन की बात को पढ़ रहे हैं और बता रहे हैं। फिर ऐसे कैसे हो सकता है कि सुहानी शाह जो कर रही हैं वह विज्ञान है तथा बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो कर रहे हैं वह अंधविश्वास है। पाखंड है। कुछ लोग ऐसे दोगलापन लाते कहां से हैं?
असल में कुछ लोगों को समस्या धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस विद्या से नहीं है। असली समस्या उनकी लोकप्रियता से है। उनकी लोकप्रियता इस देश के लोगों में बढ़ रही है। इस लोकप्रियता का उपयोग पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म के उत्थान, उसका प्रचार प्रसार एवं मजबूत करने में कर रहे हैं। उनके पास से बड़े पैमाने पर लोग घर वापसी कर रहे हैं। इस देश में कुछ लोगों में डर पैदा हो गया है कि अगर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को दृश्य से बाहर नहीं किया गया तब धर्म विशेष के अस्तित्व को भारी खतरा पैदा हो सकता है। इसाई मिशनरियों के सामने भी संकट खड़ा हो सकता है। कई लोगों का एजेंडा फेल हो सकता है । उनकी रोजी रोटी बंद हो सकती है।विरोध का मूल कारण है।
लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गांधी जी के परंपरा के नहीं हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नरेंद्र मोदी और सावरकर के परंपरा के हैं। झुकना नहीं सीखा। विरोधियों का जवाब देना जानते हैं।
देश के सनातन को मानने वाले का अभी कर्तव्य की पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का खुलकर साथ दें। सनातन का झंडा झुकने नहीं दे। ऐसे बहादुर व्यक्ति सनातन की रक्षा हेतु समय-समय पर आते रहे हैं। हमारा भरपूर साथ इनको मिलना चाहिए।


हृदय रो उठा जब जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने चैनल पर एंकर से कहा - ‘मैं जन्म से दृष्टिहीन हूँ, फिर भी सभी वेद कंठस्थ हैं और डेढ़ लाख से अधिक पन्ने कंठस्थ हैं।
अब और कौन सा चमत्कार देखना चाहती हो बेटी…?’ हृदय रो उठा जब जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने चैनल पर एंकर से कहा - ‘मैं जन्म से दृष्टिहीन हूँ, फिर भी सभी वेद कंठस्थ हैं और डेढ़ लाख से अधिक पन्ने कंठस्थ हैं।
अब और कौन सा चमत्कार देखना चाहती हो बेटी…?’
ये है सनातन संस्कृति
#राष्ट्रभक्ति
ये है सनातन संस्कृति
#राष्ट्रभक्ति