1ºआप सही कह रही हो अंजना जी। लोकतंत्र इनकी अपनी पर्सनल( ........ ) समझ बैठे हैं कॉन्ग्रेसी। अगर सही में इनको लोकतंत्र भारत में कमजोर होते हुए दिखाई दे रहा है तो । सब जिम्मेवारी आप ही उठायेंगे क्या थोड़ी बहुत भारत के जनता पर भी छोड़ दीया करो भाई। क्यों इतना लोड अपने आप पर ले लेते हो । जब चाहे तब अपने हिसाब से हैंडल करते रहते हो। जहा मुनाफा दिखाई दे वहा लोकतंत्र अच्छा है। और जहा घाटा दिखाई दे वहा लोकतंत्र खतरे में बताते रहते हो। यह जबरजस्ती नही हो रही हैं लोकतंत्र के साथ भारत में आपके ज़रिए। जय हिन्द।जय भारत।वंदेमातरम।