संसद सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस | #ATLivestream

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आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6 से 6.8 रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं, नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी रह सकती है

अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जिस ब्रिटेन का कभी भारत गुलाम रहा, उसे पीछे छोड़ हम इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर आए हैं। बीते 10 वर्षों में भारतीय इकोनॉमी ने 11वें पायदान से यहां तक का सफर तय किया है
कुछ महीने पहले, सितंबर 2022 में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या IMF ने घोषणा की कि भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की 'पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था' बन गई है।

दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था भारत की 2024 में वृद्धि दर (GDP growth) 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, यह जी-20 के अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर है. भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 2023 में 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना है

भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जो मौजूदा अनुमानों के साथ उभरते और विकासशील एशिया में वृद्धि के साथ-साथ चीन की अर्थव्यवस्था पर अनुमानों को पार करता है।

भारत में सड़क नेटवर्क विश्व में दूसरे स्थान पर है। भारत में लगभग 47 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कों का विशाल नेटवर्क है। अमेरिका में सड़क नेटवर्क विश्व में सबसे विशाल है और इसकी कुल लंबाई 65,86,610 किलोमीटर है। इस मामले में चीन तीसरे नंबर पर है।
भारत में पहले से ही 1000 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली है और वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में इसकी उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि यह नई ऊंचाइयों तक पहुंचे, जिससे भारत में शिक्षा अपने स्कूल जाने वाले बच्चों और इसकी युवा आबादी के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक बन जाए।
वैश्विक स्तर पर, मैं कुछ ऐसा कह रहा हूं जिसके बारे में आप सभी पहले से ही जानते होंगे, 58 शीर्ष कंपनी के सीईओ मूल रूप से भारतीय हैं।
साल 2023 के पहले हफ्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) 6 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 1.268 अरब डॉलर घटकर 561.583 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 562.851 अरब डॉलर हो गया था


गोदी मीडिया का चैनल है आजतक। वैसे कभी ये अपने बाप या अपने पापा या अपने पालनहार से भी कभी सवाल कर लिया करो?कभी 5 सवाल पूछकर दिखाओ अपने पापा से? या सिर्फ एक ही सवाल पूछकर दिखा दो अपने पालहार से। ? ओर अगर देश का प्रधानमंत्री ही जवाबदेह नहीं है तो देश के गरीबों के टैक्स के पैसे खाने वाले ?हजारों करोड के जहाज में बैठकर झूठ बोलकर जनिका बेवकूफ बनाने वाले ऐसे आदमी की जगह कहीं दूसरी ही है। ओर कमाल तो देखो इन पाखँडीयों RSS वालों का जो खुद को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रवादी देशभक्त कहलाते हैं ?उनकी आँखें कब खुलेंगी ?जब देश दोबारा गुलाम होगा वो भी किसी उद्योगपति आकाओं की छत्रछाया में ?उठो जागो हे सर संचालक महोदय, सभी कुछ बर्बाद करने के बाद भी आप नहीं जागेंगे। देश पहले है और ये संस्था फ़स्साद अलग बीमारियों में से एक है। सबसे पहले देश बचाईए। ओर अगर आंदोलन हुआ तो याद रखना देशद्रोहीयोंं का क्या होता है?फ्राँस क्रांति एक उदाहरण है।


वीर सावरकर जी को 7 X 11 साईज़ की कोठरी में रखा था, जिसमे सीमेंट की पक्की जमीन थी । ठण्ड हो या गर्मी उसी पर सोना है । इसी कोठरी के एक कोने में खुले में शौच और पेशाब करना है । गले-हाथ और पैरों में बेड़ियाँ लगी रहेंगी उसी स्थिति में, जो भी और जैसा भी मिले, वैसा भोजन करना है ।
फिर इसी स्थिति में बैल की तरह कोल्हू में लगकर तेल निकालना पड़ता था ।
पूरी जेल में बेहद दुबले-पतले सावरकर एकमात्र ऐसे कैदी थे, जिनके गले में अंग्रेजों ने तांबे की पट्टी लटका रखी थी, जिस पर "D" लिखा हुआ था ।
D यानी Dangerous... वही एकमात्र कैदी थे, जिसे अंग्रेज "डेंजरस" मानते थे और यह चक्र चला पूरे 11 साल तक,
जी हाँ पूरे ग्यारह वर्ष तक.. चला ।।

वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिसका अपमान हर विपक्ष पार्टी खास कर कांग्रेस के लोग करते रहते हैं.

इसलिए हर देशभक्त और राष्ट्रवादी नागरिक, कांग्रेस मुक्त भारत की कामना करता है.


श्रीमान राहुल गांधी जी आप की कथनी और करनी में फर्क है इस बात को भारत की जनता समझ चुकी है आप लोगों ने शाहीन बाग को समर्थन किया किसान आंदोलन को समर्थन किया जबकि साइन बाग और किसान आंदोलन भारत के टुकड़े टुकड़े गैंग चला रही थी किसान आंदोलन की आड में खालिस्तान मूवमेंट पल रहा था फिर भी आप उसके समर्थन में थे जिसका उदाहरण अभी पंजाब में देखने को मिल रहा है अभी आप की पार्टी की 50 सीटें लोकसभा में हैं आपकी करतूतों से भारत की जनता सब समझ रही है और 2024 में कांग्रेस की 20 से भी कम सीटें होगी लोकसभा में


ये बात सच है कि राहुल गाँधी के पास २०१४ general election से पहले PM तो छोडो MP बनने कि योग्यता नहि थि।ये बात भी सच है ७० साल से काङ्ग्रेस सत्ता का मलाइ खाते खाते बौरा गए थे।उनके नेता ,कार्यकर्ता और नेतृत्व सभी अपनेको सत्ताके कुदरती हकदार मानने लगे थे।परिणाम स्वरूप बहुत सारे गलतियाँ हुइ।जनता मे नीराशा आ गइ।
अब नरेन्द्र मोदीजी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होने Rahul Gandhi को PM बनने कि योग्य बना दिया है।मोदी जी एक अच्छे ट्रेनर कि तरह उनको अभ्यास भी करा रहे हैं और मानसीक मज्बुती भी दे रहे हैं।ये सारे घटनाक्रम राहुल गाँधी का मैदान मे entry से पहले कि warm up है।मोदीजी मै नहि तो कोइ नहि कि नीति के तहत BJP कि लुटिया डुबोने कि सारी इन्ताजामात कर के बैठ गइ है।अगर BJP को फिर से सत्ता चाहिए तो मोदी को अभी के अभी बर्खास्त कर देना चाहिए।
वर्ना आएगा तो काँग्रेस हि।


मनमानी और उद्दंडता का दौर चला गया यह कॉंग्रेस को समझना चाहिए...आपको मोदी जी का विरोध करते करते देश का विरोध करने का अधिकार नहीं है. काँग्रेस विदेशी ताकतों के साथ मिल कर देश की विकास यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है. अदानी के नाम पर आप देश के विकास और संकल्पों को रोक नहीं सकते. राहुल गांधी का लोकसभा का भाषण राष्ट्रपती के अभिभाषण पर नहीं बल्कि केवल अदानी पर केन्द्रित था। kharge जी ने पहले सुप्रीम कोर्ट की जाच की माँग कर रहे थे, तत्वता य़ह सुप्रीम कोर्ट से शुरू हुई. राहुल गांधी के भाषण पूरी तरह बेबुनियाद, झूठे और गद्दारी भरें है. कॉंग्रेस यह समझ ले की आपके रहते हुए भ्रष्टाचार, परिवार वाद और appeasement की पराकाष्ठा हो गई है...कृपया कॉंग्रेस वाले अनर्गल आरोप और भाषा का उपयोग बंद करे. प्रवक्ता काँग्रेस को बचाने के चक्कर में झूठ बोल रहे है..


बकवास व फालतू सवालों जिससे जनता का कोई लेना देना नही। जन हित के सवाल पूछिए।देश विकास कर रहा है।सड़को का जला बिछाया जा रहा है।बड़े बड़े नेशनल हाईवे ब्रिज बन रहे है जल संग्रह के लिए काम हो रहा है।इतने काम हो रहे है।उस काम में सुधार करना है कही कमी रह गई है।कुछ और बेहतर करना है या और कुछ नया करना है।उस संबंध में पूछिए।फालतू बकवास कर अपना समय खराब मत किया करे।आपके बड़बोले व आपके इर्द गिर्द रहने वाले नेता व सोश्यल मीडिया से मुद्दे उठाओ पर उसमे अक्ल अपनी लगाओ।तथ्य हो वो ही प्रमाणिक बाते ही करो।कारण जनता अब समझदार हो गई चांद चाटुकार आपके भाषण को अच्छा बताते जनता नापसंद करती है।


2013 में जब एक मामले में लालू प्रसाद यादव को दो साल की सजा सुनाई गई थी जिसमें उनकी लोकसभा सदस्यता जा सकती थी तो उनकी सदस्यता बचाने के लिए मनमोहन सिंह एक अध्यादेश लेकर आए थे इसमें विधान था अगर कोई व्यक्ति लोकसभा राज्यसभा विधानसभा विधान परिषद का सदस्य है तो दो वर्ष की सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द नहीं की सकती।इसके बजाय सदस्यता तब रद्द हो सकती है जबकि उसे 5 वर्ष की सजा हो।उस समय राहुल गांधी ने उस अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था और कहा था कि नहीं पुराना कानून ही चलेगा जिसमें
2 वर्ष की सजा होने पर किसी की सदस्यता जा सकती है। अगर वह अध्यादेश कानून बन जाता तो यह भाई साहब बच जाते पर अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।जो होना था वो तो हो गया है।अब वायनाड की सदस्यता जाएगी और साथ साथ 2024 का चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं।


इस तरह के आदमी को इतनी तवज्जो क्यों दी जा रही है यह समझ से परे है क्योंकि यह कांग्रेस पार्टी का वह घमंडी अंग्रेजो का गुलाम है जो कि भारत को नीचा दिखाने का काम लगातार करते आ रहा है इस मानसिक रोगी का वक्तव्य सुनिये कैसे इसने भारत को विदेशी धरती पर जाकर बदनाम करने का कोई मौका नहीं देना चाहेगा इस अंग्रेज की ओलाद को सबसे ज्यादा यही घमंड है यह अंग्रेजी भाषा बोलता है जिसे सामान्य रूप से गरीब ब्यक्ति नहीं स्वीकार कर सकता क्योंकि झूठ बोलने की भी कोई हद होती हैं और या फिर यूं कहें कि किसी भी चीज़ की एक सीमा होती है जिसे राहुल जैसे दिमागी रूप से विकलांग व्यक्ति खो चुका है चाहे इसके पीछे खड़े राजनीतिक चाटुकार कितना इसको बनाने की कोशिश करते रहे लेकिन इतना बड़ा बुद्धू भी कोई नहीं होगा जो आज यह सब मिलकर घोटालेबाज अब एक नयी कहानी गढ़ रहे हैं इस देश का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि यहां इंसान को उसकी आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक हैसियत से ही श्रीमान कहकर पुकारा जाता है जैसे कि राहुल के मामले में देखने को मिल रहा है ऐसे जिद्दी स्वभाव के इंसान से पूछा जा रहा है जिनके खून में बेइमानी भरी पड़ी हैं जयहिंद जय भारत वंदेमातरम जय हो उत्तराखंड धाम की जय जयकार हो जय हिन्दुस्तान जयहिंद सत्य सनातन धर्म की जय जयकार हो अब यह दयालु और करुणा प्रेम की बात कर रहा है लेकिन इनका मकसद इतिहास किसी भी आम हिन्दुस्तानी से छिपा नहीं है मुझे लगता है कि गढ़वाल क्षेत्र को कांग्रेसियों ने हमेशा से ही उपेक्षित नजरों से देखा इसे में बिल्कुल निःसंदेह रुप से कह सकता हूं लेकिन क्या कांग्रेस पार्टी इतनी आसानी से स्वीकार कर सकती हैं कि हमारे शासन काल में किसानों बेरोज़गारी महंगाई पर कोई कार्रवाई सुनिश्चित की हो तो फिर बताएं गढ़वाल क्षेत्र को उपेक्षित नजरों से देखा कि नहीं इसका जवाब देना चाहिए जयहिंद जिन लोगों ने अपनी राजनीति लोगों को आपसी लड़ाई में झोंका हो तो फिर उनसे मीडिया चैनल या फिर अन्य किसी को भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए बेटा तेरी इतनी औकात होती तो फिर तुम्हें दुबारा भारत जोड़ो यात्रा वगैरह वगैरह वगैरह नहीं चलानी पड़ती इसकी कैसैट एक ही जगह अटक गई है अडानी इनसे डील करें तो फिर वाहवाही दूसरे से डील करें तो फिर उन्हें दाल काली नजर आती है कहावत है ना कि चोर को चोर ही नजर आता है यह समझना होगा यह राहुल वाड्रा एंड कंपनी की ग़लती नही है यह उनके खून में ही रचा बसा है कि हम डरते नहीं लेकिन सत्य यह है कि इनसे बड़ा डरपोक कोई है ही नहीं एक जिद्दी स्वभाव का बच्चे से पूछो कि भाई तुम्हें कौन सा खिलौना चाहिए तो फिर राहुल वाड्रा एंड कंपनी को देखकर एक ही कहावत याद आती है चार तरह के हठ होते हैं पहला योग हठ दूसरा बाल हठ तो राहुल पर बाल हठ सटीक बैठती है जैसे जिद्दी स्वभाव का बच्चा उम्र बढ़ रही है लेकिन अक्ल वहीं की वहीं अटकी हुई है तीसरा हठ सत्री हठ चौथा हठ अब देखिए ना कि उच्च न्यायालय में माफी मांगने के बाबजूद जो ब्यक्ति उच्च न्यायालय के फैसले की अवमानना कर रहा है तो फिर ऐसे लोगों को क्या जेल नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि जिस तरह से विपक्ष हताश निराश होकर मोदी जी को घेरने के सारे हथकंडे अपना लिए हैं तो फिर जो लोग कहते सुने हैं कि आज अघोषित आपातकाल है तो ऐसे लोगों को जेल में बंद करना चाहिए इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है जयहिंद जय भारत वंदेमातरम जय हो उत्तराखंड धाम की जय जयकार हो जय हिन्दुस्तान जयहिंद सत्य सनातन धर्म की जय जयकार हो राष्ट्र सर्वोपरि जयहिंद जिन विपक्षी दलों को परिवार सर्वोपरि रहा हो उनसे कोई भी व्यक्ति सामाजिक न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है जयहिंद


10ºकर्मचक्र यालाच म्हणतात.

आज ज्या कायद्याअंतर्गत राहुल गांधींची खासदारकी रद्द झाली आहे.
एकेकाळी त्याच कायद्यात सुधारणा करण्याचा प्रयत्न मनमोहन सिंग यांनी केला होता.
पण राहुल गांधींनी सर्व देशासमोर सुधारणेचा आध्यादेश फाडून विरोध दर्शवला होता.
आणि त्या कायद्यात सुधारणा झाल्याच नाहीत.
याच घटनेनंतर देशात युवराजाची पंतप्रधानापेक्षा जास्त चालते अश्या चर्चा सुरू झाल्या होत्या,
पंतप्रधान गांधी कुटूंबासमोर लाचार आहेत असं सर्वांनी मानाय सुरवात केली.

आणि आज,
कोर्टाने राहुल गांधींना 2 वर्षांची शिक्षा सुनावल्यावर त्याच कायद्याअंतर्गत संसदेने राहुल गांधींची खासदारकी रद्द केली आहे व 6 वर्ष निवडणूक लढण्यास निर्बंध लावले आहेत.

जर त्यावेळी राहुल गांधींनी मनमोहन सिंग यांना कारभार करू दिला असता तर आज त्यांची खासदारकी रद्द झाली नसती.

पुढचे 6 वर्ष राहुल गांधींना खासदार बनता येणार नाही ही बातमी ऐकल्यावर मनमोहन सिंग यांना आज तोच दिवस आठवत असेल जेव्हा त्यांचा सुधारणेचा आध्यादेश राहुल गांधींनी फाडला होता.

तर मुलांनो,
थोरमोठ्यांसमोर अतिउद्धटपणा करायचा नसतो हे आपण या धड्यातून शिकतो.

-विवेक मोरे