1ºमीडिया तो जीत गई.. अदानी के मुद्दा को dust bin मे डाल ने मे यह पूरा सफल होगई..
दस दिन तक यह सत्ता सदन चलाने मे असफल रहती.. असमर्थ रहती.. वह एक ही दिन मे सतर्क होती.. और 24 घंटे के अंदर ही अपना दिलेरी दिखाती..
ऐसा लगराहा की इस एंकर जी को बहुत कानूनी ज्ञान और सवाल पूछना बी बहुत आती दिख रही.. यह एंकर यह साबित करना चाहती की विपक्ष जो बी कर रहा वहा सही नही.. सत्ता जो कुछ बी निर्णय लिया वह बहुत सही है.. और कानून के मुताबिक है.. उस लिए विपक्ष मू बंद कर के चुप चाप बैठे रहना चहिए..
यह एक एंकर ही नही.. अपने देश की मीडिया मे बहुत सारे एंकर ऐसे मिलते है.. जो विपक्ष से बढ़िया सवाल पूछ सकते है..
कोर्ट मे जिसको सजा मिली.. उस ही को तुरंत इस देश के महत्वपूर्ण पार्लिमेंट सदन मे निर्धया से निर्ममता से उसे सदन की सदस्यता से विलंब करा दिया जाता..
किसी को बी.. शत्रु को बी कुछ बारी नुकसान होता तो उसके ऊपर एक सहानुभूति दिखाया जाता है.. किसी से बी..
लेकिन इस मीडिया के व्यापारी अपने चानलोंके जरिए और ज्यादा कटाक्ष कर रहें उन ही को जिस को सज़ा दिया गया है..
कोई बैंक को लूट के.. या बैंक को लूट ने वालोंको मदत करके वहा सज़ा नही बुगत रहा.. उस का दोष ..!!
जो अक्सर होने वाले एक political बयान के बारे के था.. हा..
कोई बी हो.. जब court उसे दोषी मानता है तो वहा दोषी ही होंगा..
कुछ बी हो.. लेकिन आज.. मामला अदानी का पीछे चला गया..
हां.. अबी..
अदानी का मामला के ऊपर कोई कुछ बी बात करना नही चाइए.. क्यों की इस मीडिया वह बात को मुद्दा बनाना नही चाहती..
इसको सिर्फ और सिर्फ एक ही बात बहुत बडा मुद्दा जैसा दिखता है.. वह यह है की.. विपक्ष की बातो में गलतियोंको तलाशना.. उसके ऊपर रिसर्च करना.. उन गलतियोंकों बड़ा चढ़ाकर दिखाना.. विपक्ष को नालायक, ना समझ टहराकर दिखाना ..यही इस मीडिया व्यापारी का business है..
यैसा सुन ने मे आता है की यह मीडिया owners बहुत संपन्न कॉरपोरेट व्यापारी है.. और यह व्यापारी मिडिया बिजनेस के जरिए बी पैसे कमाना जानते है..