1ºUdayraj Choudhary जब कोरोनावायरस की बीमारी को मुसलमानों से जुड़ा था जमात से जुड़ा था सुप्रीम कोर्ट ने गोदी मीडिया और भाजपा नेताओं को कड़ी फटकार लगाई थी उस पर क्या कार्रवाई हुई और कितने भाजपा नेताओं ने इस्तीफा दिया अपने बयान के कारण थोड़ी जानकारी दीजिए सर क्या सुप्रीम कोर्ट न्यायालय नहीं है क्या एक जिला की अदालत सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हो गई और संविधान की पत्तियों को जलाया गया तब आप कहां थे संविधान को बदलने की बात की जा रही है तब आप कहां थे खुलेआम दिल्ली में मारे और काटे जाने के नारे लगते हैं तब आप कहां रहते हैं
2ºUdayraj Choudhary अगर न्यायालय में सब को सही चल रहा है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मीडिया के सामने नहीं आते और न्यायालय पर भरोसा है लेकिन एक चुनावी भाषण के अंदर किसी को अधिकतम से अधिकतम जेल हो सकती हैं तो फिर हत्या अपराध बलात्कार जैसे सांसद संसद में क्यों और उनको भी सजा हो गई तो आज ही मोदी सरकार गिर जाएगी आपको मालूम है भाजपा के कितने सांसो पर गंभीर से गंभीर आरोप हैं फिर न्यायालय उन पर तेजी से सुनवाई क्यों नहीं करते सवाल तो उठता है भाई एक बयान पर 2 साल की जेल हो सकती हैं तो उन माननीय सांसदों को क्यों नहीं जिन्होंने बलात्कार किया जिन्होंने किसी की हत्या की जिन्होंने किसी की जमीन हड़प ली और खुद ने उन्होंने चुनाव के समय अपने अपराधिक रिकॉर्ड चुनाव आयोग को दिए और कोर्ट में मामले भी चल रहे हैं वही कोर्ट इतना जल्दी फैसला क्यों नहीं देते जैसे राहुल गांधी वाला मामला 1 महीने के अंदर आ गया जब मनपसंद जज कुर्सी पर बैठा तो हाईकोर्ट में लिए गए स्टे हटाकर इस मामले की सुनवाई अपील करता ने शुरू करवाई और 1 महीने के अंदर फैसला आया
3ºदादी के नाक वाली आंटी जी शहीद और सत्ता के चक्कर में मरना दोनों में अंतर होता है, आपके खानदान के लोग सत्ता के चक्कर में मारे गए हैं उन्हें शहीद कहना बंद करें, शहीद सेना के जवान होते हैं जो इस देश में ये जानते हुए भी अपनी जान कुर्बान कर देते हैं की उनके मरने के बाद कोई भी सरकार उनके घर वालों को पूछेगी नहीं, आप अब तक अपने खानदान के मरने का हर जगह गाना गाते रहती हैं सिंपैथी के लिए, इसको सत्ता के लालच की मौत कहिए शहीदी कह के शहीदों का अपमान ना करें।