1ºदिक्कत ये है लोगों को कल का याद कम रहता है
30 पार्टियों को साथ लेकर भी अटल जी ने छः साल में देश को आर्थिक रूप से भयंकर सशक्त बनाने की जोरदार कोसिस की थी , विदेशी प्रतिबंध के बावजूद भारत लगातार तरक्की करता रहा , जैसे UPA सरकार आई पहली योजना में वाजपाई जी की सरकार में भरा हुआ सरकारी खजाना खूब जमकर फ्री की योजनाओं में लुटाया और खुद भी जमकर खाया , लोगों को लोक लुभावनी योजनाएं अच्छी लगी और दूसरी बार मौका दे दिया पर दूसरी योजना सरकार चलाए तो चलाए कैसे बिना पैसे की?? देश की सेना के पास हथियार नहीं , महंगाई ने 14% का आंकड़ा छू लिया था चीनी के भाव खुदरा में 50 से 52 तक चले गए थे , सोना गिरवी रखने की नोबत आ गई , अरब देशों से बॉन्ड पर उधारी में तेल खरीदना पड़ा , जनता को कल याद रखना चाहिए आज की हमारी जेनरेशन जो 20 से 30 वर्ष की है उनको 15 साल पुराने सासन के बारे में जरूर बताना चाहिए
2ºक्या तमीज है बोलने की पड़े लिखे लोग किस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे है ।।
शर्म आती है और स्टूडियो में बैठे पड़े लिखे लोग तालियाँ बजाते है ,,,,,,,ये जो तालियाँ बजा रहे है ।।इनसे इनके भविष्य के बारे में पूछे ।।
ये सत्ता अब 2024 में देश की जनता को नजर नही आएगी ,इनकी विदाई में ही देश के 135 करोड़ की भलाई है ।।
मेरा भारत महान
जय हिंद
क्या स्टूडियो में सत्ता के पक्ष के लोग ही बिठाए जाते है ।।
हर चैनलों में अधिकतर 90% लोग सत्ता से नही विपक्ष से सबाल करते नजर आते है ।
क्या चैनल भी ये सिद्ध करना चाहते है के सत्ता तो सही है विपक्ष गुनहगार है ।।
बाकाई नया भारत है शासक से सबाल नही