1ºबिलकुल सही कहा आपने ।
हम बिहारी बाहर के राज्यो में जाकर लात गाली खाकर मजदूरी करते हैं, और जब चुनाव आता है तब ट्रेन में जानवरों की तरह भर भर कर अपने राज्य में आकर अपने जात वाले नेता या बाहुबली नेता को वोट देकर फिर ट्रेनों में ठूसा कर कमाने निकल जाते हैं, और कमाकर जो पैसा भेजते हैं उससे बिहार की अर्थ व्यवस्था मजबुत करते हैं,और हमारे वोट से जीते नेता 5 साल तक मलाई खाते हैं,और हम अपने नेता से रोजगार का सवाल कभी नहीं पूछते हैं ।कभी नहीं पूछते हैं कि जो बिहार में उद्धोग धन्धे बन्द हुये हैं वो कब चालू होंगे, चीनी मिल कब चालू होगी ।