थम नहीं रही हिंसा... सासाराम में बम ब्लास्ट, गोलियों की गूंज से नालंदा में दहशत, बिहारशरीफ में लगा

बिहार के सासाराम और नालंदा में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. सासाराम से हिंसा का ताजा मामला सामने आया है. यहां एक बम ब्लास्ट हुआ है, जिसमें पांच लोग घायल हो गए हैं.

           

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#अतीत_का_अध्ययन करें, तभी आप भविष्य को परिभाषित करेंगे।

1300 साल पहले सिंध हिंदू था।
1200 साल पहले अफगानिस्तान हिंदू था।
1100 साल पहले बलूचिस्तान हिंदू था।
1000 साल पहले, कंधार हिंदू था।
100 साल पहले लाहौर हिंदू था।
70 साल पहले पाकिस्तान हिंदू था।

50 साल पहले बांग्लादेश हिंदू था।
30 साल पहले कश्मीर हिंदू था।

अपना होमवर्क करें और सोचें, "उन सभी हिंदुओं का क्या हुआ, जहां वे गए थे"?
अब जो बचा है, वह भारत है। सावधान रहें आपका क्षेत्र अगली पंक्ति में हो सकता है…

"इतिहास हमें भविष्य के लिए कोई कार्यक्रम नहीं दे सकता है, लेकिन यह हमें अपनी और अपनी सामान्य मानवता की पूरी समझ दे सकता है, ताकि हम भविष्य का बेहतर सामना कर सकें"
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दंगा क्या होता है उनसे पूछो जिनके घर के सदस्य मारा गया हो, दंगा क्या होता है उससे पूछो जो विधवा हो चुकी है दंगा क्या होता है उस बूढ़े मां बाप से पूछो जो जवान बेटे की अर्थी को कंधा दिया हो दंगा में जो मरता है बस उसी घर का नुकसान होता है किसका कुछ नही जाता ना समाज का और ना ही धर्म का हां दंगा में मरने के बाद धार्मिक संगठन वाले एक बार आएंगे कुछ राशि देंगे कुछ आश्वासन देंगे फिर चले जाएंगे वे धार्मिक संगठन वाले फिर कभी लौट के नहीं आएंगे चाहे वे परिवार जिए ये मारे कोई हालचाल पूछने भी नही आयेगा अब जिंदगी जीना है उसी बच्चे को जो अनाथ ,विधवा,हो गया ।इसलिए दंगा में शामिल होने से पहले अपने परिवार की फिक्र करे।


Rahul Singh जी और बाते लम्बा लम्बा मत करों आप ईद बकरीद मुहर्रम में पत्थर की बात करते हो मैं चैलेंज करता हुं मेरे सामने और मेरे समाज के सामने कोई मंदिर के आगे कुछ गलत करेगा तो कोई भी समाज हो उनको नही बक्सेंगे समझो जब हम अपने समाज के मंदिर को शांत और प्यार भरी नजरो से देखते हैं तो मस्जिद की बाट और ईद बकरीद की बाट को कैसे ब्रदस्त करे बस बकरी हैं बकरी रहिए समझे खाली टीवी और न्यूज चैनल देखो और दिमाग में गोबर भरिए आपने जब भी कुछ करना हो ना सीना चौड़ा करो बकरे जैसे में मे मत करो जय हिन्द