सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर निकले राहुल गांधी

सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर निकले राहुल गांधी कोर्ट के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगाए राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे ज्यादा जानकारी दे रही हैं आजतक संवाददाताा mausami Singh और Gopi Maniar #Congress #RahulGandhi #ATVideo Anjana Om Kashyap

           

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(3)--तर्कशास्त्री तो तर्कशास्त्री फिर भी। उसने कहा, एक प्रश्न, आखिरी प्रश्न, क्या बैल खड़े होकर अपना सिर हिला कर घंटी नहीं बजा सकता?

(4)--ये वे लोग थे जो तुम्हारी आंखों की पट्टियां उतारने की कोशिश कर रहे थे। ये वे लोग थे जो तुम्हारे गले में बंधी हुई घंटी से तुम्हें सचेत कर रहे थे। ये वे लोग थे जो कह रहे थे कि तुम गोल चक्करों में घूम रहे हो; तुम कहीं जा नहीं रहे हो; तुम व्यर्थ ही मेहनत कर रहे हो। रुको! सोचो पुनः! ये वे लोग थे जो तुम्हें समझा रहे थे कि आदमी बनो, कोल्हू के बैल नहीं।


(1)--तर्कशास्त्री भी तर्कशास्त्री था। उसने कहा, माना, देखा मैंने कि आंख पर पट्टी बांधी है। लेकिन कभी रुक कर भी तो देख सकता है कि कोई हांकने वाला है या नहीं।

(2)--उसने कहा, तुमने मुझे नासमझ समझा है? बैल से ज्यादा नासमझ समझा है? मैंने उसके गले में घंटी बांध रखी है। चलता रहता है, घंटी बजती रहती है। और मैं जानता हूं कि बैल चल रहा है। जैसे ही रुकता है, घंटी बंद हो जाती है। मैं जल्दी से उचक कर उसे हांक देता हूं। उसे पता नहीं चल पाता कि पीछे हांकने वाला नहीं था। जैसे ही घंटी रुकी कि मैंने हांका, कि मैंने हांक दी। तो वह डरा रहता है कि कोई पीछे है, जरा रुका कि कोड़ा पड़ेगा।