1ºBhagwati Prasad सब्जेक्ट: @RahulGandhi
यह राहुल का पूरा बयान है।
"सारे चोरों के सरनेम मोदी क्यों हैं? ललित मोदी, नीरव मोदी और नरेंद्र मोदी!
खोजेंगे तो कई मोदी निकलेंगे"
#निष्कर्ष :
️पहली बात, यह कथन एक जाति विशेष के विरुद्ध है, न कि प्रधानमंत्री मोदी जी के!
️दूसरी बात, मानहानि का मुकदमा प्रधानमंत्री जी ने दायर नहीं किया और न ही ललित या नीरव मोदी ने।
️तीसरी बात, राहुल गांधी को कोर्ट ने दोषी सिद्ध किया है, लोकसभा ने नहीं।
️चौथी बात, राहुल भारतीय लोकतंत्र के पहले नेता नहीं हैं, जिनकी सदस्यता समाप्त की गई हो, पहले भी कई लोग सदन हेतु अयोग्य घोषित हुए हैं!
️पाँचवी बात, इस मामले में स्वयं गांधी परिवार का अपना इतिहास है, 1978 में इंदिरा जी, 2006 में सोनिया और अब राहुल...
️छठी बात, इमरजेंसी वाली इंदिरा जी की कांग्रेस कह रही "देश में लोकतंत्र ख़त्म हो रहा है" इस पर भारतीय राजनीति के इतिहास की सामान्य समझ रखने वाला व्यक्ति भी हँस देगा!
️कुछ वामपंथी लोग कह रहे "अब इस देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा" ... आप चाहें, तो इस महावाक्य पर भी हँस सकते हैं।
️अपनी-अपनी जाति के विरुद्ध एक शब्द सुनते ही भड़क जाने वाले लोग राहुल के दूसरी जाती को चोर कहने को सामान्य कह रहे, हैरत की बात है!
️भगत सिंह जी की फाँसी पर चुप रहने वाला परिवार, आज़ाद जी की मुखबिरी करने वाला परिवार, हुतात्मा सँवारकर जी, नेता जी, पटेल जी, शास्त्री जी के ख़िलाफ़ साज़िश करने वाला परिवार की सांसदी चली जाये, घर चला जाये तो कौन सी बड़ी बात हो गई!
धर्म की जय हो, अधर्म का विनाश हो!
2ºअगर आरएसएस सरकार वास्तव में एससी,एसटी और ओबीसी की गरिमा और अधिकारों की परवाह करती है, तो सबसे पहले हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जजों में एससी ,एसटी और ओबीसी और वर्ग वार महिलाओं को आरक्षण दे। और साथ ही जातिगत जनगणना रोकने के बजाय जातिगत जनगणना कराये।
समान प्रतिनिधित्व का अधिकार मांगना दान या भीख नहीं है, यह हमारे संविधान में दिया गया अधिकार है, यह निष्पक्ष न्याय व्यवस्था के लिए आवश्यक हैl
और संविधान में समान प्रतिनिधित्व के दिए गए खुद के राजनीतिक अधिकारों के लिए न लड़ना गुलामी है। आजाद भारत में गुलामी करना बंद करो| डरना बंद करो|