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नोटबंदी के समय विपक्षियों का एक फेवरेट डायलॉग था. ... 'मोदी ने राजनीति के लिये अपनी बूढ़ी माँ को बैंक की लाइन में लगा दिया' !

काश ये महान लोग अभी जिंदा होते तो बोल पाते. .. ' अखिलेश ने चुनाव हारने के डर से अपने बूढ़े बाप को मंच पर ले जाकर खड़ा कर दिया '।

करहल में यादव परिवार के सभी नेता वोट मांगने में जुटे है। घर घर जाकर वोट माँगे जा रहे है वो भी उस विधानसभा में जहाँ यादव वोट 50% के आसपास है.. .वो भी उस सीट पर जो मुलायमसिंह यादव का गढ़ है। वहाँ टीपू की फटी पड़ी है ।

अपने वोटरों पर भी अब भरोसा नही है कि वो किस करवट बैठेंगे इसीलिये बिस्तर पर मुश्किल से करवट बदल पाने वाले बुजुर्ग और अस्वस्थ नेताजी को मंच पर लाकर खड़ा कर दिया जाता है। भैया मुझे नही वोट दे सकते तो इनको देखकर ही वोट दे दो।

ऐ पुलिस... ऐ पुलिस... .ऐ. .. हमको परेशान ना करो. .हम तो अब परमानेंट विपक्षी बनने वाले है।
Ashish Retarekar


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