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हद है गरिबो के लिये कुछ तो छोड दो अमीर ही धरती पर नही है एसी न्यूज विदेशो तक जाती है ओर भारत की बदनामी होती है न्यूज वालो को पता तो होना चाहिये कैसी न्यूज छापनी चाहिये समाजिकता वाली बात नही आयी इस खबर पर इससे ज्यादा ग्रामिण घर मे गाय पालकर बना लेते है घीघ किसान आंदोलन सडक पर बहुत लंबा खुद के अनाज ओर घी दूध दही पर ही टिका था....
करोना मे जब खाना बांटने गये तो गरिबो ने साफ मना कर दिया हमे भीख नही चाहिये हम मेहनत का लेते है तो बडि मुश्किल से समझाना पडा ये भीख नही है...
अब एसे मे कैसे बोल दे गरिब गलत है हो सकता है उन्होनो सोचा हो नाली मे बहे ये घी इससे अच्छा तो क्यो न किसी के काम आ जाये बिमार व्यक्ति के ही मालिश के...
इसे गलत तरिके छापा गया खबर को�
एडमिन ध्यान दे
#सोच_बदलो_देश_बदलेगा


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