2 टिप्पणियाँ

अधीर रंजन चौधरी के सबाल पर सोनियां गांधी की दो टके की औरत से क्या नौंक-झौंक? आसमान की ओर मुंह कर थूकने वाली बदतमीज की बदतमीजी के लिये दो शब्द ही का़फी, "डौंट टाँक टु मी"!
ये जो ताड़कायें, सुरसायें जो महिला सम्मान की बात कर रहीं हैं, चार दिन से क्या मरी पड़ी थी, मीडियायी कोठों पर मुजरे पेस करने पर क्या अकाल, सूखा पड़ा था, जब बीजेपी का बदतमीज सांड़ मीडियायी कोठे पर ही पगला गया था, और बेबजह, बिना सोनियां गांधी के विषय बस्तु से संबंधित डिबेट में भौंक रहा था, बार-वाला, बार-वाला, बार-वाला कम से कम १० वार! वो अलग बात है, उसके ये खानदानी संस्कार रहे हों! अपने परिवार में ७५ साल की अपनी महिला सदस्यों को वो ऐसे ही बोलता हो! लेकिन मीडियायी कोठे पर मुजरे पेस करने वालों को तो रोक लगानी चाहिये थी, लेकिन नहीं लगाई! सोने में सुहागा, आज वो महिला ये, जिनके खुद के चरित्र सीसे के हैं, वो दूसरों पर पत्थर मारते ग्यान झाड़ती दिखाई तीं?


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शुभंकर जी अब कांग्रेस का सोच नहीं बदल रहा है तो इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता कांग्रेस अभी भी उसी मानसिकता में है 2014 से पहले वाला लेकिन कांग्रेस को अब समझ जाना चाहिए पहले जनता को पता नहीं होता था ज्यादातर अब हर एक जनता को पता है ना तो आप महारानी है और ना ही आप राजा हैं इस देश के कांग्रेस की एक आम आदमी है इस देश का अगर भ्रष्टाचार किया है तो सवाल पूछे जाएंगे जांच होगा जांच होगा तो जेल भी जाओगे

यह हो वही कहावत हो गया खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे स्मृति ईरानी जी से पूरा #कांग्रेसडराहुआ है


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