1 टिप्पणियाँ

जहां केवल स्वार्थ की पूजा होती है,जन सेवा की नहीं।
परिवार का उच्चतम स्थान है राज्य के विकास का नहीं।।
जहां योग्यता ठुकराई जाती है,नौवा फेल मंत्री बनता है।
जहां जेलों में सड़नेवाला दल का राष्ट्रिय अध्यक्ष बनता है।।
सोचिये उस राज्य की जनता का क्या नही होनेवाला है??
जनता का ही नहीं उस राज्य का दिवाला निकलने वाला है।।
नेताओं ने बिहार को धर्म,जाति अगला पीछड़ा में बांटा है।
समाज को बांटकर,उनकी भलाई के नाम पर खूब लूटा है।।
बिहार की जनता को विकास नहीं धर्म जाति से ही नाता है।
और नेताओं को जनता का,राज्य का धन लूटना भाता है।।
दोनों खुश हैं,जनता भी,नेता भी। सच है न??


Link: http://www.vin3.org/index.php?c=article&cod=284126&lang=IN#vin3Comment-1346868
----------------------