1 टिप्पणियाँ
दुनिया का ऐसा प्रेम जितना आगे बढ़ता है निस्वार्थ और प्रकार होता चला जाता है क्योंकि इसे स्त्री बनाती है शायद सोशल मीडिया और समाज में इस की शुभकामनाएं देने वाले बहुत कम लोग नजर आते लेकिन यह मनुष्य की बेवकूफी है कि इसे सेलिब्रेट करने में शर्माते हैं शुभकामनाओं के बहुत कम संदेश देखने और पढ़ने को मिलते हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि करवा चौथ की शुभकामनाएं देने पर दुनिया यह न समझ ले कि व्यक्ति एक औरत का गुलाम है लेकिन मेरा मानना है कि औरत को सम्मान देने का इससे बढ़िया दिन हो ही नहीं सकता
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