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आज आरक्षण जो आर्थिक आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने सवालों के लिए दिया है और सरकार के कदम को सही ठहराया है उसमें लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है गरीब तो सभी जातियों में हैं यदि इस आधार पर 10% आरक्षण दिया गया था तो उदित राज जैसे नेताओं के पेट में दर्द क्यों हो रहा है क्यों हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर उंगली उठा रहा है यह व्यक्ति शायद इसे यह नहीं मालूम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अनुवाई में बनाया गया संविधान आरक्षण का समर्थन नहीं करता जब संविधान समर्थन नहीं करता यह संविधान संशोधन के द्वारा लागू किया हुआ था फिर भी सवारों ने इसे माना बैकवर्ड लोगों ने इसे माना बैकवर्ड को भी काफी समय बाद आरक्षण मिला लेकिन तुम्हारे जैसे निर्लज्ज लोग आज भी समाज बांटने पर उतारू हो शर्म आनी चाहिए तुम्हें अपने आप को एक राजनीतिक नेता बताते हुए तुझे तो किसी को घर की सफाई के लिए भी नहीं रखना चाहिए घर गंदा हो जाएगा

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दैविक जानकारी -मंगलवार 18 नवम्बर कार्तिक माह के पूर्णिमा को संध्या बेला पश्चात लगने वाला चन्द्र ग्रह कई राशि वाले को अति शुभ ऑर कई राशि वालो के लिए अति अशुभ साबित होगा ,यह चन्द्र ग्रहण अनेकों परिस्थिति में इस वर्ष संसार के कई देश ऑर कई राज्य के लिए अशुभ संकेत दे रहा है , यह ग्रहण संध्या बेला में चार बज कर वावन मिनट से छह बजकर तीस मिनट तक रहेगा , मन्दिर के कपाट खुलने समेत अन्य कार्य पुनः विधिवत शुद्धि पश्चात ही होगे,मन्दिर में पूजा पाठ आठ बजे से ही आरम्भ हो सकेंगे क्योंकि ग्रहण पूर्ण स्वरूप में समाप्त होगा उसके पश्चात शुद्धि करण में समय लगता है ,इस ग्रहण का खास महत्व है कि यह सूर्य के अस्त बेला ऑर चन्द्र के उदय बेला पर है , चन्द्र शिव यानी महादेव के मस्तक पर होते है , चन्द्र ऑर सूर्य कई राशि वालों के कारक है ,उनसे अनेकों फल प्रदान होते है , सूर्य ग्रह के राजा है , संसार में इस ग्रहण ऑर पूर्व के सूर्य ग्रहण का काफी प्रभाव होगा ,इससे कई देश में अस्थिरता होगा , अशांति होगे ,हिंसा होगा ,युद्य,महामारी , रोग ,शोक का अवस्था होगा , कई संसार के कई देश कई राज्य में अनेकों परिस्थिति में उथल पुथल होगा , कई राज्य में काफी अराजक हालत होगे , कई देश ऑर कई राज्य में राजा आने वाले काल में बदल जाएंगे ,कुछ महत्वपूर्ण राशि वाले राजयोग वाले सेवक को पुनः राज्य ऑर देश में सेवा में वापसी होगा ,इससे प्रभाव से संसार के कई खंड में यह ग्रहण खास कर जीव जंतु पशु पक्छी समेत जलचर थलचर वायूचर को प्रभावित करेगा ,यह ग्रहण अति फलदायक तो अति बिनाध्कराक बिनाष्कराक है ,कई महत्वपूर्ण राशि वालो के लिए यह काफी बेहतर परिणाम भविष्य में देगा ,भारत खंड में यह सूतक नौ घंटे का ऑर ग्रहण काल मात्र एक घंटा तीस मिनट का होगा । ग्रहण काल में गर्भवती महिला समेत अन्य को विधि नियम का पालन अनिवार्य होगा,वहीं खुले नेत्र से ग्रह कतई ना देखे यह काफी हानिकारक होगा,ग्रहण काल में भोजन ,प्रसाद ,किसी प्रकार का आहार बनना बनाना वर्जित है ,भोजन करना भी हानिकारक है ,इसमें बीमार , लाचार, वेवश , बाल वृध्य्य ही अल्पाहार या अशौधी ग्रहण कर सकते है ,ग्रहण काल में विधि नियम अनुसार साधना ,मंत्र उच्चारण किया जा सकता है ,इसमें सिद्धि हो सकता है ,ग्रहण में प्रयास करना है कि खुले आसमान के नीचे नहीं आना है ,क्योंकि यह ग्रहण काफी प्रभावकारी है , इसमें अनेकों विनाशकारी शक्ति का प्रभाव वातावरण में संचालित होगा ,ग्रहण इस वर्ष का अंतिम समय का खास ग्रहण है ,इस ग्रहण का मूल प्रभाव ,एवम् अप्रभाव आम लोगो के लिए एक वर्ष होगा ,बाकी साधु, संत ,अघोरी ,देवताओं के अंश , धर्म कार्य करने ऑर कराने वालों के अलावा जनसेवक के लिए मात्र फाल्गुन माह तक रहेगा ,इसके पश्चात हिंदी माह से वर्ष बदलते ही स्वतः कई राशि वालो का प्रभाव बदलने लगेगा ऑर उनके लिए शुभ ऑर कई राशि वाले के लिए अशुभ होगा , अगले वर्ष से पूर्व ही धर्म कार्य में तेजी से बढ़ोतरी लाना ही सबके लिय कल्याणकारी साबित होगा । विधिवत ,यज्ञ ,महायज्ञ ,कथा, प्रवचन ,अनुष्ठान , साधना , तप , दान पुण्य ही अति फलदायक एवम् कल्याणकारी होगा ।

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